ETV Bharat / state

उज्जैन में शिप्रा नदी में मिल रहे गंदे नाले, त्रिवेणी संगम में खन्ह नदी का छोड़ा पानी, कांग्रेस ने जताया विरोध - Ujjain Dirty Drains Mix Shipra

उज्जैन में शिप्रा नदी में आज भी गंदे नालों का पानी मिल रहा है. इसे लेकर साधु-संत लगातार विरोध कर रहे हैं. त्रिवेणी संगम पर खन्ह नदी का डैम टूटने की खबर लगते ही कांग्रेसी नेता त्रिवेणी संगम पर पहुंचे और टूटे हुए डेम को देखकर अपना विरोध जताया.

UJJAIN DIRTY DRAINS MIX SHIPRA
शिप्रा में गंदे नदी नाले का पानी छोड़ने पर कांग्रेस ने जताया विरोध (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 5:01 PM IST

उज्जैन में शिप्रा नदी में मिल रहे गंदे नाले ! (ETV Bharat)

उज्जैन। शिप्रा नदी में गंदे नदी नालों का पानी मिलना कोई नई बात नहीं है. लंबे समय से लोग विरोध कर रहे हैं और लंबे समय से ही कई परियोजनाएं बन चुकी हैं लेकिन हर साल विरोध और नदी की सफाई का क्रम अभी भी जारी है. इंदौर शहर का मल-मूत्र का पानी शिप्रा में मिलने को लेकर लगातार साधु संत तो विरोध कर ही रहे हैं, इसके अलावा कुछ दिन पहले शिप्रा नदी में गंदे नाले मिलने से कांग्रेस नेता महेश परमार ने गंदे पानी में बैठकर अपना विरोध जताया था. इसी के साथ फिर त्रिवेणी संगम पर खन्ह नदी का डैम टूटने की खबर लगते ही कांग्रेसी नेता त्रिवेणी संगम पर पहुंचे और टूटे हुए डेम को देखकर अपना विरोध जताया. इसे लेकर कलेक्टर का कहना है कि आगामी दिनों में जो त्यौहार है उसको ध्यान में रखते हुए डेम को तोड़ा गया है.

नगर निगम नेता प्रतिपक्ष ने लगाया आरोप

नगर निगम नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने आरोप लगाया कि "खन्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा में छोड़ा जा रहा है और यहां से सीधे पानी गऊघाट प्लांट में जाता है, इसी पानी को कहीं ना कहीं साफ करके शहर की जनता को पिलाया जाता है. निश्चित रूप से शहर के नागरिकों को लीवर, पीलिया की समस्या हो रही है, उनका डाइजेशन खराब हो रहा है. शासन-प्रशासन 20 साल से इस नदी का डाइमेंशन नहीं कर पा रहे हैं और लगभग 300 करोड़ रुपए खर्च करके इन बुद्धिमान लोगों ने खन्ह नदी को जिसमें पैंतीस लाख लोगों का मल मूत्र का पानी आ रहा है, उस नदी में इन्होंने पाइप लाइन डालने का काम किया. क्या यह संभव था यह कैसे टेक्निकल लोग ,कैसे बुद्धिजीवी लोग थे और कोई काम नहीं हुआ केवल एक पाइपलाइन डाली गई."

'श्रद्धालु कर रहे गंदे पानी का उपयोग'

नेता प्रतिपक्ष रवि राय का कहना है कि "उज्जैन शहर में डेढ़ से दो लाख लोग प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंचते हैं. संत महात्मा ऋषि मुनि मां शिप्रा में स्नान करने के बाद भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं पर क्या ये सब उचित है कि आप इंदौर के पैंतीस लाख लोगों के मल मूत्र के पानी में हमारे संतों महात्माओं को, उज्जैन के श्रद्धालुओं को और उज्जैन की जनता को यह सब पानी का उपयोग करा रहे हैं."

