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अब नहीं होगा साल बर्बाद, एक साल में दो बार होंगे यूनिवर्सिटी और काॅलेज में एडमिशन - UGC Big Decision Admission Process

अब किसी कारणवश यदि आप यूनिवर्सिटी और कॉलेज में जून-जुलाई में एडमिशन नहीं ले पाते हैं तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. यूजीसी के इस नए फैसले से अब रेगुलर कोर्स में साल में 2 बार एडमिशन होगा.

UGC BIG DECISION ADMISSION PROCESS
इसी सत्र से लागू होगी 2 बार एडमिशन की व्यवस्था (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 12, 2024, 7:32 PM IST

UGC Big Decision Admission Process: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बड़ा फैसला करते हुए देश भर में यूनिवर्सिटी और कॉलेज के रेगुलर कोर्स में एक सत्र में दो बार एडमिशन की व्यवस्था मौजूदा सत्र से लागू कर दी है. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कई ऐसे छात्र जो निजी या दूसरे कारणों से एडमिशन नहीं ले पाते थे उन्हें अब उसी सत्र में दोबारा एडमिशन का मौका मिलेगा. इसके अलावा कैंपस प्लेसमेंट भी 2 बार आयोजित होगा. दरअसल ये व्यवस्था यूजीसी ने पिछले सत्र में ओपन और डिस्टेंस कोर्स में शुरू की थी. जिसको काफी सराहा गया और स्टूडेंट्स ने पसंद किया. इस व्यवस्था का करीब 5 लाख स्टूडेंट्स ने फायदा उठाया था. यूजीसी का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था दुनिया के कई देशों में लागू है और इसका फायदा उन छात्रों को होता है जो किसी कारणवश जून-जुलाई में एडमिशन नहीं ले पाते हैं.

इसी सत्र से लागू होगी 2 बार एडमिशन की व्यवस्था

सत्र 2024-25 के मामले में 5 मई को यूजीसी ने एक बैठक आयोजित की थी. इस बैठक में कई संस्थानों और यूनिवर्सिटी ने 2 बार एडमिशन की प्रवेश प्रणाली लागू करने के लिए आवेदन किया था. जिसमें जुलाई और जनवरी में दो बार प्रवेश की अनुमति मांगी गई थी. इस प्रवेश प्रणाली के फायदे देखते हुए फैसला लिया गया कि इसी सत्र से देश में यूनिवर्सटी और काॅलेज में द्विवार्षिक प्रवेश प्रणाली लागू कर दी जाएगी. यूजीसी का मानना है कि एक ही कोर्स में एक सत्र में दो बार एडमिशन की व्यवस्था दुनिया के कई देशों में लागू है. अब भारत में भी इसी तरह की प्रवेश प्रणाली लागू होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परस्पर सहयोग और छात्रों का आदान प्रदान बढ़ेगा.

करीब 5 लाख स्टूडेंट्स ने उठाया फायदा

यूजीसी ने पिछले सत्र 2023-24 में ओपन और डिस्टेंस कोर्स में दो बार एडमिशन की अनुमति दी थी. जिसका फायदा करीब 5 लाख स्टूडेंट्स ने उठाया था. जिसमें जुलाई में प्रवेश के समय करीब 20 लाख स्टूडेंट्स ने एडमीशन लिया था और जनवरी में दूसरे मौके में करीब सवा चार लाख स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया था. इसी परिणाम से उत्साहित होकर यूजीसी ने रेगुलर कोर्स में भी ये व्यवस्था लागू करने की अनुमति दी है. हालांकि यूनिवर्सिटी स्तर पर निर्देश है कि अपने पास उपलब्ध संसाधन और व्यवस्थाओं के आधार पर वो इस संबंध में फैसला ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें:

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छात्रहित में यूजीसी का बड़ा फैसला

डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के जनसंपर्क अधिकारी डाॅ विवेक जायसवाल का कहना है कि "यूजीसी का फैसला छात्रहित में है. ऐसे स्टूडेंट्स जो किसी कारणवश एडमिशन से वंचित रह जाते थे उनका परीक्षा परिणाम देर से आने पर या किसी दूसरे कारण से प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के कारण उनका एक साल बर्बाद होने का खतरा रहता था, उनको इस व्यवस्था से फायदा मिलेगा. अब उन्हें साल भर इंतजार नहीं करना होगा. इसके साथ ही साल मे दो बार कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित की जाएगी."

