उज्जैन। वर्तमान में फिल्म अभिनेताओं और अभिनेत्रियों की तरह बाबा और साधु-संतों का भी खूब क्रेज देखने मिल रहा है. देशभर में कई बाबा इतने फेमस हैं, कि उनकी कथाओं में भीड़ को काबू करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में बाबाओं द्वारा कई बार दिए विवादित बयान भी सामने आते हैं. ऐसे साधु-संत और बाबा जो खुद को भगवान बताते या प्रचारित करते हैं, उनके खिलाफ अखाड़ा परिषद ने एक्शन लिया है. ऐसे संतों को नोटिस दिया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ सिंहस्थ 2028 को लेकर मध्य प्रदेश में तैयारियां अभी से शुरू हो गई है.
खुद को भगवान कहने वाले संतों को नोटिस
संतो को नोटिस जारी करने के मामले में अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि 'जो हमारे कंट्रोल मैं नहीं हैं, जो खुद को ब्रह्मा, विष्णु, महेश मानते हैं. जो मुस्लिम धर्म का प्रचार करते हैं. वो 2025 में प्रयागराज के महाकुंभ में प्रतिबंधित रहेंगे, यही हमारा निर्णय है. उन्होंने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि जो खुद को ब्रह्मा विष्णु महेश मानेगा, उसे प्रयागराज के कुंभ मेले में एंट्री नहीं मिलेगी. प्रयागराज कुंभ मेले में संतों के बीच में ऐसे लोग न हो, जिनकी वजह से वाद विवाद या राग द्वेष हो. हमारे बीच में कहीं ऐसे भी संत हैं, जो भगवान का नहीं अल्लाह का नाम लेते हैं और उनके धर्म का प्रचार करते हैं. ऐसे लोगों का विरोध करना जरूरी है.
30 सितंबर तक मांगा संतों से जवाब
उन्होंने कहा कि हम नोटिस लिखित में जारी नहीं करते, हम सर्फ मौखिक तौर पर आदेश जारी करते हैं. कई ऐसे संत-महात्मा परिषद में हैं, जो हमारे कंट्रोल में नहीं हैं और हमारा विरोध करते हैं. हम ये मौखिक आदेश नियम कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए जारी करते हैं. सनातन के विरोध में कोई कार्य नहीं करे, जहां भी जाएं ढंग से रहें. यही हमारा मानना है. ये अखाड़ों के अंदर की बाते है. ये बाहर नहीं जाए, इसलिए लिखित में कोई आदेश हमारे द्वारा जारी नहीं किए जाते. बता दें जूना अखाड़े ने 54 संत, श्री निरंजनी अखाड़े ने 24 संतों और निर्मोही अनी अखाड़े ने 34 संतों को नोटिस दिया है. संतों ने 30 सिंतबर तक जवाब की मांग की है. अगर तब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो महाकुंभ 2025 में उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा.
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सिंहस्थ 2028 तक वंदे भारत शुरू करने की मांग
वहीं 2028 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ को लेकर सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है. बुधवार को इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने रेलवे की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में सांसद लालवानी ने कहा कि कोशिश है कि सिंहस्थ 2028 से पहले इंदौर-उज्जैन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हो जाए. जिससे यात्रियों को सुविधा का लाभ मिल सके. साथ ही सड़क यातायात भी ज्यादा बाधित न हो.