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एसीबी ने न्यायालय में जो तथ्य दिए उनमें झोल हुआ तो मेयर मुनेश गुर्जर को मिल सकती है अंतरिम राहत- खर्रा - Jhabar singh kharra on mayor issue

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित किए जाने की अटकलों पर कहा कि एसीबी ने न्यायालय में जो सबूत और तथ्य पेश किए यदि उनमें दम हुआ तो मेयर की याचिका खारिज हो जाएगी. न्यायालय को यदि तथ्यों में झोल मिला तो हो सकता है उन्हें अंतरिम राहत मिल जाए.

हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर
मुनेश गुर्जर को निलंबित करने का मामला (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2024, 9:28 PM IST

मुनेश गुर्जर को निलंबित करने का मामला (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित किए जाने की अटकलों के बीच यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि अधिकारियों ने कुछ गड़बड़ी की है, जिसकी वजह से फिलहाल आज से 3 दिन का नोटिस और दिया गया है. इससे पहले उन्होंने ये भी स्पष्ट कर दिया कि एसीबी ने न्यायालय में जो सबूत और तथ्य पेश किए यदि उनमें दम हुआ तो मेयर की याचिका खारिज हो जाएगी और न्यायालय को यदि तथ्यों में झोल मिला तो हो सकता है उन्हें अंतरिम राहत मिल जाए.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जहां सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी थी. वहीं, अब राज्य सरकार मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित करने की तैयारी कर रही है. हालांकि, फिलहाल महापौर मुनेश गुर्जर को तीन दिन का नोटिस और दिया गया है. स्थानीय निकाय विभाग ने मेयर मुनेश गुर्जर को फिर नोटिस जारी किया है, जिसमें नगरपालिका अधिनियम के तहत सुनवाई का अंतिम नोटिस देना जरूरी होने का हवाला दिया जा रहा है. हालांकि, मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अधिकारियों पर गहरी नाराजगी जताई है.

इसे भी पढ़ें- ACB की एफआईआर को रद्द कराने हाईकोर्ट पहुंची मेयर मुनेश, याचिका दायर - petition in Rajasthan High Court

न्यायालय साक्ष्य के आधार पर चलता है : खर्रा ने बताया कि जहां तक स्थानीय निकाय विभाग के नोटिस पर मेयर की ओर से दिए गए जवाब का सवाल है तो अपने बचाव में जो कुछ कहना होता है, वो सब कुछ कहते हैं. न्यायालय साक्ष्य के आधार पर चलता है. एसीबी ने क्या-क्या साक्ष्य जुटाए हैं उनका विश्लेषण न्यायालय करेगा और इस आधार पर न्यायालय फैसला लेगा, लेकिन मेयर के घर पर उनके पति पर जो छापा पड़ा, जो फाइलें मिली और नकद पैसा मिला है. उस पर मेयर का कहना है कि उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं. हालांकि, एसीबी ने न्यायालय में जो सबूत और तथ्य पेश किए यदि उनमें दम हुआ तो मेयर की याचिका खारिज हो जाएगी. न्यायालय को यदि तथ्यों में झोल मिला तो हो सकता है उन्हें अंतरिम राहत मिल जाए.

वहीं, निलंबन होने की स्थिति में कार्यवाहक महापौर बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि पार्षदों और पार्टी नेतृत्व से विचार करके कार्यवाहक महापौर के लिए जो भी योग्यतम होगा, उन्हें बनाया जाएगा. इस दौरान खर्रा ने बताया कि वर्तमान महापौर के खिलाफ बीजेपी पार्षदों के अलावा अन्य दलों के पार्षद भी आए हैं और उन्होंने ये माना है कि नगर निगम में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार हुआ है, इसलिए जो कोई मदद चाहिए वो करने को तैयार हैं. उन्हें भी बुलाया जाएगा और बाकी से भी बात करेंगे और जो उचित होगा, वो निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां तक माणक चौक थाने में मामला दर्ज होने का विषय है तो जो मामला अनुसंधान में है, उसमें अनुसंधान पूर्ण होने के बाद ही आगे की कोई बात की जा सकती है. कुछ शिकायत और आई हैं, उनकी भी पड़ताल चल रही है. उसमें अगर कोई तथ्य पाया जाता है तो आगे और भी कार्रवाई हो सकती है.

