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डीलिस्टिंग के समर्थन में आदिवासियों ने खूंटी में दिया धरना, ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को जनजाति सूची से हटाने की मांग

Tribal protest in Khunti. डीलिस्टिंग के समर्थन में आदिवासियों ने खूंटी में धरना दिया. इस दौरान आदिवासियों ने कहा कि सरना समाज की परंपराएं अलग हैं. इसलिए ईसा और मूसा को मानने वाले लोग जनजातियों का हक नहीं मारें, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय को मिलने वाले आरक्षण का लाभ लें.

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Tribal Protest In Khunti
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2024, 9:53 PM IST

खूंटीः जनजातीय समुदाय से ईसाई बने लोगों को जनजातीय सूची से डीलिस्टिंग करने की मांग को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले आदिवासियों ने खूंटी में बुधवार को एक दिवसीय धरना दिया. धरना प्रदर्शन में जनजाति समुदाय के दिग्गज नेताओं ने जनजातीय सूची से ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को हटाने की मांग की. इस दौरान आदिवासियों ने नारेबाजी की.

सरना समाज की परंपराएं नहीं मानते हैं धर्मांतरण कर चुके लोगः खूंटी में बुधवार को जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले डीलिस्टिंग के मामले को लेकर धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. धरना-प्रदर्शन में जिले के अखिल भारतीय सरना समाज के लोग उपस्थित थे. इस संबंध में अखिल भारतीय सरना समाज के अध्य्क्ष भीम सिंह मुंडा ने कहा कि सरना समाज की परंपराएं भिन्न हैं. ईसाई समुदाय के लोग सरना समाज की परंपराओं को नहीं मानते हैं, जबकि ईसाई समुदाय के लोग जनजातियों को मिलने वाली सारी सुविधाएं लेते हैं.

ईसा और मूसा को मानने वाले लोग अल्पसंख्यक का लाभ लेंः ईसाई समुदाय और मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक वर्ग में आते हैं. ईसाई समुदाय और मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक कैटेगरी का लाभ लें, जनजातीय कोटे का आरक्षण का लाभ ना लें. डीलिस्टिंग के मामले पर कई आदिवासी नेताओं ने अपनी बात रखी और कहा कि ईसा और मूसा को मानने वाले दोनों अल्पसंख्यक का लाभ लें. जनजातीय समुदाय ईसाई बने आदिवासियों को जनजातीय सूची से बाहर करवाने के लिए डिलिस्टिंग मामले पर धरना प्रदर्शन करती रहेगी. बुधवार को आयोजित धरना में काफी संख्या में आदिवासी मौजूद थे.

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खूंटीः जनजातीय समुदाय से ईसाई बने लोगों को जनजातीय सूची से डीलिस्टिंग करने की मांग को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले आदिवासियों ने खूंटी में बुधवार को एक दिवसीय धरना दिया. धरना प्रदर्शन में जनजाति समुदाय के दिग्गज नेताओं ने जनजातीय सूची से ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को हटाने की मांग की. इस दौरान आदिवासियों ने नारेबाजी की.

सरना समाज की परंपराएं नहीं मानते हैं धर्मांतरण कर चुके लोगः खूंटी में बुधवार को जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले डीलिस्टिंग के मामले को लेकर धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. धरना-प्रदर्शन में जिले के अखिल भारतीय सरना समाज के लोग उपस्थित थे. इस संबंध में अखिल भारतीय सरना समाज के अध्य्क्ष भीम सिंह मुंडा ने कहा कि सरना समाज की परंपराएं भिन्न हैं. ईसाई समुदाय के लोग सरना समाज की परंपराओं को नहीं मानते हैं, जबकि ईसाई समुदाय के लोग जनजातियों को मिलने वाली सारी सुविधाएं लेते हैं.

ईसा और मूसा को मानने वाले लोग अल्पसंख्यक का लाभ लेंः ईसाई समुदाय और मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक वर्ग में आते हैं. ईसाई समुदाय और मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक कैटेगरी का लाभ लें, जनजातीय कोटे का आरक्षण का लाभ ना लें. डीलिस्टिंग के मामले पर कई आदिवासी नेताओं ने अपनी बात रखी और कहा कि ईसा और मूसा को मानने वाले दोनों अल्पसंख्यक का लाभ लें. जनजातीय समुदाय ईसाई बने आदिवासियों को जनजातीय सूची से बाहर करवाने के लिए डिलिस्टिंग मामले पर धरना प्रदर्शन करती रहेगी. बुधवार को आयोजित धरना में काफी संख्या में आदिवासी मौजूद थे.

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