दौसा. जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह पैंथर और शावकों के नजर आने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई. क्षेत्र में पैंथर के आने की सूचना मिलने पर ग्रामीण अपने मवेशियों और अन्य पालतू जानवरों की सुरक्षा के लिए हाथों में लाठी-डंडे लेकर घरों के बाहर निगरानी करते रहे. ग्रामीण क्षेत्र में पैंथर के मूवमेंट से ग्रामीणों में भय व्याप्त है.
मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में स्थित नाहर खोहरा, डैंडान बसेड़ी, लाखनपुर और भावगढ़ गांव की बसावट पहाड़ी क्षेत्रों में है. ऐसे में यहां लगातार पैंथर सहित अन्य जंगली जानवरों का मूवमेंट बना रहता है. कई बार इन क्षेत्रों में रात के समय पैंथर द्वारा मवेशियों और श्वानों का शिकार भी किया जा चुका है. ऐसे में एक बार फिर से पैंथर के मूवमेंट को लेकर ग्रामीणों में भय का वातावरण बना हुआ है.
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4 शावकों के साथ 2 पैंथर नजर आए : स्थानीय लोगों का कहना है कि मंगलवार सुबह करीब 7 बजे ग्रामीणों को राजपूत ढाणी में घरों के पास पैंथर नजर आए. गांव में पैंथर के आने की खबर आग की तरह फैल गई. पैंथर के भय के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंच गए. इस दौरान पैंथर ग्रामीणों के डर से झाड़ियों के बीच में छुप गया, लेकिन कुछ देर बाद वह टहलता हुआ नजर आया.
ग्रामीणों का दावा है कि राजपूत ढाणी में सुबह आधा दर्जन पैंथर नजर आए, जिनमें 2 पैंथर 4 शावक हैं. सिकराय रेंजर चंद्रप्रकाश मीना ने बताया कि अभी तक इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, लेकिन अगर आबादी क्षेत्र में पैंथर का मूवमेंट है, तो ग्रामीणों को सावधानी बरतनी चाहिए. साथ ही पहाड़ी क्षेत्र में जाने से बचें.
3 माह पूर्व भी कुंए में मिला था पैंथर : बता दें कि करीब 3 माह पूर्व भी 19 मार्च को एक 3 माह की मादा पैंथर नाहर खोहरा गांव के आबादी क्षेत्र में आ गई थी, जो अपने शिकार का पीछा करते हुए एक खेत में बने करीब 150 फीट गहरे कुंए में जा गिरी थी, जिसे जयपुर से आई वन विभाग की टीम ने करीब 24 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला था.