हजारीबाग: राजनीति में कब दोस्ती खत्म हो जाए कहा नहीं जा सकता. आजकल कुछ ऐसी ही कहानी हजारीबाग लोकसभा सीट पर देखने को मिल रही है. कभी एक-दूसरे के दोस्त रहे दो प्रत्याशी आज चुनावी मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. वहीं एक दोस्त का टिकट काट दूसरे को प्रत्याशी बनाए जाने से भी दो दोस्तों के रिश्तों में खटास आ गई है. आने वाले दिनों में इनके बीच राजनीतिक बयानबाजी भी देखने को मिल सकती है.
दरअसल, हजारीबाग बीजेपी का गढ़ रहा है. लेकिन इस बार हजारीबाग की सियासी पिच तीन सियासी दोस्तों के बीच खींचतान की वजह बन गई है. पहले हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा का बीजेपी ने टिकट काटा और उनकी जगह पर उन्हीं के राजनीतिक दोस्त मनीष जायसवाल को अपना प्रत्याशी बना दिया. तभी से दोनों के रिश्तों में खटास की चर्चा है. इसके बाद मनीष जायसवाल के एक और दोस्त उन्हीं के खिलाफ चुनाव मैदान में खड़े हो गए हैं.
कभी एक-दूसरे का देते थे साथ
कभी ये दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले साथ-साथ रहा करते थे. इतना ही नहीं, दोनों ने इलाके में अच्छे दोस्त के रूप में अपनी पहचान बना ली थी. इन दोनों ने कई आंदोलनों में एक दूसरे का साथ भी दिया. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में दोनों एक-दूसरे के प्रबल प्रतिद्वंद्वी के तौर पर नजर आएंगे.
कभी मनीष जायसवाल के दोस्त और बीजेपी से विधायक रहे जेपी पटेल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें उन्हीं के दोस्त के खिलाफ हजारीबाग से कांग्रेस का उम्मीदवार बना दिया. अब दोनों दोस्त एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
अब वही दोस्त अपने दोस्त के खिलाफ बयान देता नजर आ रहा है. जेपी पटेल ने मनीष जायसवाल को लेकर टिप्पणी की है,
"मैं अपने मुद्दे पर चुनाव लड़ूंगा और वे अपने मुद्दे पर. लेकिन, इस बार हजारीबाग़ की जनता मुझे अपना प्रतिनिधि बनाकर सदन में भेजेगी." - जेपी भाई पटेल, कांग्रेस प्रत्याशी
जेपी पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ने पर मनीष जायसवाल ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जेपी पटेल उनके अच्छे दोस्त हैं और अच्छे दोस्त रहेंगे.
"जयप्रकाश भाई पटेल मेरे अच्छे दोस्त हैं और रहेंगे. दोस्ती बरकरार रहेगी. हर कोई राजनीतिक मंच पर चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है. जहां तक चुनाव की बात है तो हजारीबाग से कोई भी उम्मीदवार चुनाव लड़े, जीत तो बीजेपी की ही होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ा चेहरा देश में कोई नहीं है. यह चुनाव भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हो रहा है. कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार नहीं है. इसी वजह से वह बीजेपी विधायक को पार्टी में शामिल कर चुनाव लड़ रहे हैं." - मनीष जायसवाल, बीजेपी प्रत्याशी
हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं, जहां मौजूदा बीजेपी विधायक मनीष जयसवाल सांसद उम्मीदवार हैं तो वहीं मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल भी बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस ने हजारीबाग से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. अब देखना यह है कि हज़ारीबाग़ की जनता किसे अपना प्रतिनिधि बनाकर दिल्ली भेजती है.
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