मुनेश गुर्जर को निलंबित करने का मामला (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित किए जाने की अटकलों के बीच यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि अधिकारियों ने कुछ गड़बड़ी की है, जिसकी वजह से फिलहाल आज से 3 दिन का नोटिस और दिया गया है. इससे पहले उन्होंने ये भी स्पष्ट कर दिया कि एसीबी ने न्यायालय में जो सबूत और तथ्य पेश किए यदि उनमें दम हुआ तो मेयर की याचिका खारिज हो जाएगी और न्यायालय को यदि तथ्यों में झोल मिला तो हो सकता है उन्हें अंतरिम राहत मिल जाए.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जहां सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी थी. वहीं, अब राज्य सरकार मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित करने की तैयारी कर रही है. हालांकि, फिलहाल महापौर मुनेश गुर्जर को तीन दिन का नोटिस और दिया गया है. स्थानीय निकाय विभाग ने मेयर मुनेश गुर्जर को फिर नोटिस जारी किया है, जिसमें नगरपालिका अधिनियम के तहत सुनवाई का अंतिम नोटिस देना जरूरी होने का हवाला दिया जा रहा है. हालांकि, मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अधिकारियों पर गहरी नाराजगी जताई है.

इसे भी पढ़ें- ACB की एफआईआर को रद्द कराने हाईकोर्ट पहुंची मेयर मुनेश, याचिका दायर - petition in Rajasthan High Court

न्यायालय साक्ष्य के आधार पर चलता है : खर्रा ने बताया कि जहां तक स्थानीय निकाय विभाग के नोटिस पर मेयर की ओर से दिए गए जवाब का सवाल है तो अपने बचाव में जो कुछ कहना होता है, वो सब कुछ कहते हैं. न्यायालय साक्ष्य के आधार पर चलता है. एसीबी ने क्या-क्या साक्ष्य जुटाए हैं उनका विश्लेषण न्यायालय करेगा और इस आधार पर न्यायालय फैसला लेगा, लेकिन मेयर के घर पर उनके पति पर जो छापा पड़ा, जो फाइलें मिली और नकद पैसा मिला है. उस पर मेयर का कहना है कि उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं. हालांकि, एसीबी ने न्यायालय में जो सबूत और तथ्य पेश किए यदि उनमें दम हुआ तो मेयर की याचिका खारिज हो जाएगी. न्यायालय को यदि तथ्यों में झोल मिला तो हो सकता है उन्हें अंतरिम राहत मिल जाए.

वहीं, निलंबन होने की स्थिति में कार्यवाहक महापौर बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि पार्षदों और पार्टी नेतृत्व से विचार करके कार्यवाहक महापौर के लिए जो भी योग्यतम होगा, उन्हें बनाया जाएगा. इस दौरान खर्रा ने बताया कि वर्तमान महापौर के खिलाफ बीजेपी पार्षदों के अलावा अन्य दलों के पार्षद भी आए हैं और उन्होंने ये माना है कि नगर निगम में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार हुआ है, इसलिए जो कोई मदद चाहिए वो करने को तैयार हैं. उन्हें भी बुलाया जाएगा और बाकी से भी बात करेंगे और जो उचित होगा, वो निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां तक माणक चौक थाने में मामला दर्ज होने का विषय है तो जो मामला अनुसंधान में है, उसमें अनुसंधान पूर्ण होने के बाद ही आगे की कोई बात की जा सकती है. कुछ शिकायत और आई हैं, उनकी भी पड़ताल चल रही है. उसमें अगर कोई तथ्य पाया जाता है तो आगे और भी कार्रवाई हो सकती है.

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