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एक और सपा सांसद छोटेलाल खरवार की बढ़ी मुश्किलें; हाईकोर्ट ने डीएम को दिया आदेश - TROUBLES FOR SP MP INCREASED

राबर्ट्सगंज(सु) सीट से एमपी छोटेलाल खरवार के जाति मामले को लेकर हाईकोर्ट ने डीएम को 10 हफ्ते में निपटारा करने का दिया आदेश

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 20, 2024, 8:41 PM IST

चंदौली: राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के मामले में सपा सांसद छोटेलाल खरवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सांसद पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे चुनाव लड़ने के आरोपों के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंदौली के डीएम को 10 हफ्तों में मामले का निपटारा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाए जाने के मामले में उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर जवाब तलब कर चुकी है. चंदौली के जिलाधिकारी निखिल फुंडे ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.

बता दें कि, अनुसूचित जनजाति (ST) के होने के बावजूद उन्होंने अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित राबर्ट्सगंज सीट से चुनाव लड़ा था. चंदौली जिले में खरवार जाति को एससी में जबकि सोनभद्र जिले में इसे एसटी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. सांसद खरवार का स्थायी पता सोनभद्र में होने के बावजूद उन्होंने चंदौली से एससी प्रमाणपत्र लेकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

लोकसभा चुनाव के दौरान सोनभद्र के एक मतदाता इंद्रजीत ने इस पर आपत्ति जताते हुए निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी. जब इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने चंदौली के डीएम को सभी तथ्यों की जांच कर 10 हफ्तों में फैसला सुनाने का निर्देश दिया है.

इससे पहले अपना दल (एस) की प्रत्याशी रिंकी सिंह ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर छोटेलाल खरवार के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने सांसद से जवाब मांगा था. अगर जांच में छोटेलाल खरवार का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है, तो उनकी लोकसभा सदस्यता को रद्द भी किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: घोसी सपा सांसद राजीव राय पर मुकदमा; डॉक्टर ने सरकारी काम में बाधा डालने, अभद्रता करने का लगाया आरोप

चंदौली: राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के मामले में सपा सांसद छोटेलाल खरवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सांसद पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे चुनाव लड़ने के आरोपों के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंदौली के डीएम को 10 हफ्तों में मामले का निपटारा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाए जाने के मामले में उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर जवाब तलब कर चुकी है. चंदौली के जिलाधिकारी निखिल फुंडे ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.

बता दें कि, अनुसूचित जनजाति (ST) के होने के बावजूद उन्होंने अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित राबर्ट्सगंज सीट से चुनाव लड़ा था. चंदौली जिले में खरवार जाति को एससी में जबकि सोनभद्र जिले में इसे एसटी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. सांसद खरवार का स्थायी पता सोनभद्र में होने के बावजूद उन्होंने चंदौली से एससी प्रमाणपत्र लेकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

लोकसभा चुनाव के दौरान सोनभद्र के एक मतदाता इंद्रजीत ने इस पर आपत्ति जताते हुए निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी. जब इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने चंदौली के डीएम को सभी तथ्यों की जांच कर 10 हफ्तों में फैसला सुनाने का निर्देश दिया है.

इससे पहले अपना दल (एस) की प्रत्याशी रिंकी सिंह ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर छोटेलाल खरवार के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने सांसद से जवाब मांगा था. अगर जांच में छोटेलाल खरवार का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है, तो उनकी लोकसभा सदस्यता को रद्द भी किया जा सकता है.

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