बिलासपुर: कोटा के पटैता कोरीपारा इलाके में जीवन रक्षक टीका लगाने के बाद 2 बच्चों की मौत हो गई. अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि बच्चों की मौत टीका लगाने के बाद कैसे हुई. पटैता कोरीपारा के आंगनबाड़ी केंद्र में कुल सात बच्चों को टीका लगाया गया था. आरोप है कि टीका लगाने के बाद डेढ़ महीने और दो दिन के मासूम बच्चे की जान चली गई. बच्चों की मौत के बाद कांग्रेस नेता और पर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खुद जिला अस्पताल हालात का जायजा लेने पहुंचे.
टीका लगाने के बाद दो बच्चों की मौत: आंगनबाड़ी केंद्र में सभी बच्चों को टीका लगाया गया था. सभी बच्चों को बीसीजी और पेंटा वन का टीका लगाया गया था. टीका लगाने के बाद सभी बच्चों की तबीयत अचानक से खराब होने लगी. दो मासूमों की मौत हो गई जबकी बाकी पांच बच्चों को एहतियात के तौर पर जिला अस्पताल में डॉक्टर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. कुछ बच्चों को सीएचसी कोटा में भी रखा गया है. सभी बच्चे पूरी तरह से ठीक हैं.
अस्पताल पहुंचे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने टीकाकरण से मौत मामले में कहा कि ''एकसाथ कई बच्चों का बीमार होना सामान्य परिस्थिति नही है. आनन फानन में बच्चों के अंतिम संस्कार कर दिए गए. दलील दी गई है गांव वाले चीफ फाड़ से डरते हैं. पहले पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए था. जांच होती ती मौत की वजह पता चल जाती. कोटा क्षेत्र में शिशुरोग विशेषज्ञ का ना होना भी है एक समस्या है. संदिग्ध दवा के बैच के उपयोग पर भी रोक लगनी चाहिए, मामले की जांच होनी चाहिए.''