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बिरसा मुंडा की जयंती पर छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन, ऐसी हैं तैयारियां - TRIBAL PRIDE DAY

जशपुर से जनजातीय गौरव दिवस के समारोह का शुभारंभ होगा. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल होंगे.

TRIBAL PRIDE DAY
जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 11, 2024, 6:41 PM IST

Updated : Nov 11, 2024, 7:20 PM IST

रायपुर: बिरसा मुंडा की विरासत और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों के योगदान का उत्सव मनाने के लिए पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है. मनसुख मंडाविया छत्तीसगढ़ में 'जनजातीय गौरव दिवस' समारोह के हिस्से के रूप में पदयात्रा करेंगे. केंद्रीय युवा मामले और खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, मेरे भारत युवा स्वयं सेवकों के साथ भगवान बिरसा मुंडा 'माटी के वीर' पदयात्रा करेंगे. 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस के हिस्से के रूप में पदयात्रा में सीएम विष्णुदेव साय समेत राज्य के अन्य मंत्री भी शामिल होंगे.

जनजातीय गौरव दिवस की तैयारियां: आदिवासी विरासत को याद करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और आदिवासी समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस विशेष कार्यक्रम में 10,000 से अधिक एमवाई भारत युवा स्वयं सेवकों की भागीदारी देखी जाएगी, जो आदिवासी संस्कृति, विरासत और विरासत की रक्षा और संरक्षण की भावना को बढ़ावा देंगे. जनजातीय गौरव दिवस के जरिए आदिवासी युवाओं को उनकी महान विरासत के बारे में भी बताया जाएगा. नई पीढ़ी को उसकी जानकारी दी जाएगी.

17 राज्यों के कलाकार होंगे शामिल: जनजातीय गौरव दिवस पर छत्तीसगढ़ के साथ 17 राज्यों के आदिवासी कलाकार अपनी लोक परंपरा का प्रदर्शन करेंगे. जिसमें आदि लोक नृत्य नाटिका, भील भगोरिया नृत्य, गारो और आओ नागा कार्यक्रमों को पेश किया जाएगा. मुख्य आयोजन रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में 14 और 15 नवंबर को होगा. पीएम मोदी 15 नवंबर को बिहार के जमुई में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आगाज करेंगे. पीएम मोदी वर्चुअली छत्तीसगढ़ में होने वाले कार्यक्रमों से जुड़ेंगे. सीएम विष्णु देव साय के निर्देश पर सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. सभी कार्यक्रमों को लेकर आदिम जाति विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

रायपुर के साइंस कॉलेज में होगा मुख्य कार्यक्रम: 14 और 15 नवंबर को होने वाले कार्यक्रमों में देशभर से कलाकार शामिल होने के लिए पहुंचेंगे. मुख्य रुप से अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मेघालय, असम, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के आदिवासी कलाकार अलग अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. आयोजन के दौरान जनजातीय गौरव दिवस से जुड़े विषयों पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही जनजातीय जीवन शैली प चित्रकला प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी.

कोमड़ो गांव से शुरु होगी पदयात्रा: कोमड़ो गांव से निकलने वाली पदयात्रा में आदिवासी नेताओं के देश में दिए गए योगदान को दिखाया जाएगा. आदिवासी संस्कृति और उनकी सभ्यता को लोगों के सामने अलग अलग माध्यमों के जरिए रखा जाएगा. आदिवासी विरासत को नई पहचान देने के लिए ये पदयात्रा निकाली जाएगी. पदयात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ''एक पेड़ मां के नाम'' पौधारोपण कर करेंगे. पदयात्रा के दौरान आदिवासी नायकों और वीरों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी. आदिवासी शिल्प और कला का प्रदर्शन भी इस मौके पर किया जाएगा. ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलन को भी याद किया जाएगा.

