गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का आज गुरुवार को 9वां दीक्षा समारोह मनाया गया. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समारोह की मुख्य अतिथि रहीं. समारोह में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ विश्वविद्यालय की बीटेक की छात्रा उदिशा सिंह ने 6 गोल्ड मेडल हासिल का यूनिवर्सिटी टॉप की. उदिशा को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंच से सम्मानित किया.
ऐसा पहली बार देखने को मिला जब किसी गोल्ड मेडलिस्ट के माता-पिता को भी गवर्नर ने मंच पर बुलाया और उन्हें भी इस सम्मान का हिस्सा बनाया, जिससे उदिशा के माता-पिता भी बेहद गौरान्वित हुए. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में उदिशा ने कहा कि परिश्रम से ही कोई सफलता मिलती है. शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन, माता-पिता का आशीर्वाद उसमें बड़ा रोल अदा करता है.
उदिशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों और माता-पिता को दिया. कहा कि भविष्य की संभावना अनंत हैं. इसलिए इंजीनियरिंग के छात्रों को पूरी तैयारी के साथ अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाना चाहिए. सफलता निश्चित उनके कदम चूमेगी.
उदिशा के पिता डॉ. शिव सिंह और माता सुषमा सिंह बेटी की उपलब्धि से बेहद खुश हुईं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी आने वाले समय में निश्चित रूप से एक दिन देश का भी नाम रोशन करेगी. अभी तो उसने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को टॉप किया है और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उसने एक अलग पहचान बनाई है. लेकिन, वह शोध के क्षेत्र में अच्छा परिणाम देंगी ऐसी उम्मीद है.
उदिशा को जो छह स्वर्ण पदक मिले हैं उसमें कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कुलपति स्वर्ण पदक, आरएस सिह स्वर्ण पदक, लीलावती देवी स्मृति स्वर्ण पदक, क्लास ऑफ 1994 स्वर्ण पदक और देवकी देवी नांगलिया स्मृति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया है.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल और डिग्री हासिल करने वाले चाहे स्नातक के छात्र हों या शोधार्थी, उनकी डिग्रियों का असली महत्व तब है जब इसका लाभ राष्ट्र और समाज के उत्थान में भी दिखाई दे. डिग्रियां पाकर नौकरी के लिए खुद को तैयार कर लेना बहुत अच्छी बात है. लेकिन, अपनी डिग्री का उपयोग करते हुए कुछ ऐसे अनुसंधान और शोध के क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ना चाहिए जिससे देश का मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सके. बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिल सके. यह तभी संभव है जब संकल्प लेकर तय लक्ष्य की ओर आगे बढ़ा जाए.
उन्होंने कहा कि भारत के सामने एक मजबूत युवा शक्ति है, जिसके बल पर भारत दुनिया का सिरमौर बन सकता है. जापान आज भले ही बहुत आगे है लेकिन वहां पर युवाओं की तादाद बेहद कम है. ऐसे में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के सामने देश और समाज को आगे ले जाने का बड़ा अवसर है.