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हत्याकांड में रिटायर्ड डीएसपी का बेटा समेत दो गिरफ्तार, अब पुलिस को मास्टरमाइंड का इंतजार - Two criminals arrested in Hazaribag

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 13 hours ago

Two criminals arrested in hazaribag. पुलिस ने जिले के बहुचर्चित लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक परशुराम प्रसाद की हत्या मामले में दो अपराधियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, इनमें एक रिटायर्ड डीएसपी का बेटा भी है. पुलिस ने बताया कि जल्द ही घटना का भी खुलासा हो जाएगा.

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हत्या मामले में आरोपी गिरफ्तारी (ETV BHARAT)

हजारीबाग: जिला पुलिस ने बहुचर्चित लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक परशुराम प्रसाद की हत्या मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें लातेहार जिला के बालूमाथ थाना अंतर्गत सेरेगढ़ा निवासी उमेश कुमार पांडये की गिरफ्तारी हजारीबाग रोड के हुपाद जंगल से हुई है. इसके पास से अपराध में इस्तेमाल मोटरसाइकल, एक मेड इन इटली लिखा पिस्तौल, 7.65 एमएम के दो कारतूस और मोबाइल बरामद हुए हैं.

जानकारी देते एसपी (ETV BHARAT)

हत्या मामले में हजारीबाग के कोर्रा थाना अंतर्गत दीपूगढ़ा निवासी सेवानिवृत्त डीएसपी अर्जुन राम के बेटे धनु पासवान को भी गिरफ्तार किया गया है. चतरा पुलिस ने भी इसकी गिरफ्तारी एक हत्या के मामले में की है, जिसे हजारीबाग पुलिस रिमांड पर लेगी. एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि यह एक ब्लाइंड वारदात था. जिसमें न परिजनों के पास किसी तरह का सुराग था और न ही कोई आई विटनेस था.

एक नंबर से पुलिस को मिला सुराग

घटना को लेकर सदर एसडीपीओ कुमार शिवाशीष के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. जिसमें मुफस्सिल थाना प्रभारी कुणाल किशोर, टाटी झरिया थाना प्रभारी सरोज सिंह चौधरी, मुफस्सिल थाना के एसआई जितेंद्र भगत, सत्यम, साकेत कुमार सिंह और सशस्त्र बल शामिल थे. एसपी ने बताया कि जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो अपराधियों का न ही मोबाइल लोकेशन मिल रहा था और न ही मृतक के मोबाइल में मैसेज या इनकमिंग या आउटगोइंग कॉल.

घटना के दिन परशुराम प्रसाद का जन्मदिन भी था. जब अपराधियों के पुराने दस्तावेज खंगाला गया तो कॉल डिटेल में एक नंबर आया. जिसके तार मृतक के मोबाइल से जुड़े हुए थे. उस नंबर का सीडीआर निकाला गया तो पाया गया कि उस नंबर का उपयोग जिसके नाम पर किया जा रहा है, वह बेंगलुरु में है और फर्जी तरीके से उसका नंबर लेकर अपराध किया गया. फिर इस नंबर की लोकेशन पर जब कॉल डंप निकाला गया तब उस नंबर की पुष्टि हो गई.

मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी से खुलेगा हत्या का राज

एसपी ने बताया कि इस अपराध को तीन अपराधियों ने अंजाम दिया है, जिसमें दो पकड़े जा चुके हैं और एक विक्की कुमार नामक युवक जो चतरा जिले के धनगड्डा का ही रहने वाला है, वह अभी फरार है. हालांकि इस घटना का मास्टरमाइंड कोई और है, जिसने तीनों अपराधियों को सुपारी देकर यह अपराध कराया गया. मास्टरमाइंड की भी पहचान हो गई है. बहुत जल्द उसकी गिरफ्तारी होगी.

