गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिले के आदिवासी बालक आश्रम नेवरी में बदइंतजामी का आलम है. आदिवासी बालक आश्रम नेवरी में 50 सीटर आदिवासी आश्रम में बच्चे रात 9 बजे तक भूखे रह गए. गांव के पंच सरपंच ने प्रशासन को सूचना दी. फिर दूसरे छात्रावास से गैस सिलेंडर पहुंचा, तब कहीं जाकर खाना बना. छात्रों ने बताया कि ''आज रात नौ बजे खाना मिला है. दाल, चावल और अचार मिला है. सब्जी नहीं मिली है.''
बालक आश्रम में गैस सिलेंडर ख्तम मिला : गौरेला विकासखंड अंतर्गत वन क्षेत्र में संचालित आदिवासी बालक आश्रम नेवरी में कुकिंग गैस सिलेंडर एक दिन पहले ही शाम को खत्म हो गया. हालांकि अधीक्षक रतिराम भानू का कहना है कि '' शाम 6 बजे चपरासी ने फोन किया था कि गैस खत्म हो गया. मैं अपने मोहल्ले में गैस की व्यवस्था कर रहा था लेकिन वहां इंतजाम नहीं हुआ. फिर आश्रम आया और यहां इंतजाम किया. इसलिए खाना बनने में देरी हुई है.''
''रात 8 बजकर 15 मिनट पर बच्चों ने फोन लगवाया था कि हमारे यहां कोई कर्मचारी नहीं है. अधीक्षक भी नहीं हैं और ना ही खाना बनाने वाले हैं. मैंने अधीक्षक को फोन किया. उन्होंने फोन नहीं उठाया तो मैं हॉस्टल पहुंचा. फिर बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था की गई. 9 बजे रात को बच्चों को खाना मिला है.'' - मोहन राठौर, सरपंच
चावल बेचकर शराब पीने की मिली शिकायत : सरपंच मोहन राठौर का आरोप है कि ''अधीक्षक घर से ही आना जाना करते हैं. वह आश्रम में रात में कभी नहीं रूकते हैं. रसोइया शराब पीता है. अधीक्षक को पहले भी बोल चुके हैं कि आप उसकी शिकायत अधिकारी से करिए. अधीक्षक ने समझाया भी है लेकिन उसके बाद भी रसोइया समझ नहीं रहा. उसके आश्रम का चावल बेचकर शराब पीने की शिकायत भी मिल चुकी है. गांव वालों ने समझाकर उसे छोड़ दिया था.''
शराब के नशे में मिले कर्मचारी : छात्रावास में अधीक्षक सहित कुल 6 कर्मचारी हैं लेकिन मौके पर अधीक्षक के साथ एक ही कर्मचारी मिला. वह कर्मचारी भी शराब पिए हुए था. उसके शराब पीने की पुष्टि हॉस्टल के छात्रों के साथ ही ग्रामीणों और अधीक्षक ने भी की. छात्रों ने यहां तक बताया कि दोनों कर्मचारी शराब पीकर भोजन बनाते हैं.
''चौकीदार ने शराब पीया है. ऑन ड्यूटी शराब पीया है, उसको हम कई बार बोल चुके हैं. उसको समझाया भी है कि शराब पीकर आओगे तो अधिकारी को बताएंगे.'' - रतिराम भानू, अधीक्षक
आदिवासी बालक आश्रम नेवरी 50 सीटर है लेकिन यहां सिर्फ 13 बच्चे ही मिले. इस पर अधीक्षक रतिराम भानू का कहना है कि ''हॉस्टल में 13 बच्चे हैं. कुछ गांव के बच्चे हैं जो घर चले जाते हैं. आज खाने में देरी की वजह से बच्चे घर चले गए.''
आश्रम का स्टाफ बदलने की मांग: आदिवासी आश्रम में लापरवाही से ग्रामीण नाराज हैं. ग्रामीणों के साथ ही सरपंच का कहना है कि अब हम आश्रम के पूरे स्टाफ में बदलाव चाहते हैं. रसोइया, कर्मचारी और अधीक्षक सभी को बदलना चाहिए.