शिमला: हिमाचल में ग्रामीण क्षेत्रों में आउटसोर्स पर नौकरी के पीछे भागने के बजाए पढ़े लिखे युवा अब घर बैठे अच्छा पैसा कमा सकते हैं. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ट्राउट मछली का व्यवसाय रोजगार का एक अच्छा अवसर बनता जा रहा है.
हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली ट्राउट मछली की मांग देश में फाइव स्टार होटलों में काफी रहती है जिस कारण युवाओं के लिए ट्राउट मछली का उत्पादन फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर द्वार पर ही रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें और पैसा कमाने का अवसर प्राप्त हो सके.
प्रदेश में हजारों परिवार अपनी अजीविका के लिए मछली पालन पर निर्भर हैं इसलिए सरकार प्रदेश में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाने जा रही है ताकि मछुआरों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके. उन्होंने ट्राउट मछली के उत्पादन में वृद्धि का श्रेय मछुआरों और सरकार के संयुक्त प्रयासों को दिया. ट्राउट के उत्पादन में वृद्धि मछुआरों के कठोर परिश्रम और सरकार की सहायक नीतियों का सार्थक परिणाम है.
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा ट्राउट का उत्पादन
सीएम सुक्खू सुक्खू ने कहा "प्रदेश में ट्राउट मछली के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 15.70 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई है. इससे प्रदेश में ट्राउट का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2022-23 में ट्राउट मछली का उत्पादन 1170.50 मीट्रिक टन था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 1388 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार कर गया है.
वहीं, वर्ष 2021-22 में ट्राउट मछली का उत्पादन 913.50 मीट्रिक टन रहा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में नौ ट्राउट मत्स्य शालाएं (हैचरी) और निजी क्षेत्र में छह ट्राउट मत्स्य शालाएं चल रही हैं, जो मछली पालकों को बीज उपलब्ध करवा रही हैं.
इसके अलावा मत्स्य विभाग की ओर से मछली पालकों को ट्राउट पालन के लिए आधुनिक तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण भी मुहैया करवाया जा रहा है. शिमला जिले के दूरदराज क्षेत्र डोडरा क्वार में पहली बार लोगों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. सिरमौर, शिमला, चंबा, किन्नौर और कुल्लू जिले में भी इस तरह के प्रशिक्षण शिविर लगाए गए.
फाइव स्टार होटलों में डिमांड
मुख्यमंत्री ने कहा कुल्लू और मंडी जिले में ट्राउट पालन व्यावसायिक स्तर पर पहुंच गया है जिसकी चंडीगढ़ और दिल्ली के पांच सितारा होटलों में भारी मांग है. ट्राउट पालन की बढ़ती प्रसिद्धि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी नए आयाम दे रही है. उन्होंने कहा कि उन्नत कृषि तकनीक और बाजार में बढ़ती मांग के साथ ट्राउट उत्पादन में और अधिक वृद्धि की संभावना है.
इससे किसानों और राज्य को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि ट्राउट पालन के लिए हिमाचल का शीतल और ऑक्सीजन युक्त पानी उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है. बीते कुछ सालों में हिमाचल ट्राउट पालन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है और अब देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बन गया है. ट्राउट पालन आज प्रदेश के हजारों किसानों के लिए आय का एक उपयुक्त साधन बन गया है और इससे राज्य की ग्रामीण आर्थिकी को बल मिल रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मछुआरों को उच्च गुणवत्ता वाले ट्राउट बू्रड स्टॉक और रेनबो ट्राउट बीज प्रदान करने के लिए जिला कुल्लू के पतलीकूहल में ट्राउट ब्रूड बैंक स्थापित करने पर भी विचार कर रही है. यह कदम राज्य में ट्राउट उत्पादन को बढ़ाने के अलावा ट्राउट पालकों की आर्थिकी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होगा.
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