ये भी पढ़ें:

महाकाल नगरी में शिप्रा नदी बनी 'गंदा नाला' तो कांग्रेस नेता चहक चहक कर लगाने लगे डुबकी, वीडियो

शिप्रा का सारा गंदा पानी बाहर कर नर्मदा जल भरा, सीएम मोहन यादव ने डुबकी लगाई और तैराकी की

'डैम टूटा नहीं है उसे काटकर पानी निकाला'

उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि "उज्जैन के त्रिवेणी संगम पर डैम टूटा नहीं है उसे काटकर वहां से पानी निकाला है क्योंकि लगातार पानी ओवर फ्लो होने की स्थिति में था. आने वाले दिनों में त्योहारों पर जो स्नान होना है उसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है उसको दोबारा बनाया जाएगा".

उज्जैन में शिप्रा नदी में मिल रहे गंदे नाले ! (ETV Bharat)

उज्जैन। शिप्रा नदी में गंदे नदी नालों का पानी मिलना कोई नई बात नहीं है. लंबे समय से लोग विरोध कर रहे हैं और लंबे समय से ही कई परियोजनाएं बन चुकी हैं लेकिन हर साल विरोध और नदी की सफाई का क्रम अभी भी जारी है. इंदौर शहर का मल-मूत्र का पानी शिप्रा में मिलने को लेकर लगातार साधु संत तो विरोध कर ही रहे हैं, इसके अलावा कुछ दिन पहले शिप्रा नदी में गंदे नाले मिलने से कांग्रेस नेता महेश परमार ने गंदे पानी में बैठकर अपना विरोध जताया था. इसी के साथ फिर त्रिवेणी संगम पर खन्ह नदी का डैम टूटने की खबर लगते ही कांग्रेसी नेता त्रिवेणी संगम पर पहुंचे और टूटे हुए डेम को देखकर अपना विरोध जताया. इसे लेकर कलेक्टर का कहना है कि आगामी दिनों में जो त्यौहार है उसको ध्यान में रखते हुए डेम को तोड़ा गया है.

नगर निगम नेता प्रतिपक्ष ने लगाया आरोप

नगर निगम नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने आरोप लगाया कि "खन्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा में छोड़ा जा रहा है और यहां से सीधे पानी गऊघाट प्लांट में जाता है, इसी पानी को कहीं ना कहीं साफ करके शहर की जनता को पिलाया जाता है. निश्चित रूप से शहर के नागरिकों को लीवर, पीलिया की समस्या हो रही है, उनका डाइजेशन खराब हो रहा है. शासन-प्रशासन 20 साल से इस नदी का डाइमेंशन नहीं कर पा रहे हैं और लगभग 300 करोड़ रुपए खर्च करके इन बुद्धिमान लोगों ने खन्ह नदी को जिसमें पैंतीस लाख लोगों का मल मूत्र का पानी आ रहा है, उस नदी में इन्होंने पाइप लाइन डालने का काम किया. क्या यह संभव था यह कैसे टेक्निकल लोग ,कैसे बुद्धिजीवी लोग थे और कोई काम नहीं हुआ केवल एक पाइपलाइन डाली गई."

'श्रद्धालु कर रहे गंदे पानी का उपयोग'

नेता प्रतिपक्ष रवि राय का कहना है कि "उज्जैन शहर में डेढ़ से दो लाख लोग प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंचते हैं. संत महात्मा ऋषि मुनि मां शिप्रा में स्नान करने के बाद भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं पर क्या ये सब उचित है कि आप इंदौर के पैंतीस लाख लोगों के मल मूत्र के पानी में हमारे संतों महात्माओं को, उज्जैन के श्रद्धालुओं को और उज्जैन की जनता को यह सब पानी का उपयोग करा रहे हैं."

ये भी पढ़ें:

महाकाल नगरी में शिप्रा नदी बनी 'गंदा नाला' तो कांग्रेस नेता चहक चहक कर लगाने लगे डुबकी, वीडियो

शिप्रा का सारा गंदा पानी बाहर कर नर्मदा जल भरा, सीएम मोहन यादव ने डुबकी लगाई और तैराकी की

'डैम टूटा नहीं है उसे काटकर पानी निकाला'

उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि "उज्जैन के त्रिवेणी संगम पर डैम टूटा नहीं है उसे काटकर वहां से पानी निकाला है क्योंकि लगातार पानी ओवर फ्लो होने की स्थिति में था. आने वाले दिनों में त्योहारों पर जो स्नान होना है उसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है उसको दोबारा बनाया जाएगा".

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.