जयपुर. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की गाइडलाइन को ताक पर रखते हुए पुराने ढर्रे पर संचालित यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है. जिन यूनिवर्सिटीज में छात्रों की शिकायतों का निवारण 2023 के नियमों के तहत लोकपाल नियुक्त नहीं किया है, यूजीसी ने ऐसे विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है. डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की सूची में राजस्थान की 14 यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जिनमें 7 सरकारी और 7 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं.
छात्रों की शिकायतों का निवारण करने के लिए यूजीसी ने देश के सभी 421 विश्वविद्यालय को लोकपाल नियुक्त करने के निर्देश जारी किए थे. इन निर्देशों की पालना नहीं करने वाले देश के 108 सरकारी 47 प्राइवेट और 2 डीम्ड विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित करते हुए यूजीसी ने ये सूची सार्वजनिक की है. इस सूची में राजस्थान के भी 14 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जिनमें से 7 विश्वविद्यालय सरकारी हैं.
डिफॉल्टर सरकारी विश्वविद्यालयों में जयपुर की बाबा आमटे दिव्यांग यूनिवर्सिटी, जोधपुर की जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी, बीकानेर की महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी, बीकानेर की वेटरनरी और एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, बीकानेर की स्वामी केशवानंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कोटा की कोटा यूनिवर्सिटी और जयपुर की विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी का नाम शामिल है.
एक और मौका दिया : इसी तरह यूजीसी ने प्राइवेट डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज का नाम भी सार्वजनिक किया है, जिनमें राजस्थान के 7 यूनिवर्सिटी हैं. इनमें जयपुर की अपेक्स यूनिवर्सिटी, जोधपुर की मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, उदयपुर की पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी, जयपुर की प्रताप यूनिवर्सिटी, चित्तौड़गढ़ का श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय, जोधपुर की जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी और कोटा की जय मिनेश आदिवासी यूनिवर्सिटी का नाम शामिल है.
हालांकि, यूजीसी में इन तमाम यूनिवर्सिटीज को एक मौका और देते हुए जल्द से जल्द लोकपाल नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. लोकपाल नियुक्त करने के साथ ही इसकी सूचना यूजीसी को प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया है, ताकि संबंधित यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर सूची से बाहर निकाला जा सके.