आदिवासी विरासत को ऐसे किया जाएगा याद

  • आदवासी परिवार के लोग अपने सांस्कृतिक परंपरा को संगीत और नृत्य के जरिए पेश करेंगे.
  • नाटकों और झांकियों के जरिए ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, वीरता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन करेंगे.
  • समाज के लिए चलाए जा रहे सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी. महिला लाभार्थियों की सूचना भी दी जाएगी.
  • रंगोली, पेंटिंग और आदिवासी कला सहित साहित्य को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाएं होंगी.
  • युवाओं के लिए ''माय भारत पोर्टल'' और ''एनवायकेएस'' की सफलता को बताया जाएगा.
  • आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी साथ ही कार्यक्रम में कलाकार आदिवासी परंपरा के मुताबिक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे.
  • आयोजन में पद्म पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन किया जाएगा.
  • पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा.
  • आयोजन के दौरान स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के आदिवासी परंपरा अनुसार खाने पीने की चीजें परोसी जाएंगी.

युवा यहां जाकर कर सकते हैं अपना रजिस्ट्रेशन: मंत्रालय की कोशिश है कि लोगों के बीच आदिवासी परंपरा और जीवन शैली को सामने लाया जाए, उसकी बारीकियों को समझा जाए. सरकार की चल रही कल्याणकारी योजनाओं की उनको पूरी जानकारी मिले उसका लाभ हो इसकी कोशिश की जाए. युवाओं को भी अपनी आदिवासी विरासत को समझने और जुड़ने का मौका मिले. उन सभी कामों के लिए आदिवासी गौरव दिवस एक बड़ा मंच साबित होगा. शासन की ओर से कहा गया है कि जो भी इस आयोजन में जुड़ना चाहता है वो www.mybharat.gov.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है.

पूरे भारत में किया जाएगा आयोजन: संविधान के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक साल तक चलने वाले उत्सव में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के अंतर्गत माय भारत, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को अपनाने और प्रदर्शित करने के लिए पूरे भारत में पदयात्राओं का आयोजन किया जाएगा.

आदिवासी परंपराओं का मुख्य केंद्र है सरगुजा की समृद्ध लोककला
बाजा अउ मोहरी के धुन म थिरक उठीस बिधायक गुलाब कमरो
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रायपुर: बिरसा मुंडा की विरासत और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों के योगदान का उत्सव मनाने के लिए पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है. मनसुख मंडाविया छत्तीसगढ़ में 'जनजातीय गौरव दिवस' समारोह के हिस्से के रूप में पदयात्रा करेंगे. केंद्रीय युवा मामले और खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, मेरे भारत युवा स्वयं सेवकों के साथ भगवान बिरसा मुंडा 'माटी के वीर' पदयात्रा करेंगे. 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस के हिस्से के रूप में पदयात्रा में सीएम विष्णुदेव साय समेत राज्य के अन्य मंत्री भी शामिल होंगे.

जनजातीय गौरव दिवस की तैयारियां: आदिवासी विरासत को याद करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और आदिवासी समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस विशेष कार्यक्रम में 10,000 से अधिक एमवाई भारत युवा स्वयं सेवकों की भागीदारी देखी जाएगी, जो आदिवासी संस्कृति, विरासत और विरासत की रक्षा और संरक्षण की भावना को बढ़ावा देंगे. जनजातीय गौरव दिवस के जरिए आदिवासी युवाओं को उनकी महान विरासत के बारे में भी बताया जाएगा. नई पीढ़ी को उसकी जानकारी दी जाएगी.

17 राज्यों के कलाकार होंगे शामिल: जनजातीय गौरव दिवस पर छत्तीसगढ़ के साथ 17 राज्यों के आदिवासी कलाकार अपनी लोक परंपरा का प्रदर्शन करेंगे. जिसमें आदि लोक नृत्य नाटिका, भील भगोरिया नृत्य, गारो और आओ नागा कार्यक्रमों को पेश किया जाएगा. मुख्य आयोजन रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में 14 और 15 नवंबर को होगा. पीएम मोदी 15 नवंबर को बिहार के जमुई में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आगाज करेंगे. पीएम मोदी वर्चुअली छत्तीसगढ़ में होने वाले कार्यक्रमों से जुड़ेंगे. सीएम विष्णु देव साय के निर्देश पर सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. सभी कार्यक्रमों को लेकर आदिम जाति विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

