मधेपुरा: कश्मीर आतंकी हमले में बिहार के तीन मजदूरों की मौत हुई है. इनमें दो मजदूर मधेपुरा के रहने वाले थे. घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. आतंकियों ने बेकसूर मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया, जिससे अब इन परिवारों के कमाई का सहारा और उनका एक अपना छीन गया. जम्मू कश्मीर के गांदरबल विधान सभा क्षेत्र में हुए इस आतंकी हमले में 6 मजदूरों की मौत हुई है और 5 मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं.
मधेपुरा के दो मजदूरों की मौत: बता दें कि इस आतंकी हमले में घायल मजदूरों का इलाज श्रीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. वहीं बिहार के मजदूरों का शव उनके घर भेजा जा रहा है. इस घटना में मधेपुरा के शंकरपुर प्रखंड के रामपुरलाही गांव के वार्ड संख्या 5 निवासी निजामुद्दीन के 45 वर्षीय पुत्र हनीफ और सदर प्रखंड के हनुमानगर चौड़ा गांव निवासी नजमुल के पुत्र कलीम की मौत हुई है.
दो की मौत से गांव में पसरा मातम: जहां आतंकी हमला हुआ, वह क्षेत्र सीएम उमर अब्दुला के चुनाव क्षेत्र गांदरबल विधान सभा में पड़ता है. अचानक हुई मजदूरों की मौत की खबर सुनते ही गांव में मातमी सन्नाटा छाया हुआ है. मृतक के परिजन गम में डूबे हैं. उनका कहना है कि आखिर इन बेकसूर मजदूरों का क्या कसूर था. हनीफ की मां ने बताया कि बेटे से 6 बजे शाम में बात हुई थी. उसने फोन पर कहा था कि दो-तीन दिनों में घर आएगा तो घर बनवाएगा और बेटी की शादी करेगा. उसके ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी.
"हमारा कोई और सहारा नहीं है. हनीफ की दो बेटियां हैं, जिनकी घर आने के बाद वो शादी करने वाला था. हमले से पहले शाम 6 बजे फोन पर बात हुई थी तो घर बनवाने की बात भी उसने कही थी. थोड़ी देर बाद शाम 7 बजे सूचना मिली की आतंकियों ने उसे गोली मार दी है, जिससे उसकी मौत हो गई."- मृतक की मां
परिवार का पेट पालने के लिए गया था कश्मीर: मृतक की पत्नी ने बताया कि हनीफ और उनके साथ रहने वाले कलीम पेंटर का काम करते थे. वो 7 महीने पहले अपने गांव से कश्मीर रोजी रोजगार की तलाश में गए थे. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि अन्य मजदूरों के अलावा मधेपुरा के दोनों मजदूर केंद्र सरकार की तरफ से बन रहे सुरंग प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे थे.
"हनीफ पेंटर का काम करते थे. वो 7 महीने पहले गांव से कलीम के साथ रोजगार की तलाश में कश्मीर गए थे. दिन भर काम करने के बाद रात को वो घर लौटे और खाना बनाकर खाया. जिसके बाद वो घर के बाहर टहल रहे थे, इसी दौरान आतंकियों ने उन पर गोलीबारी कर दी. गोली लगने से उनकी मौत हो गई. वही पूरे परिवार का देखभाल करते थे, उनके जाने के बाद हमारे जीने का सहारा हम से छिन गया है."- मृतक की पत्नी
घर के बाहर आतंकियों ने भूना: बताया जा रहा है कि दिन भर काम करने के बाद मजदूर रात को घर आकर खाना खाने वाले थे, उससे पहले वो घर के बाहर टहल रहे थे. वो इस बात से बेखबर थे कि ये रात उनकी जिंदगी की आखिरी रात है. टहलने के दौरान अचानक आतंकी हमले में जमकर गोलीबारी हुई, जिसका शिकार हनीफ और कलीम हो गए. पेट और पीठ पर गोली लगने से दोनों की मौत हो गई और अन्य मजदूर घायल हो गए. बहरहाल मृतक मजदूर के घर और गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.
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