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रेयर रोबोटिक सर्जरी से दो महिलाओं को मिली नई जिंदगी, ब्रेस्ट की सेंसेशन और आकार को भी रखा बरकरार - Rare Robotic Surgery

दिल्ली के बिड़ला हॉस्पिटल में रेयर रोबोटिक सर्जरी से दो महिलाओं को नई जिंदगी मिली. ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को अपना शिकार बनाने वाला सबसे सामान्य कैंसर है.

रेयर रोबोटिक सर्जरी से दो महिलाओं को मिली नई जिंदगी
रेयर रोबोटिक सर्जरी से दो महिलाओं को मिली नई जिंदगी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 18, 2024, 10:24 PM IST

रेयर रोबोटिक सर्जरी से दो महिलाओं को मिली नई जिंदगी

नई दिल्ली: जटिल और एडवांस ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित दो महिला मरीजों का रोबोटिक-असिस्टेड ब्रेस्ट प्रिजर्वेशन सर्जरी की मदद से एक नया जीवन दिया गया है. भारत में यह दुर्लभ किस्म की सर्जरी दिल्ली के बिड़ला हॉस्पिटल में हुई है, जहां कैंसर मरीजों के स्तनों और निप्पल सेंसेशन को सुरक्षित रखने के लिए इस अनूठी तकनीक की मदद ली गई.

डायरेक्टर ऑफ सर्जिकल ओंकोलॉजी डॉ मनदीप सिंह मलहोत्रा ने दा-विंची रोबोट की मदद से मिनीमली इनवेसिव सर्जिकल तकनीक रोबोट-असिस्टेड फंक्शन ब्रेस्ट प्रिजर्वेशन सर्जरी को अंजाम दिया. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती 27 वर्षीय महिला को प्रसव के कुछ ही महीनों बाद स्तन में गांठ महसूस हुई थी, लेकिन वह अपनी तकलीफ को नजरअंदाज करती रही. उन लक्षणों की भी अनदेखा करती रही, जो प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान स्तन में बदलाव के रूप में सामने आते हैं.

इस बीच उनका स्तन कैंसर धीरे-धीरे बढ़कर एडवांस स्टेज में पहुंच गया. इस महिला को नियो एडजुवेंट कीमोथेरेपी दी गई, जो ट्यूमर के ऑप्टिमल रिमूवल में मददगार होती है. मरीज ने इस इलाज पर अच्छा रिस्पॉन्स दिखाया है. साथ ही बिना किसी जटिलता के आरएएफबीपीएस भी की गई और सर्जरी के बाद मरीज ने तेजी से रिकवरी की. डॉ. मनदीप सिंह ने बताया कि शुरुआत में मरीज कैंसर के चलते अपने स्तनों को हटाए जाने को लेकर चिंतित थी.

रोबोटिक आर्म की मदद से कैंसरग्रस्त टिश्यू को निकाला: दूसरे मामले में लगभग साठ साल की एक महिला में शुरुआती स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर का पता चला, लेकिन उनका कैंसर मल्टीफोकल था यानि 3 ब्रेस्ट लंप्स (स्तन में गांठें) थे. मरीज अपने स्तनों को हटाए जाने की आशंका से काफी परेशान थी. उन्हें सर्जरी के बाद अपने गिरते स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता बढ़ी हुई थी. मरीज को तत्काल सर्जिकल इंटरवेंशन की जरूरत थी, जिसके चलते उनकी आरएएफबीपीएस की गई.

इस सर्जरी में रोबोटिक आर्म की मदद से कैंसरग्रस्त टिश्यू को निकाला गया और साथ ही पीठ से निकाले गए टिश्यू की मदद से ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन भी किया गया, और ये दोनों प्रक्रियाएं सिंगल लेटरल मेमरी इंसाइजन से ही पूरी की गई. इस सर्जरी के बाद मरीज स्वास्थ्य लाभ कर रही है. डॉ. मनदीप सिंह ने बताया कि इस तरह की सर्जरी में रोबोट को कांख से स्तन में डाला जाता है, जो टिश्यू को हटाकर ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्ट करता है. इस प्रक्रिया में ब्रेस्ट स्किन और निप्पल दोनों का बचाव होता है. इस सर्जरी के बाद ब्रेस्ट काफी नेचुरल रहते हैं और उनमें पूरी सेंसेशन को भी सुरक्षित रखा जाता है.

