रुद्रप्रयाग: विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने व चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से धाम रवाना होने की तिथि घोषित कर दी गई है. बैसाखी पर्व पर घोषित तिथि के अनुसार इस वर्ष 10 मई को दोपहर 12 बजे कर्क लग्न में भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.
बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में घोषित तिथि के अनुसार 7 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूमठ से रवाना होगी. डोली का पहला रात्रि प्रवास भूतनाथ मंदिर में होगा. साथ ही श्रद्धालु नए अनाज का भोग लगाकर पुणखी मेले का आगाज करेंगे. 8 मई मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मंदिर में ही भक्तों को दर्शन देगी. 9 मई को भगवान तुंगनाथ की डोली भूतनाथ मंदिर से रवाना होकर अंतिम रात्रि प्रवास चोपता पहुंचेगी. 10 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए तुंगनाथ धाम पहुंचेगी.भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट दोपहर 12 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.
वहीं 20 मई को 11 बजे कर्क लग्न में भगवान मद्महेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे. भगवान मद्महेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में वैशाखी पर्व पर पंचांग गणना के तहत घोषित तिथि के अनुसार 16 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां गर्भगृह से सभा मंडप में विराजमान होगी तथा स्थानीय भक्तों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा. 17 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली सभा मंडप में ही भक्तों को दर्शन देगी.
18 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रासी पहुंचेगी. वहीं भगवान मद्महेश्वर की डोली 19 मई को राकेश्वरी मंदिर रासी से अंतिम प्रवास गौण्डार गांव पहुंचेगी. वहीं 20 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर मद्महेश्वर धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.
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