जैसलमेर. राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा बीते दिनों आदिवासी समुदाय पर टिप्पणी करने के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है. सोमवार को जैसलमेर के हनुमान चौराहा पर जिला भील विकास समिति के बैनर तले युवाओं ने उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और दिलावर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जिला भील विकास समिति के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.
भील समुदाय के लोगों की मांग थी कि मदन दिलावर अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगे. उन्होंने कहा कि यदि दिलावर को बर्खास्त नहीं किया गया तो आदिवासी समुदाय उग्र आन्दोलन करेगा. गौरतलब है कि बीते दिनों शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए आदिवासियों के डीएनए जांच की मांग की थी.
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आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि शिक्षा मंत्री को अपनी मानसिकता की जांच करवानी चाहिए. वे शिक्षा मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे हैं. ऐसे में उन्हें ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है. उनको तत्काल अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगनी चाहिए. युवाओं ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा दिए गए बयान से आदिवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. हमारा समुदाय प्रकृतिपूजक है. प्राचीन काल से हमारी स्वयं की संस्कृति परम्परा और बोली है.
युवाओं ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा आदिवासियों के सम्बन्ध में दिए गए इस बयान पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी नहीं है और न ही वे आदिवासियों की संस्कृति से परिचित हैं. उन्होंने इस तरह के बयान देकर आदिवासियों की आस्था और पहचान को ठेस पहुंचाई है. इसको लेकर जिला भील विकास समिति के बैनर तले युवाओं ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर मदन दिलावर को शिक्षा मंत्री पद से बर्खास्त करने और आदिवासियों से माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.