उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी के मोनाल ट्रेल ट्रैक पर कई वर्षों बाद फिर दुलर्भ मोनाल पक्षी दिखाई दिया है. जिससे इस ट्रैक से जुड़े ट्रैकिंग व्यवसायी और ट्रैकर्स उत्साहित नजर आ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई वर्षों बाद मोनाल ट्रेल ट्रैक पर फिर से दुलर्भ राज्य पक्षी का दिखाई देना समृद्ध जैव विविधता के लिए शुभ संकेत है.
ट्रैकिंग एजेंसी के माध्यम से फ्रांस से आए विदेशी ट्रैकर्स का एक दल करीब पांच किमी लंबे मोनाल ट्रेल ट्रैक पर गया था. ट्रैकिंग के दौरान ट्रैकर्स का ट्रैक तब सफल हुआ, जब उन्हें इस ट्रैक पर मोनाल पक्षी देखने को मिला. विदेशी ट्रैकर्स का कहना था कि यह पहली बार है जब उन्हें हिमालय की दुर्लभ प्रजाति के मोनाल पक्षी को देखने का मौका मिला है.
ट्रैकिंग एजेंसी से जुड़े दीपक राणा ने बताया कि वह इस मोनाल ट्रेल ट्रैक का विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं. क्योंकि यह हर्षिल घाटी का सबसे नजदीकी ट्रैक होने के साथ ही यहां पर मोनाल की अच्छी संख्या देखने को मिलती है. एक सप्ताह पूर्व भी एक ट्रैकिंग दल इस ट्रैक पर आया था. लेकिन उन्हें मोनाल नहीं दिखा. लेकिन अब ट्रैकर्स मोनाल दिखने से इसे अच्छा संकेत मान रहे हैं. राणा ने कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी के दौरान यह पक्षी करीब 2500 मीटर तक नीचे ऊतर आते हैं. जिस कारण यह पुराली सहित जसपुर, मुखबा, छोलमी के आसपास आसानी से दिखाई देते हैं. इस वर्ष इस ट्रैक पर यह तीसरा दल है.
ऐसे पहुंचे यहां: मोनाल ट्रेल ट्रैक पर पहुंचने के लिए उत्तरकाशी से करीब 70 किमी दूर जसपुर बैंड तक वाहन से पहुंचा जा सकता है. जिसके बाद यहां से हर्षिल घाटी के पुराली गांव पैदल पहुंचते हैं. इसी गांव से करीब सात किमी लंबा और समुद्र तल से 2700 मीटर ऊंचाई पर स्थित मोनाल ट्रेल ट्रैक शुरू होता है. ट्रैक पर ब्रह्मीताल के बेस कैंप तक पहुंचा जा सकता है. ट्रैक से हिमालय की सुंदर चोटियां और मोनाल के साथ ही विभिन्न पक्षियों का दीदार कर सकते हैं.
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