ETV Bharat / state

गढ़वा में आदिम जनजाति के लोगों की गुहार- दर्ज केस लो वापस, वन विभाग ने 45 लोगों पर दर्ज कराया है मामला - TRIBAL PEOPLE OF GARHWA

गढ़वा के चिनियां प्रखंड के 45 लोगों पर वन विभाग ने मामला दर्ज कराया है. वो पिछले 10 साल से परेशान हैं.

TRIBAL PEOPLE OF GARHWA
वन विभाग के द्वारा केस दर्ज किए जाने से ग्रामीण परेशान (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 17, 2024, 3:07 PM IST

गढ़वा: वन विभाग के द्वारा मामला दर्ज करने के चलते एक दशक से आदिम जनजाति के लोग परेशान हैं. जिन लोगों के पास दो वक्त का भोजन जुटाना मुश्किल हो, कंद मूल पर जीवन यापन करने वाले इन गरीब परिवारों पर वन विभाग ने एक-एक लाख जुर्माना लगाते हुए मामला भी दर्ज कर दिया है. वन भूमि पर खेती करने के आरोप में 45 आदिम जनजाति के लोगों पर वन विभाग ने प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ एक एक लाख का जुर्माना ठोक दिया है.

झारखंड के सबसे पिछड़े इलाकों में गढ़वा जिले का नाम आता है. गढ़वा जिला का सबसे पिछड़ा इलाका चिनियां प्रखंड है. यहां की अधिकतर आबादी आदिम जनजाति कोरवा, पहरिया व उरांव हैं और इसी चिनियां प्रखंड के खुरी पंचायत के ग्रामीण पिछले एक दशक से परेशान हैं, क्योंकि वन विभाग ने इल लोगों पर कीमती पेड़ काटने का आरोप लगाया है.

वन विभाग के द्वारा केस दर्ज किए जाने से ग्रामीण परेशान (Etv Bharat)

2014 में लगाया गया था जुर्माना

गढ़वा के इन 45 ग्रामीणों पर वन विभाग ने इनकी क्षमता से भी ज्यादा जुर्माना लगा रखा है. वर्ष 2014 में इन पर जुर्माना लगाया गया था. ये वैसे लोग हैं जिनके पास ठीक से रहने का ठिकाना नहीं है और न ही रहन सहन के लिये इनके पास कोई जमा पूंजी है. यह लोग किसी तरह काम काज कर अपना जीवन यापन करते हैं. मामला दर्ज होने से ग्रामीणों में आक्रोश है. पीड़ितों ने गांव में बैठक कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

दस वर्ष से हैं परेशान

पीड़ितों ने कहा कि हमलोग दस वर्ष से परेशान हैं. कहां से लेकर आए इतना रुपया. हम तो खाने को भी मोहताज हैं, इसीलिए हम चाहते हैं कि सरकार हमलोगों का केस वापस ले और हमलोग पर जो मुकदमा हुआ है वह झूठा मुकदमा है. हमलोग यहां पर रह रहे हैं, हमने यहां पर पेड़ नहीं काटे हैं, मगर वन विभाग ने हमलोगों के ऊपर लकड़ी काटने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है जो सरासर गलत है.

इस मामले पर जब हमने विभाग से जानकारी लेना चाही तो डीएफओ दक्षिणी एविन बेनी अब्राहम ने कहा कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. इसलिए इस मामले पर मैं कोई बयान नहीं दे सकता, पर उन्होंने मौखिक रूप से इतना जरूर कहा कि केस बहुत पुराना है और देखते हैं हम इसमें क्या कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें:

ईटीवी भारत की खबर पर मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, तुरंत कार्रवाई के दिए निर्देश - CM HEMANT SOREN

ईटीवी भारत की खबर पर डीईओ ने लिया संज्ञान, खूंटी की फुदी पंचायत में संचालित राजकीयकृत मध्य विद्यालय का होगा कायाकल्प

गढ़वा: वन विभाग के द्वारा मामला दर्ज करने के चलते एक दशक से आदिम जनजाति के लोग परेशान हैं. जिन लोगों के पास दो वक्त का भोजन जुटाना मुश्किल हो, कंद मूल पर जीवन यापन करने वाले इन गरीब परिवारों पर वन विभाग ने एक-एक लाख जुर्माना लगाते हुए मामला भी दर्ज कर दिया है. वन भूमि पर खेती करने के आरोप में 45 आदिम जनजाति के लोगों पर वन विभाग ने प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ एक एक लाख का जुर्माना ठोक दिया है.

झारखंड के सबसे पिछड़े इलाकों में गढ़वा जिले का नाम आता है. गढ़वा जिला का सबसे पिछड़ा इलाका चिनियां प्रखंड है. यहां की अधिकतर आबादी आदिम जनजाति कोरवा, पहरिया व उरांव हैं और इसी चिनियां प्रखंड के खुरी पंचायत के ग्रामीण पिछले एक दशक से परेशान हैं, क्योंकि वन विभाग ने इल लोगों पर कीमती पेड़ काटने का आरोप लगाया है.

वन विभाग के द्वारा केस दर्ज किए जाने से ग्रामीण परेशान (Etv Bharat)

2014 में लगाया गया था जुर्माना

गढ़वा के इन 45 ग्रामीणों पर वन विभाग ने इनकी क्षमता से भी ज्यादा जुर्माना लगा रखा है. वर्ष 2014 में इन पर जुर्माना लगाया गया था. ये वैसे लोग हैं जिनके पास ठीक से रहने का ठिकाना नहीं है और न ही रहन सहन के लिये इनके पास कोई जमा पूंजी है. यह लोग किसी तरह काम काज कर अपना जीवन यापन करते हैं. मामला दर्ज होने से ग्रामीणों में आक्रोश है. पीड़ितों ने गांव में बैठक कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

दस वर्ष से हैं परेशान

पीड़ितों ने कहा कि हमलोग दस वर्ष से परेशान हैं. कहां से लेकर आए इतना रुपया. हम तो खाने को भी मोहताज हैं, इसीलिए हम चाहते हैं कि सरकार हमलोगों का केस वापस ले और हमलोग पर जो मुकदमा हुआ है वह झूठा मुकदमा है. हमलोग यहां पर रह रहे हैं, हमने यहां पर पेड़ नहीं काटे हैं, मगर वन विभाग ने हमलोगों के ऊपर लकड़ी काटने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है जो सरासर गलत है.

इस मामले पर जब हमने विभाग से जानकारी लेना चाही तो डीएफओ दक्षिणी एविन बेनी अब्राहम ने कहा कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. इसलिए इस मामले पर मैं कोई बयान नहीं दे सकता, पर उन्होंने मौखिक रूप से इतना जरूर कहा कि केस बहुत पुराना है और देखते हैं हम इसमें क्या कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें:

ईटीवी भारत की खबर पर मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, तुरंत कार्रवाई के दिए निर्देश - CM HEMANT SOREN

ईटीवी भारत की खबर पर डीईओ ने लिया संज्ञान, खूंटी की फुदी पंचायत में संचालित राजकीयकृत मध्य विद्यालय का होगा कायाकल्प

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.