राजनांदगांव: राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक साथ 20 डॉक्टरों ने इस्तीफा देने की पेशकश की है. उन्होंने सामूहिक इस्तीफे के लिए डीन को पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए डॉक्टरों ने कहा है कि सरकार की तरफ से निजी प्रैक्टिस को लेकर कड़ाई बरती गई है. अस्पतालों में हमारे निजी प्रैक्टिस को लेकर जो कड़ाई बरती गई है उससे खफा होकर हमने यह कदम उठाया है.
सरकार को फैसला वापस लेना होगा: डॉक्टरों की मांग है कि सरकार को यह फैसला वापस लेना होगा. हमारे निजी प्रैक्टिस पर रोक को हटाना पड़ेगा नहीं तो हम सामूहिक इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाएंगे. इतनी संख्या में डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे को लेकर राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में हड़कंप की स्थिति बन गई है. सरकार द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर जारी किए गए आदेश के बाद तीन डॉक्टर जिले भर में इस्तीफा दे चुके हैं. उसके बाद अब 20 डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफे को लेकर पेशकश की है जो काफी चिंताजनक है. उन्होंने इस्तीफे को लेकर डीन को पत्र लिख दिया है. अगर ऐसा हुआ तो मेडिकल कॉलेज की मान्यता भी खतरे में पड़ जाएगी.
20 लोगों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा के लिए पत्र सौंपा है. यह इस्तीफा डीन को दिया गया है,लेकिन डीन इसे स्वीकार करने के लिए अधिकृत नहीं है.इसे ऊपर भेजा जाएगा और शासन से जो भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे,उसके आधार पर कार्य किया जाएगा. इस इस्तीफे का मुख्य कारण निजी जगहों पर प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जा रही है वह है. उसके कारण ही यह नाराजगी देखी जा रही है. एक साथ इतनी बड़ी संख्या में इस्तीफे की पेशकश से मेडिकल कॉलेज की शैक्षणिक मान्यता पर भी प्रभाव पड़ेगा: डॉ.पवन जेठानी, पीआरओ,मेडिकल कॉलेज
सीएमएचओ और कलेक्टर सहित सभी उच्च अधिकारियों से बातचीत की गई है.अभी डॉक्टर ने इस्तीफा देने की मंशा जाहिर की है. इस मामले में उनसे बातचीत की जा रही है. उनकी जो छोटी मोटी मांगे हैं और जो तत्काल यहां पूरी हो सकती है उन्हें पूरा किया जाएगा: रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष, छत्तीसगढ़
कुछ दिन पहले दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में भी इस तरह की स्थिति पैदा हुई थी. यहां एक साथ 6 से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफे के लिए पत्र लिखा था. उसके बाद अब राजनांदगांव में यह देखने को मिल रहा है.