पलामू: माओवादियों के गढ़ और ट्रेनिंग सेंटर में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया. बूढ़ापहाड़ माओवादियों का झारखंड, बिहार और उत्तरी छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर रहा है. केंद्रीय रिजर्व बल (सीआरपीएफ) की मौजूदगी में बूढ़ापहाड़ इलाके में लगातार दूसरी बार स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया. पहली बार इलाके में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने स्वतंत्रता दिवस को लेकर आयोजित समारोह में भाग लिया. स्कूली बच्चों ने इलाके में तिरंगा यात्रा निकाली थी, जिसमें सीआरपीएफ के जवान शामिल हुए थे. सीआरपीएफ के जवानों ने बूढ़ापहाड़ के इलाके में एक ग्रामीण के बीच मिठाई बांटी और उनके हौसले को भी बढ़ाया.
दरअसल, बूढ़ापहाड़ के इलाके में साल 2023 में पहली बार स्वतंत्रता दिवस पर झंडोतोलन हुआ था. उस दौरान कम संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया था. लेकिन इस बार ग्रामीणों में एक अलग ही उत्साह था, जिसे काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. बूढ़ापहाड़ का झालुडेरा इलाके से माओवादी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को लेकर फरमान जारी करते थे जिसके बाद पूरे इलाके में झंडोतोलन नहीं होता था.
30 वर्षो तक माओवादियों का पूरे इलाके में कब्जा रहा था. इसके बाद 2022 में बूढ़ापहाड़ पर सुरक्षाबलों का कब्जा हुआ. जिससे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का आयोजन होने लगा. बूढ़ापहाड़ के इलाके में सीआरपीएफ की 172 बटालियन मौजूद रहे, जिसके नेतृत्व में स्वतंत्रता दिवस समारोह से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस मौके पर सीआरपीएफ के डीआईजी पंकज कुमार ने इलाके के ग्रामीणों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी.
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