अजमेर. अजमेर केंद्रीय कारागार में दो कैदियों ने सोमवार को नुकीले सरिया से हेड कांस्टेबल पर हमला कर दिया, जिसमें हेड कांस्टेबल गंभीर रूप से जख्मी हो गए. इसके बाद आनन-फानन में उन्हें जेएलएन अस्पताल में भर्ती करावाया गया. वहीं, सूचना के बाद अस्पताल पहुंचे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सिटी) महमूद खान ने पूरी घटना की जानकारी ली. साथ ही मामले को गंभीर मानते हुए सिविल लाइन थाना पुलिस को आरोपी कैदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिटी महमूद खान ने बताया कि जेल अधीक्षक से बातचीत में जानकारी मिली है कि सेंट्रल जेल की बैरक संख्या 9 में बंद कैदी फरदीन और श्रवण ने नुकीले सरिए और ब्लेड से हेड कांस्टेबल राजेश कुमार पर जानलेवा हमला किया. इस हमले में हेड कांस्टेबल गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जिन्हें उपचार के लिए जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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उन्होंने बताया कि हमले के बाद हेड कांस्टेबल खुद चलते हुए बैरक से बाहर आए थे. उनकी आवाज सुनकर जेल के अन्य स्टाफ और अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके बाद जेल प्रशासन की मदद से घायल हेड कांस्टेबल को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उनका उपचार चल रहा है. हेड कांस्टेबल पर हमले के बाद जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल और हाई सिक्योरिटी जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ भी अस्पताल पहुंचे.
बीमारी का बहानाकर हेड कांस्टेबल को बैरक में बुलाया : जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि हमलावर कैदी फरदीन और श्रवण सोनी धारा 307 समेत अन्य मामलों में विचाराधीन हैं. उन्हें कुछ महीने पहले ही जयपुर जेल से अजमेर शिफ्ट किया गया था. हमलावर कैदी फरदीन पर उदयपुर जेल में भी कैदियों पर हमला करने का आरोप है. उन्होंने बताया कि हेड कांस्टेबल राजेश को देखकर दोनों ने बीमारी का बहाना बनाया और फिर उन्हें बैरक में बुलाकर उन पर नुकीले सरिए और ब्लेड से हमला कर दिया.
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दोनों आरोपी कैदियों ने हेड कांस्टेबल पर दो दर्जन से अधिक वार किए. इस हमले में वर्दी पहने हेड कांस्टेबल राजेश लहूलुहान हो गए. पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी कैदियों ने भवन निर्माण में काम आने वाले सरिए को नुकीला कर अपने पास रखा था. जेल प्रशासन की ओर से हमलावर कैदी फरदीन और श्रवण के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
साफ नहीं हुई हमले की वजह : हेड कांस्टेबल राजेश कुमार पर हुए हमले के कारण को लेकर अभी अधिकारी साफ तौर पर कुछ नहीं बोल पा रहे हैं. साथ ही इस हमले ने जेल में सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, अब जेल में मोबाइल मिलने की घटना आम हो चुकी है, लेकिन हेड कांस्टेबल पर हमले की घटना ने केंद्रीय कारागार की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है.