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अब शिंकुला दर्रे पर बनेगी टनल, मनाली से लेह आसानी से पहुंचेगी सेना की गाड़ियां, कम होगा 100 KM का सफर - Tunnel on Shinkula Pass

Tunnel will be built at Shinkula Pass in Himachal: हिमाचल प्रदेश में मनाली-लेह सड़क मार्ग के शिंकुला दर्रे पर टनल का निर्माण किया जाएगा. जिससे मनाली से लेह तक सेना की गाड़ियों की 12 महीने पहुंच आसन होगी. साथ ही करीब 100 किमी दूरी कम हो जाएगी. पढ़िए पूरी खबर...

शिंकुला दर्रे पर बनेगी टनल
शिंकुला दर्रे पर बनेगी टनल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 8, 2024, 3:31 PM IST

कुल्लू: भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण मनाली-लेह सड़क मार्ग पर सफर अब और आसान होने वाला है. मनाली-लेह सड़क मार्ग के शिंकुला दर्रे पर अब सीमा सड़क संगठन द्वारा टनल का निर्माण किया जा रहा है. जून माह के अंत तक इस टनल का कार्य शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में इस टनल के बनने से सेना के गाड़ियों की आवाजाही 12 महीने हो सकेगी और सेना देश की सरहदों पर भी आसानी से पहुंच पाएगी. बीआरओ द्वारा टनल निर्माण के लिए टेंडर भी कर दिए गए हैं और इस टनल निर्माण पर ₹1500 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. इस टनल के बनने से मनाली-दारचा-लेह वाया शिंकुला-पदुम और निम्मू मार्ग में 12 महीने सेना की गाड़ियों की आवाजाही चालू रहेगी.

पाक और चीन सीमा तक पहुंच होगी आसान: समुद्र तल से 16,580 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे को भेदकर बन रही टनल से पाक और चीन सीमा तक भारतीय सेना की पहुंच आसान होगी. टनल बनने से मनाली-कारगिल और मनाली-लेह सामरिक मार्ग के बीच 12 महीने सेना के साथ आम लोगों और पर्यटक वाहनों की आवाजाही होगी. अभी तक सेना की गाड़ियों को मनाली से लेह वाया सरचू करीब 17 घंटे का समय लगता है. लेकिन शिंकुला टनल होकर पाक और चीन बॉर्डर तक पहुंचने में 10 घंटे से भी कम समय लगेगा. वहीं, कारगिल, सियाचिन और एलओसी तक भारी मशीनरी को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.

जून माह के अंत शुरू हो जाएगा टनल का काम: सीमा सड़क संगठन की योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने बताया कि जून माह के अंत से शिंकुला टनल का काम शुरू किया जाएगा और तीन साल में इसे तैयार करने का लक्ष्य है. इससे मनाली से लेह सड़क की दूरी काफी कम होगी.

टनल बनने से कम होगी 100 किमी की दूरी: इस टनल के बनने से मनाली और लेह की दूरी करीब 100 किलोमीटर कम हो जाएगी. इस टनल को साल 2027 तक जनता को समर्पित करने का भी लक्ष्य रखा गया है. टनल के बनने से मनाली-लेह वाया सरचू होकर जांस्कर घाटी भी लाहौल से 12 महीने जुड़ी रहेगी. लेकिन इस सड़क के बीच आने वाले 16,500 फीट ऊंचे बारालाचा, 15,547 फीट नकिल्ला, 17,480 फीट तंगलांगला और 16,616 फीट ऊंचे लार्चुगला दरों की चुनौतियां खास हो जाएंगी. बारालाचा होकर मनाली-लेह की दूरी 427 किमी है. शिंकुला दर्रा होकर मनाली-लेह की दूरी करीब 440 किमी है. टनल बनने से करीब 100 किमी कम होगी.

टनल बनने से 12 महीने सड़कें खुली रहेंगी: मनाली से लेह के लिए अब दो वैकल्पिक मार्ग होंगे. एक मनाली-सरचू-लेह है, जो साल में करीब छह से सात माह भारी बर्फबारी से बंद हो जाता है. यह मार्ग 16,000 से 17,000 फीट ऊंचाई होकर जाता है. दूसरा मनाली-शिकुला-पदुम-निम्मू होकर यातायात 12 महीने खुला रहेगा. यह मार्ग समुद्रतल से करीब 12,000 फीट से होकर गुजरेगा. इसे जांस्कर घाटी भी लद्दाख के साथ लाहौल से 12 महीने जुड़ी रहेगी.

