हल्द्वानी: सरोवर नगरी नैनीताल के अस्तित्व के लिए खतरा बन चुके बलियानाले पहाड़ का ट्रीटमेंट जल्द शुरू होने जा रहा है. सिंचाई विभाग ने इसके लिए टेंडर भी आमंत्रित कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि बलियानाले पहाड़ का ट्रीटमेंट 177.91 करोड़ रुपए की लागत से होगा. नैनीताल के भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बलियानाले के किनारे दो पहाड़ों का खतरा बना हुआ है जो लगातार भूस्खलन के चलते पहाड़ का हिस्सा गिर रहा है. जिसके चलते नैनीताल के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो गया है.
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि 177.91 करोड़ रुपए की लागत से बालियानाले का ट्रीटमेंट होना है. निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. फरवरी माह से कार्य शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में अड़चन आ रहे सभी तरह की तकनीकी दिक्कतें दूर कर ली गई हैं. कुछ परिवारों का विस्थापन भी होना है, जिसके लिए जिला प्रशासन विस्थापन की कार्रवाई कर रहा है. योजना के तहत 5 करोड़ की लागत से पर्यटन विभाग इस क्षेत्र को विकसित करेगा. जबकि दो करोड़ की लागत से जल संस्थान अपनी कार्य योजना को पूरा करेगा. भूस्खलन क्षेत्र के पहाड़ का ट्रीटमेंट कार्य तीन साल में पूरा किया जाना है.
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बताते चलें कि बलियानाले के अस्तित्व पर 80 के दशक से लगातार खतरा बढ़ रहा है. भूस्खलन से पहाड़ का करीब 250 मीटर का क्षेत्र अब तक खाई में समा चुका है और बरसात के समय भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है. बलियानाले क्षेत्र में करीब 400 परिवार रहते हैं. भूस्खलन के चलते करीब 100 परिवार वहां से घर छोड़कर जा चुके हैं. जबकि 80 परिवारों का अभी विस्थापन होना है. 80 के दशक से बलियानाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन के स्थाई निर्माण को लेकर राज्य सरकार अब गंभीर हो चली है. बताया जा रहा है कि कार्य योजना के तहत आने वाले 100 सालों तक बलियानाले को सुरक्षित रखे जाने की कार्य योजना है.