बता दें, ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को अपना शिकार बनाने वाला सबसे सामान्य कैंसर है. महिलाओं में कैंसर के करीब 14 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के ही पाए गए हैं, जो वाकई चिंता का विषय है. स्तन कैंसर की हर दो महिला मरीजों में एक की मृत्यु इस रोग के चलते होती है. 2020 में 178,361 नए मामले सामने आए थे, शहरी महिलाओं में इसका रिस्क ज्यादा है.

रेयर रोबोटिक सर्जरी से दो महिलाओं को मिली नई जिंदगी

नई दिल्ली: जटिल और एडवांस ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित दो महिला मरीजों का रोबोटिक-असिस्टेड ब्रेस्ट प्रिजर्वेशन सर्जरी की मदद से एक नया जीवन दिया गया है. भारत में यह दुर्लभ किस्म की सर्जरी दिल्ली के बिड़ला हॉस्पिटल में हुई है, जहां कैंसर मरीजों के स्तनों और निप्पल सेंसेशन को सुरक्षित रखने के लिए इस अनूठी तकनीक की मदद ली गई.

डायरेक्टर ऑफ सर्जिकल ओंकोलॉजी डॉ मनदीप सिंह मलहोत्रा ने दा-विंची रोबोट की मदद से मिनीमली इनवेसिव सर्जिकल तकनीक रोबोट-असिस्टेड फंक्शन ब्रेस्ट प्रिजर्वेशन सर्जरी को अंजाम दिया. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती 27 वर्षीय महिला को प्रसव के कुछ ही महीनों बाद स्तन में गांठ महसूस हुई थी, लेकिन वह अपनी तकलीफ को नजरअंदाज करती रही. उन लक्षणों की भी अनदेखा करती रही, जो प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान स्तन में बदलाव के रूप में सामने आते हैं.

इस बीच उनका स्तन कैंसर धीरे-धीरे बढ़कर एडवांस स्टेज में पहुंच गया. इस महिला को नियो एडजुवेंट कीमोथेरेपी दी गई, जो ट्यूमर के ऑप्टिमल रिमूवल में मददगार होती है. मरीज ने इस इलाज पर अच्छा रिस्पॉन्स दिखाया है. साथ ही बिना किसी जटिलता के आरएएफबीपीएस भी की गई और सर्जरी के बाद मरीज ने तेजी से रिकवरी की. डॉ. मनदीप सिंह ने बताया कि शुरुआत में मरीज कैंसर के चलते अपने स्तनों को हटाए जाने को लेकर चिंतित थी.

रोबोटिक आर्म की मदद से कैंसरग्रस्त टिश्यू को निकाला: दूसरे मामले में लगभग साठ साल की एक महिला में शुरुआती स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर का पता चला, लेकिन उनका कैंसर मल्टीफोकल था यानि 3 ब्रेस्ट लंप्स (स्तन में गांठें) थे. मरीज अपने स्तनों को हटाए जाने की आशंका से काफी परेशान थी. उन्हें सर्जरी के बाद अपने गिरते स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता बढ़ी हुई थी. मरीज को तत्काल सर्जिकल इंटरवेंशन की जरूरत थी, जिसके चलते उनकी आरएएफबीपीएस की गई.

इस सर्जरी में रोबोटिक आर्म की मदद से कैंसरग्रस्त टिश्यू को निकाला गया और साथ ही पीठ से निकाले गए टिश्यू की मदद से ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन भी किया गया, और ये दोनों प्रक्रियाएं सिंगल लेटरल मेमरी इंसाइजन से ही पूरी की गई. इस सर्जरी के बाद मरीज स्वास्थ्य लाभ कर रही है. डॉ. मनदीप सिंह ने बताया कि इस तरह की सर्जरी में रोबोट को कांख से स्तन में डाला जाता है, जो टिश्यू को हटाकर ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्ट करता है. इस प्रक्रिया में ब्रेस्ट स्किन और निप्पल दोनों का बचाव होता है. इस सर्जरी के बाद ब्रेस्ट काफी नेचुरल रहते हैं और उनमें पूरी सेंसेशन को भी सुरक्षित रखा जाता है.

बता दें, ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को अपना शिकार बनाने वाला सबसे सामान्य कैंसर है. महिलाओं में कैंसर के करीब 14 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के ही पाए गए हैं, जो वाकई चिंता का विषय है. स्तन कैंसर की हर दो महिला मरीजों में एक की मृत्यु इस रोग के चलते होती है. 2020 में 178,361 नए मामले सामने आए थे, शहरी महिलाओं में इसका रिस्क ज्यादा है.

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