ये भी पढ़ें: मनाली की बेटी ने दुनिया की सबसे ऊंची लेक को किया फतह, जानें कौन है महिला

कुल्लू: भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण मनाली-लेह सड़क मार्ग पर सफर अब और आसान होने वाला है. मनाली-लेह सड़क मार्ग के शिंकुला दर्रे पर अब सीमा सड़क संगठन द्वारा टनल का निर्माण किया जा रहा है. जून माह के अंत तक इस टनल का कार्य शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में इस टनल के बनने से सेना के गाड़ियों की आवाजाही 12 महीने हो सकेगी और सेना देश की सरहदों पर भी आसानी से पहुंच पाएगी. बीआरओ द्वारा टनल निर्माण के लिए टेंडर भी कर दिए गए हैं और इस टनल निर्माण पर ₹1500 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. इस टनल के बनने से मनाली-दारचा-लेह वाया शिंकुला-पदुम और निम्मू मार्ग में 12 महीने सेना की गाड़ियों की आवाजाही चालू रहेगी.

पाक और चीन सीमा तक पहुंच होगी आसान: समुद्र तल से 16,580 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे को भेदकर बन रही टनल से पाक और चीन सीमा तक भारतीय सेना की पहुंच आसान होगी. टनल बनने से मनाली-कारगिल और मनाली-लेह सामरिक मार्ग के बीच 12 महीने सेना के साथ आम लोगों और पर्यटक वाहनों की आवाजाही होगी. अभी तक सेना की गाड़ियों को मनाली से लेह वाया सरचू करीब 17 घंटे का समय लगता है. लेकिन शिंकुला टनल होकर पाक और चीन बॉर्डर तक पहुंचने में 10 घंटे से भी कम समय लगेगा. वहीं, कारगिल, सियाचिन और एलओसी तक भारी मशीनरी को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.

जून माह के अंत शुरू हो जाएगा टनल का काम: सीमा सड़क संगठन की योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने बताया कि जून माह के अंत से शिंकुला टनल का काम शुरू किया जाएगा और तीन साल में इसे तैयार करने का लक्ष्य है. इससे मनाली से लेह सड़क की दूरी काफी कम होगी.

टनल बनने से कम होगी 100 किमी की दूरी: इस टनल के बनने से मनाली और लेह की दूरी करीब 100 किलोमीटर कम हो जाएगी. इस टनल को साल 2027 तक जनता को समर्पित करने का भी लक्ष्य रखा गया है. टनल के बनने से मनाली-लेह वाया सरचू होकर जांस्कर घाटी भी लाहौल से 12 महीने जुड़ी रहेगी. लेकिन इस सड़क के बीच आने वाले 16,500 फीट ऊंचे बारालाचा, 15,547 फीट नकिल्ला, 17,480 फीट तंगलांगला और 16,616 फीट ऊंचे लार्चुगला दरों की चुनौतियां खास हो जाएंगी. बारालाचा होकर मनाली-लेह की दूरी 427 किमी है. शिंकुला दर्रा होकर मनाली-लेह की दूरी करीब 440 किमी है. टनल बनने से करीब 100 किमी कम होगी.

टनल बनने से 12 महीने सड़कें खुली रहेंगी: मनाली से लेह के लिए अब दो वैकल्पिक मार्ग होंगे. एक मनाली-सरचू-लेह है, जो साल में करीब छह से सात माह भारी बर्फबारी से बंद हो जाता है. यह मार्ग 16,000 से 17,000 फीट ऊंचाई होकर जाता है. दूसरा मनाली-शिकुला-पदुम-निम्मू होकर यातायात 12 महीने खुला रहेगा. यह मार्ग समुद्रतल से करीब 12,000 फीट से होकर गुजरेगा. इसे जांस्कर घाटी भी लद्दाख के साथ लाहौल से 12 महीने जुड़ी रहेगी.

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