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देवउठनी एकादशी में तुलसी शालीग्राम का विवाह, लेकिन बाजार से रौनक गायब - DEVUTHANI EKADASHI

देवउठनी एकादशी पर दुकानें सजी हैं,लेकिन महंगाई के कारण भीड़ कम दिख रही है.

Devuthani Ekadashi but charm is missing from market
तुलसी शालीग्राम का विवाह, लेकिन बाजार से रौनक गायब (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 12, 2024, 5:53 PM IST


मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले में देवउठनी एकादशी के अवसर पर तुलसी विवाह का आयोजन किया जा रहा है. शालीग्राम के साथ तुलसी विवाह के साथ विधि-विधान से कराया जाता है. गन्ने का मंडप बनाकर पूजा-पाठ का आयोजन होता है. लेकिन इस बार महंगाई के कारण बाजार में रौनक नहीं दिख रही है.

पूजन सामग्री की दुकानों में सन्नाटा : तुलसी विवाह में इस्तेमाल होने वाली पूजन सामग्री की दुकानों में पूरी तैयारी कर ली गई है. दुकानदार ने बताया कि हमने गन्ना, सिंघाड़ा, कांदा, बेर, फल, फूल, चुनरी समेत सभी पूजन सामग्री की दुकान लगाई है.लेकिन अभी तक ग्राहकों की भीड़ नहीं दिख रही है. शाम तक ही रौनक बढ़ने की उम्मीद है. तुलसी विवाह में गन्ने का मंडप बनाने के लिए गन्ने की सबसे अधिक मांग होती है. नारियल, सिंघाड़ा, कांदा सहित अन्य सामग्री की भी बिक्री होती है.

महंगाई का असर इस बार तुलसी विवाह की पूजन सामग्री पर भी पड़ा है. पूजा सामग्री की कीमतें बढ़ने के कारण ग्राहक कम दिख रहे हैं. हर साल पूजा सामग्री के दामों में बढ़ोतरी होती है, जिससे इस साल भी बिक्री प्रभावित हुई है- हरेमाधव राव,दुकानदार


देवउठनी एकादशी का महत्व : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं. सृष्टि का संचालन फिर से संभालते हैं. इस दिन के बाद विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

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पूजन सामग्री की दुकानों में सन्नाटा : तुलसी विवाह में इस्तेमाल होने वाली पूजन सामग्री की दुकानों में पूरी तैयारी कर ली गई है. दुकानदार ने बताया कि हमने गन्ना, सिंघाड़ा, कांदा, बेर, फल, फूल, चुनरी समेत सभी पूजन सामग्री की दुकान लगाई है.लेकिन अभी तक ग्राहकों की भीड़ नहीं दिख रही है. शाम तक ही रौनक बढ़ने की उम्मीद है. तुलसी विवाह में गन्ने का मंडप बनाने के लिए गन्ने की सबसे अधिक मांग होती है. नारियल, सिंघाड़ा, कांदा सहित अन्य सामग्री की भी बिक्री होती है.

महंगाई का असर इस बार तुलसी विवाह की पूजन सामग्री पर भी पड़ा है. पूजा सामग्री की कीमतें बढ़ने के कारण ग्राहक कम दिख रहे हैं. हर साल पूजा सामग्री के दामों में बढ़ोतरी होती है, जिससे इस साल भी बिक्री प्रभावित हुई है- हरेमाधव राव,दुकानदार


देवउठनी एकादशी का महत्व : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं. सृष्टि का संचालन फिर से संभालते हैं. इस दिन के बाद विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

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