अजमेर : सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से अमन और भाईचारे का संदेश सदियों से जाता रहा है. बुधवार को अजमेर दरगाह बाजार में तिरंगा वितरण कार्यक्रम के माध्यम से देशभक्ति के साथ कौमी एकता का भी संदेश दिया गया. दरगाह के मुख्य निजाम गेट से तिरंगा रैली में स्थानीय लोग शामिल हुए. इसमें 70 वर्ष से लेकर 8 वर्ष तक बच्चे भी रैली का हिस्सा बने. दरगाह आने वाले जायरीन को दरगाह बाजार में रैली में शामिल लोगों ने झंडे वितरित किए. साथ ही लोगों से राष्ट्रीय पर्व मनाने की अपील भी की गई. रैली में शामिल मदरसे की बालिकाओं ने देश भक्ति के तराने सुनाकर माहौल में उत्साह और उमंग भर दिया.
तिरंगा वितरण कार्यक्रम समिति के सह संयोजक नवाब हिदायतुल्लाह ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के बाहर तिरंगा वितरण का कार्यक्रम हर वर्ष किया जाता है. इसका मकसद है कि जिस तरह से धार्मिक त्योहार मनाए जाते हैं, उससे भी अधिक उत्साह के साथ राष्ट्रीय पर्व मनाया जाए. इस क्रम में दरगाह के निजाम गेट से लेकर दरगाह बाजार और धान मंडी तक तिरंगा रैली निकाली गई. रैली में शामिल विभिन्न धर्मो के लोगों और मदरसे की बालिकाओं ने लोगों को राष्ट्रीय पर्व मनाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी हमारी स्वतंत्रता के मायने को समझें. साथ ही स्वतंत्रता के लिए अनगिनत लोगों ने बलिदान दिया है उन शहीदों को याद रखें.
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देश भक्ति के साथ कौमी एकता का भी दिया संदेश : कार्यक्रम के संयोजक मोहम्मद मेहमूद खान ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा झंडा फहराने कि लोगों से रैली के माध्यम से अपील की गई है. साथ ही दरगाह बाजार में स्थित समस्त दुकानों को भी झंडे वितरित किए गए हैं. वहीं, देश-दुनिया के कोने-कोने से दरगाह आने वाले जायरीन को भी राष्ट्रीय पर्व मनाने के लिए प्रेरित किया गया है.
पिता से विरासत में मिला तिरंगा झंडा : रैली में शामिल हाजी चांद भाई ने बताया कि 15 अगस्त 1947 में देश को आजादी मिली थी, तब उनके पिता तिरंगा झंडा लेकर आए थे और उन्होंने उसे लहराया था. सन 1967 में उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां ने वह तिरंगा झंडा उन्हें दिया था और कहा था कि इसको हमेशा अपने पास रखना. तब से लेकर आज तक वह तिरंगा झंडा उन्होंने सहेजकर रखा है. उनका पूरा परिवार 15 अगस्त के दिन झंडा अपने घर की छत पर लहराते हैं.