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चार लोगों की हत्या में 2 सगे भाई दोषी करार, 25 को होगा सजा का ऐलान, दारोगा ने दिखाई थी फर्जी गिरफ्तारी, जज ने लिखा पत्र - fake arrest mass murder case

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 9:36 AM IST

10 साल पहले हुए मैनपुरी सामूहिक हत्याकांड मामले में दो सगे भाई दोषी पाए गए हैं.सजा सुनाने के लिए अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने 25 जुलाई की तारीख तय की है.

सामूहिक हत्याकांड में दो सगे भाई दोषी करार.
सामूहिक हत्याकांड में दो सगे भाई दोषी करार. (Photo Credit; ETV Bharat)

मैनपुरी : प्रधानी की रंजिश में 10 साल पहले दिनदहाड़े हुए 4 लोगों की हत्या कर दी गई थी. सोमवार को इस सामूहिक हत्याकांड के आरोपी 2 सगे भाई मुकदमे की सुनवाई में दोषी पाए गए. दोनों को अदालत से हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है. सजा सुनाने के लिए अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने 25 जुलाई की तारीख तय की है.

इस मामले में दरोगा ने एक शख्स रामराज को करहल लाकर उसकी न केवल फर्जी गिरफ्तारी दिखाई, बल्कि उसके पास से एक तमंचा और कारतूस बरामद करने का दावा भी किया था. विवेचना करके विवेचक ने इस संबंध में चार्जशीट भी न्यायालय में भेज दी. इसके बाद रामराज को जेल भेज दिया गया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने दरोगा की कार्यशैली को चुनौती देते हुए फर्जी गिरफ्तारी और तमंचा सहित कारतूसों की बरामदगी को सबूतों के आधार पर झूठा साबित कर दिया.

गिरफ्तारी और तमंचा बरामदगी झूठी साबित होने पर अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने नाराजगी जताते हुए दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा है. वहीं आरोप साबित नहीं होने पर रामराज को आरोप से बरी कर दिया गया है.

इसे भी पढ़े-कानपुर देहात में 44 साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड में 5 दोषियों को उम्रकैद की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला

घटना करहल थाना के असरोही गांव की है. गांव में 20 सितंबर 2014 को सुबह लगभग 10 बजे भीड़भाड़ वाले बाजार में नीरज, सोनू, अखिलेश, सुशील की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. हत्या की रिपोर्ट सोनू के चाचा जितेंद्र उर्फ भूरे ने एक नाबालिग, रामजीलाल निवासी नगला खुशाल कुम्हेरी, शिशुपाल उसके भाई जगन्नाथ, थानसिंह, रामराज निवासी मनौना, संजीव निवासी नगला अतिराम थाना करहल, पुलरुआ निवासी नगला जुला थाना जसवंतनगर जिला इटावा के खिलाफ दर्ज कराई थी. पुलिस की चार्जशीट के बाद शिशुपाल और जगन्नाथ के खिलाफ अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह के न्यायालय में मुकदमा चला.

एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने अभियोजन की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों को न्यायालय में पेश किया. गवाहों ने सामूहिक हत्याकांड की पुष्टि करते हुए न्यायालय में गवाही दी. गवाही के आधार पर अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने दोनों सगे भाई शिशुपाल और जगन्नाथ को सामूहिक हत्याकांड का दोषी पाया है. जेल में रहते हुए जगन्नाथ ने अपने रिश्तेदार की मदद से हत्याकांड की साजिश रची थी. दोनों को अदालत से हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है. सजा सुनाने के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की गई है.

किशोर न्यायालय में चल रहा मुकदमा : प्रधानी की रंजिश में 10 साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देने वाले एक आरोपी का मुकदमा किशोर न्यायालय में चल रहा है. आरोपी के किशोर होने के कारण उसके मुकदमे की सुनवाई किशोर न्यायालय में नियमित रूप से की जा रही है.

यह भी पढ़े-सामूहिक हत्याकांड में बड़ा खुलासा, प्रयागराज में महिलाओं की ​​​​​​​लाशों के साथ रेप करते थे डकैत

मैनपुरी : प्रधानी की रंजिश में 10 साल पहले दिनदहाड़े हुए 4 लोगों की हत्या कर दी गई थी. सोमवार को इस सामूहिक हत्याकांड के आरोपी 2 सगे भाई मुकदमे की सुनवाई में दोषी पाए गए. दोनों को अदालत से हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है. सजा सुनाने के लिए अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने 25 जुलाई की तारीख तय की है.

इस मामले में दरोगा ने एक शख्स रामराज को करहल लाकर उसकी न केवल फर्जी गिरफ्तारी दिखाई, बल्कि उसके पास से एक तमंचा और कारतूस बरामद करने का दावा भी किया था. विवेचना करके विवेचक ने इस संबंध में चार्जशीट भी न्यायालय में भेज दी. इसके बाद रामराज को जेल भेज दिया गया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने दरोगा की कार्यशैली को चुनौती देते हुए फर्जी गिरफ्तारी और तमंचा सहित कारतूसों की बरामदगी को सबूतों के आधार पर झूठा साबित कर दिया.

गिरफ्तारी और तमंचा बरामदगी झूठी साबित होने पर अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने नाराजगी जताते हुए दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा है. वहीं आरोप साबित नहीं होने पर रामराज को आरोप से बरी कर दिया गया है.

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घटना करहल थाना के असरोही गांव की है. गांव में 20 सितंबर 2014 को सुबह लगभग 10 बजे भीड़भाड़ वाले बाजार में नीरज, सोनू, अखिलेश, सुशील की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. हत्या की रिपोर्ट सोनू के चाचा जितेंद्र उर्फ भूरे ने एक नाबालिग, रामजीलाल निवासी नगला खुशाल कुम्हेरी, शिशुपाल उसके भाई जगन्नाथ, थानसिंह, रामराज निवासी मनौना, संजीव निवासी नगला अतिराम थाना करहल, पुलरुआ निवासी नगला जुला थाना जसवंतनगर जिला इटावा के खिलाफ दर्ज कराई थी. पुलिस की चार्जशीट के बाद शिशुपाल और जगन्नाथ के खिलाफ अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह के न्यायालय में मुकदमा चला.

एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने अभियोजन की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों को न्यायालय में पेश किया. गवाहों ने सामूहिक हत्याकांड की पुष्टि करते हुए न्यायालय में गवाही दी. गवाही के आधार पर अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने दोनों सगे भाई शिशुपाल और जगन्नाथ को सामूहिक हत्याकांड का दोषी पाया है. जेल में रहते हुए जगन्नाथ ने अपने रिश्तेदार की मदद से हत्याकांड की साजिश रची थी. दोनों को अदालत से हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है. सजा सुनाने के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की गई है.

किशोर न्यायालय में चल रहा मुकदमा : प्रधानी की रंजिश में 10 साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देने वाले एक आरोपी का मुकदमा किशोर न्यायालय में चल रहा है. आरोपी के किशोर होने के कारण उसके मुकदमे की सुनवाई किशोर न्यायालय में नियमित रूप से की जा रही है.

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