एसपी ने कहा कि परशुराम इतना पैसे वाला भी नहीं था कि कोई उसकी हत्या करवा दे. हालांकि इसके पीछे का मामला क्या होगा. लेकिन यह खुलासा मास्टरमाइंड के गिरफ्तारी के बाद ही हो पाएगा. बता दें कि हजारीबाग के बहुचर्चित मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लाखे कब्रिस्तान के पास 6 अगस्त की शाम विष्णुगढ़ के लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक चतरा जिले के पत्थलगड्डा थाना अंतर्गत नुनगांव निवासी परशुराम प्रसाद को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

ये भी पढ़ें: हजारीबाग में मानवता शर्मसार! बीच चौराहे पर युवक ने तोड़ दिया दम, किसी ने नहीं ली सुध

ये भी पढ़ें: हजारीबाग में भीषण सड़क दुर्घटना, हादसे में तीन की मौत

हजारीबाग: जिला पुलिस ने बहुचर्चित लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक परशुराम प्रसाद की हत्या मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें लातेहार जिला के बालूमाथ थाना अंतर्गत सेरेगढ़ा निवासी उमेश कुमार पांडये की गिरफ्तारी हजारीबाग रोड के हुपाद जंगल से हुई है. इसके पास से अपराध में इस्तेमाल मोटरसाइकल, एक मेड इन इटली लिखा पिस्तौल, 7.65 एमएम के दो कारतूस और मोबाइल बरामद हुए हैं.

जानकारी देते एसपी (ETV BHARAT)

हत्या मामले में हजारीबाग के कोर्रा थाना अंतर्गत दीपूगढ़ा निवासी सेवानिवृत्त डीएसपी अर्जुन राम के बेटे धनु पासवान को भी गिरफ्तार किया गया है. चतरा पुलिस ने भी इसकी गिरफ्तारी एक हत्या के मामले में की है, जिसे हजारीबाग पुलिस रिमांड पर लेगी. एसपी अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि यह एक ब्लाइंड वारदात था. जिसमें न परिजनों के पास किसी तरह का सुराग था और न ही कोई आई विटनेस था.

एक नंबर से पुलिस को मिला सुराग

घटना को लेकर सदर एसडीपीओ कुमार शिवाशीष के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. जिसमें मुफस्सिल थाना प्रभारी कुणाल किशोर, टाटी झरिया थाना प्रभारी सरोज सिंह चौधरी, मुफस्सिल थाना के एसआई जितेंद्र भगत, सत्यम, साकेत कुमार सिंह और सशस्त्र बल शामिल थे. एसपी ने बताया कि जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो अपराधियों का न ही मोबाइल लोकेशन मिल रहा था और न ही मृतक के मोबाइल में मैसेज या इनकमिंग या आउटगोइंग कॉल.

घटना के दिन परशुराम प्रसाद का जन्मदिन भी था. जब अपराधियों के पुराने दस्तावेज खंगाला गया तो कॉल डिटेल में एक नंबर आया. जिसके तार मृतक के मोबाइल से जुड़े हुए थे. उस नंबर का सीडीआर निकाला गया तो पाया गया कि उस नंबर का उपयोग जिसके नाम पर किया जा रहा है, वह बेंगलुरु में है और फर्जी तरीके से उसका नंबर लेकर अपराध किया गया. फिर इस नंबर की लोकेशन पर जब कॉल डंप निकाला गया तब उस नंबर की पुष्टि हो गई.

मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी से खुलेगा हत्या का राज

एसपी ने बताया कि इस अपराध को तीन अपराधियों ने अंजाम दिया है, जिसमें दो पकड़े जा चुके हैं और एक विक्की कुमार नामक युवक जो चतरा जिले के धनगड्डा का ही रहने वाला है, वह अभी फरार है. हालांकि इस घटना का मास्टरमाइंड कोई और है, जिसने तीनों अपराधियों को सुपारी देकर यह अपराध कराया गया. मास्टरमाइंड की भी पहचान हो गई है. बहुत जल्द उसकी गिरफ्तारी होगी.

एसपी ने कहा कि परशुराम इतना पैसे वाला भी नहीं था कि कोई उसकी हत्या करवा दे. हालांकि इसके पीछे का मामला क्या होगा. लेकिन यह खुलासा मास्टरमाइंड के गिरफ्तारी के बाद ही हो पाएगा. बता दें कि हजारीबाग के बहुचर्चित मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लाखे कब्रिस्तान के पास 6 अगस्त की शाम विष्णुगढ़ के लक्ष्मी नर्सिंग होम के संचालक चतरा जिले के पत्थलगड्डा थाना अंतर्गत नुनगांव निवासी परशुराम प्रसाद को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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