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रांची में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन, आदिवासी नेताओं ने केंद्र सरकार को बताया आदिवासी विरोधी

Tribal unity mega rally in Ranchi. रांची में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया. इस रैली में डिलिस्टिंग और केंद्र सरकार के खिलाफ आदिवासी नेताओं ने जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को दी जाने वाली सुविधाएं खत्म करने की केंद्र सरकार साजिश रच रही है.

Tribal unity mega rally
Tribal unity mega rally
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 4, 2024, 6:02 PM IST

Updated : Feb 4, 2024, 6:41 PM IST

आदिवासी एकता महारैली का आयोजन

रांची: जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा 24 दिसंबर को आयोजित डीलिस्टिंग रैली के जवाब में रविवार विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा मोरहाबादी मैदान में आदिवासी एकता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें कई आदिवासी संगठनों के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष शिवाजी राव मोहले भी शामिल हुए और कहा कि आरएसएस और बीजेपी द्वारा धर्म बदलने वाले आदिवासियों को दी जाने वाली सुविधाएं खत्म करने की घिनौनी साजिश रची जा रही है, इसलिए सभी आदिवासियों को इसके खिलाफ एकजुट रहना होगा.

शिवाजी राव मोहले ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए वन अधिकार कानून को आज कमजोर किया जा रहा है. केंद्र में हमारी सरकार बनी तो आदिवासियों को वनवासी कहने पर सजा देने का कानून बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में हेमंत सोरेन को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि वह आदिवासी हैं. पूरे देश में 16 करोड़ आदिवासी हैं जिनके अधिकारों का हनन हो रहा है. दिल्ली में राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार बनेगी तो आदिवासियों का राज होगा.

'केंद्र सरकार आदिवासी विरोधी': पूर्व सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासी विरोधी है. ये इसका ताजा उदाहरण है, हेमंत सोरेन को परेशान करना. प्रदीप बलमुचू ने कहा कि मणिपुर जैसी घटना हुई लेकिन प्रधानमंत्री ने आदिवासियों के लिए एक शब्द भी नहीं कहा. उन्होंने मणिपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मणिपुर जैसी घटना झारखंड में भी हो सकती है. इसलिए हम सभी आदिवासियों को एकजुट रहना होगा. 2024 के लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों को हराना होगा.

आदिवासी एकता महारैली की अध्यक्षता कर रहे लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार देश में आदिवासियों के तमाम मुद्दों और संविधान द्वारा आदिवासियों को मिले सुरक्षा कवच को कमजोर कर रही है. भाजपा सरकार जल, जंगल, जमीन, समाज और अखाड़ा को खत्म करना चाहती है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा. हम किसी से भीख नहीं मांग रहे हैं, पेसा कानून,वनाधिकार सहित जो कुछ कानून में लिखा है वह आदिवासियों को दे दो. भाजपा के 12 सांसद सरना धर्म कोड की मांग क्यों नहीं करते?

बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी 32 प्रकार के होते हैं. अगर हम सब आपस में लड़ेंगे तो मुखिया भी नहीं बन पाएंगे. इसलिए हम सभी को मिलजुल कर रहना होगा. बंधु तिर्की ने कहा कि बिहार और यूपी से आये लोग अपने आप को बहुत होशियार समझते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि आदिवासियों में हम भी पढ़े-लिखे लोग हैं, हमने इस तरह का पूरा दस्तावेज बना लिया है, अब हम दिकू को पढ़ाएंगे. बंधु तिर्की ने कहा कि आपस में झगड़ा कराकर छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने वाली भाजपा ने जैसे ही सरकार बनी जंगलों को पूंजीपतियों को दे दिया. जब हमारे मुख्यमंत्री ने आदिवासियों की बात की तो उन्हें ईडी में फंसा कर जेल भेज दिया गया.

'बीजेपी और आरएसएश जमीन हड़पने की चर रहे साजिश': बंधु तिर्की ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी हमारी जमीन हड़पने की साजिश कर रहे हैं. समान नागरिक संहिता एक साजिश है, इसके लागू होने से हमारा सब कुछ नष्ट हो जाएगा. हम आदिवासी ऐसा कभी नहीं होने देंगे. आज अंग्रेज चमचा पेंशन लेता है तो हमें ज्ञान देता है. आज चुनौती बहुत बड़ी है, संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है, आज अन्याय हो रहा है, इसीलिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही है. वह कहते फिर रहे हैं कि आदिवासी विश्व के मालिक हैं. पहले हम आदिवासी हैं, फिर सरना, ईसाई या कुछ और हमें सरना धर्म कोड देना होगा. बंधु तिर्की ने कहा कि आज से यह आंदोलन गांव-गांव तक जायेगा और आदिवासी समाज अपने बच्चों को शिक्षित बनाये और युवा शराब पीना बंद करें.