रायपुर के साइंस कॉलेज में होगा मुख्य कार्यक्रम: 14 और 15 नवंबर को होने वाले कार्यक्रमों में देशभर से कलाकार शामिल होने के लिए पहुंचेंगे. मुख्य रुप से अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मेघालय, असम, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के आदिवासी कलाकार अलग अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. आयोजन के दौरान जनजातीय गौरव दिवस से जुड़े विषयों पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही जनजातीय जीवन शैली प चित्रकला प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी.

कोमड़ो गांव से शुरु होगी पदयात्रा: कोमड़ो गांव से निकलने वाली पदयात्रा में आदिवासी नेताओं के देश में दिए गए योगदान को दिखाया जाएगा. आदिवासी संस्कृति और उनकी सभ्यता को लोगों के सामने अलग अलग माध्यमों के जरिए रखा जाएगा. आदिवासी विरासत को नई पहचान देने के लिए ये पदयात्रा निकाली जाएगी. पदयात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ''एक पेड़ मां के नाम'' पौधारोपण कर करेंगे. पदयात्रा के दौरान आदिवासी नायकों और वीरों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी. आदिवासी शिल्प और कला का प्रदर्शन भी इस मौके पर किया जाएगा. ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलन को भी याद किया जाएगा.

आदिवासी विरासत को ऐसे किया जाएगा याद

  • आदवासी परिवार के लोग अपने सांस्कृतिक परंपरा को संगीत और नृत्य के जरिए पेश करेंगे.
  • नाटकों और झांकियों के जरिए ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, वीरता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन करेंगे.
  • समाज के लिए चलाए जा रहे सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी. महिला लाभार्थियों की सूचना भी दी जाएगी.
  • रंगोली, पेंटिंग और आदिवासी कला सहित साहित्य को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाएं होंगी.
  • युवाओं के लिए ''माय भारत पोर्टल'' और ''एनवायकेएस'' की सफलता को बताया जाएगा.
  • आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी साथ ही कार्यक्रम में कलाकार आदिवासी परंपरा के मुताबिक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे.
  • आयोजन में पद्म पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन किया जाएगा.
  • पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा.
  • आयोजन के दौरान स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के आदिवासी परंपरा अनुसार खाने पीने की चीजें परोसी जाएंगी.

युवा यहां जाकर कर सकते हैं अपना रजिस्ट्रेशन: मंत्रालय की कोशिश है कि लोगों के बीच आदिवासी परंपरा और जीवन शैली को सामने लाया जाए, उसकी बारीकियों को समझा जाए. सरकार की चल रही कल्याणकारी योजनाओं की उनको पूरी जानकारी मिले उसका लाभ हो इसकी कोशिश की जाए. युवाओं को भी अपनी आदिवासी विरासत को समझने और जुड़ने का मौका मिले. उन सभी कामों के लिए आदिवासी गौरव दिवस एक बड़ा मंच साबित होगा. शासन की ओर से कहा गया है कि जो भी इस आयोजन में जुड़ना चाहता है वो www.mybharat.gov.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है.

पूरे भारत में किया जाएगा आयोजन: संविधान के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक साल तक चलने वाले उत्सव में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के अंतर्गत माय भारत, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को अपनाने और प्रदर्शित करने के लिए पूरे भारत में पदयात्राओं का आयोजन किया जाएगा.

आदिवासी परंपराओं का मुख्य केंद्र है सरगुजा की समृद्ध लोककला
बाजा अउ मोहरी के धुन म थिरक उठीस बिधायक गुलाब कमरो
धूमधाम से मनाई गई फाल्गुन मड़ई, दिखी आदिवासी परंपराओं की झलक
विश्व आदिवासी दिवस: दंतेवाड़ा में कुछ ऐसे दिखी आदिवासी परंपरा की झलक
Last Updated : Nov 11, 2024, 7:20 PM IST
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