UGC Big Decision Admission Process: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बड़ा फैसला करते हुए देश भर में यूनिवर्सिटी और कॉलेज के रेगुलर कोर्स में एक सत्र में दो बार एडमिशन की व्यवस्था मौजूदा सत्र से लागू कर दी है. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कई ऐसे छात्र जो निजी या दूसरे कारणों से एडमिशन नहीं ले पाते थे उन्हें अब उसी सत्र में दोबारा एडमिशन का मौका मिलेगा. इसके अलावा कैंपस प्लेसमेंट भी 2 बार आयोजित होगा. दरअसल ये व्यवस्था यूजीसी ने पिछले सत्र में ओपन और डिस्टेंस कोर्स में शुरू की थी. जिसको काफी सराहा गया और स्टूडेंट्स ने पसंद किया. इस व्यवस्था का करीब 5 लाख स्टूडेंट्स ने फायदा उठाया था. यूजीसी का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था दुनिया के कई देशों में लागू है और इसका फायदा उन छात्रों को होता है जो किसी कारणवश जून-जुलाई में एडमिशन नहीं ले पाते हैं.

इसी सत्र से लागू होगी 2 बार एडमिशन की व्यवस्था

सत्र 2024-25 के मामले में 5 मई को यूजीसी ने एक बैठक आयोजित की थी. इस बैठक में कई संस्थानों और यूनिवर्सिटी ने 2 बार एडमिशन की प्रवेश प्रणाली लागू करने के लिए आवेदन किया था. जिसमें जुलाई और जनवरी में दो बार प्रवेश की अनुमति मांगी गई थी. इस प्रवेश प्रणाली के फायदे देखते हुए फैसला लिया गया कि इसी सत्र से देश में यूनिवर्सटी और काॅलेज में द्विवार्षिक प्रवेश प्रणाली लागू कर दी जाएगी. यूजीसी का मानना है कि एक ही कोर्स में एक सत्र में दो बार एडमिशन की व्यवस्था दुनिया के कई देशों में लागू है. अब भारत में भी इसी तरह की प्रवेश प्रणाली लागू होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परस्पर सहयोग और छात्रों का आदान प्रदान बढ़ेगा.

करीब 5 लाख स्टूडेंट्स ने उठाया फायदा

यूजीसी ने पिछले सत्र 2023-24 में ओपन और डिस्टेंस कोर्स में दो बार एडमिशन की अनुमति दी थी. जिसका फायदा करीब 5 लाख स्टूडेंट्स ने उठाया था. जिसमें जुलाई में प्रवेश के समय करीब 20 लाख स्टूडेंट्स ने एडमीशन लिया था और जनवरी में दूसरे मौके में करीब सवा चार लाख स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया था. इसी परिणाम से उत्साहित होकर यूजीसी ने रेगुलर कोर्स में भी ये व्यवस्था लागू करने की अनुमति दी है. हालांकि यूनिवर्सिटी स्तर पर निर्देश है कि अपने पास उपलब्ध संसाधन और व्यवस्थाओं के आधार पर वो इस संबंध में फैसला ले सकते हैं.

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छात्रहित में यूजीसी का बड़ा फैसला

डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के जनसंपर्क अधिकारी डाॅ विवेक जायसवाल का कहना है कि "यूजीसी का फैसला छात्रहित में है. ऐसे स्टूडेंट्स जो किसी कारणवश एडमिशन से वंचित रह जाते थे उनका परीक्षा परिणाम देर से आने पर या किसी दूसरे कारण से प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के कारण उनका एक साल बर्बाद होने का खतरा रहता था, उनको इस व्यवस्था से फायदा मिलेगा. अब उन्हें साल भर इंतजार नहीं करना होगा. इसके साथ ही साल मे दो बार कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित की जाएगी."

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