यह भी पढ़ें: डीलिस्टिंग रैली के जवाब में रांची में आदिवासी एकता महारैली कल, तैयारी में जुटे आदिवासी संगठन

यह भी पढ़ें: डीलिस्टिंग के समर्थन में आदिवासियों ने खूंटी में दिया धरना, ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को जनजाति सूची से हटाने की मांग

यह भी पढ़ें: डीलिस्टिंग की मांग को लेकर सड़क पर उतरे आदिवासी समाज के लोग, धर्मांतरण का किया विरोध

आदिवासी एकता महारैली का आयोजन

रांची: जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा 24 दिसंबर को आयोजित डीलिस्टिंग रैली के जवाब में रविवार विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा मोरहाबादी मैदान में आदिवासी एकता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें कई आदिवासी संगठनों के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष शिवाजी राव मोहले भी शामिल हुए और कहा कि आरएसएस और बीजेपी द्वारा धर्म बदलने वाले आदिवासियों को दी जाने वाली सुविधाएं खत्म करने की घिनौनी साजिश रची जा रही है, इसलिए सभी आदिवासियों को इसके खिलाफ एकजुट रहना होगा.

शिवाजी राव मोहले ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए वन अधिकार कानून को आज कमजोर किया जा रहा है. केंद्र में हमारी सरकार बनी तो आदिवासियों को वनवासी कहने पर सजा देने का कानून बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में हेमंत सोरेन को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि वह आदिवासी हैं. पूरे देश में 16 करोड़ आदिवासी हैं जिनके अधिकारों का हनन हो रहा है. दिल्ली में राहुल गांधी के नेतृत्व में सरकार बनेगी तो आदिवासियों का राज होगा.

'केंद्र सरकार आदिवासी विरोधी': पूर्व सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासी विरोधी है. ये इसका ताजा उदाहरण है, हेमंत सोरेन को परेशान करना. प्रदीप बलमुचू ने कहा कि मणिपुर जैसी घटना हुई लेकिन प्रधानमंत्री ने आदिवासियों के लिए एक शब्द भी नहीं कहा. उन्होंने मणिपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मणिपुर जैसी घटना झारखंड में भी हो सकती है. इसलिए हम सभी आदिवासियों को एकजुट रहना होगा. 2024 के लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों को हराना होगा.

आदिवासी एकता महारैली की अध्यक्षता कर रहे लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार देश में आदिवासियों के तमाम मुद्दों और संविधान द्वारा आदिवासियों को मिले सुरक्षा कवच को कमजोर कर रही है. भाजपा सरकार जल, जंगल, जमीन, समाज और अखाड़ा को खत्म करना चाहती है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा. हम किसी से भीख नहीं मांग रहे हैं, पेसा कानून,वनाधिकार सहित जो कुछ कानून में लिखा है वह आदिवासियों को दे दो. भाजपा के 12 सांसद सरना धर्म कोड की मांग क्यों नहीं करते?

बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी 32 प्रकार के होते हैं. अगर हम सब आपस में लड़ेंगे तो मुखिया भी नहीं बन पाएंगे. इसलिए हम सभी को मिलजुल कर रहना होगा. बंधु तिर्की ने कहा कि बिहार और यूपी से आये लोग अपने आप को बहुत होशियार समझते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि आदिवासियों में हम भी पढ़े-लिखे लोग हैं, हमने इस तरह का पूरा दस्तावेज बना लिया है, अब हम दिकू को पढ़ाएंगे. बंधु तिर्की ने कहा कि आपस में झगड़ा कराकर छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने वाली भाजपा ने जैसे ही सरकार बनी जंगलों को पूंजीपतियों को दे दिया. जब हमारे मुख्यमंत्री ने आदिवासियों की बात की तो उन्हें ईडी में फंसा कर जेल भेज दिया गया.

'बीजेपी और आरएसएश जमीन हड़पने की चर रहे साजिश': बंधु तिर्की ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी हमारी जमीन हड़पने की साजिश कर रहे हैं. समान नागरिक संहिता एक साजिश है, इसके लागू होने से हमारा सब कुछ नष्ट हो जाएगा. हम आदिवासी ऐसा कभी नहीं होने देंगे. आज अंग्रेज चमचा पेंशन लेता है तो हमें ज्ञान देता है. आज चुनौती बहुत बड़ी है, संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है, आज अन्याय हो रहा है, इसीलिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही है. वह कहते फिर रहे हैं कि आदिवासी विश्व के मालिक हैं. पहले हम आदिवासी हैं, फिर सरना, ईसाई या कुछ और हमें सरना धर्म कोड देना होगा. बंधु तिर्की ने कहा कि आज से यह आंदोलन गांव-गांव तक जायेगा और आदिवासी समाज अपने बच्चों को शिक्षित बनाये और युवा शराब पीना बंद करें.

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Last Updated : Feb 4, 2024, 6:41 PM IST
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