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Pemphigus Vulgaris : जानलेवा हो सकती है त्वचा से जुड़ी ये बीमारी, SMS अस्पताल में इलाज हुआ आसान - JAIPUR SMS HOSPITAL

पेम्फिगस वल्गेरिस बीमारी का इलाज अब जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आसानी से उपलब्ध है. जानिए क्या है ये बीमारी...

एसएमएस अस्पताल
एसएमएस अस्पताल (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 6, 2024, 6:31 AM IST

जयपुर : पेम्फिगस वल्गेरिस शरीर पर होने वाली एक ऐसी बीमारी है जो मरीज की जान तक ले सकती है. पेम्फिगस वल्गेरिस बीमारी में मरीज के शरीर पर छाले और घाव हो जाते हैं, यहां तक की मुंह के अंदर भी छाले हो जाने के कारण स्थिति काफी विकट हो जाती है. इस बीमारी का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में काफी महंगे दामों पर होता है, लेकिन अब प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में इस बीमारी का इलाज मरीजों को नि:शुल्क मिलना शुरू हो गया है. पेम्फिगस वल्गेरिस बीमारी से पीड़ित मरीज को रिटुक्सींमैब इंजेक्शन लगाया जाता है. आमतौर पर प्राइवेट अस्पतालों में या फिर प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर इस इंजेक्शन की कीमत लाखों रुपए में है, लेकिन यदि मरीज राजस्थान का रहने वाला है तो अस्पताल में यह इंजेक्शन उसे नि:शुल्क लगाया जा रहा है. अन्य राज्यों से एसएमएस अस्पताल आने वाले मरीजों को काफी सस्ती दर पर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है.

क्या है पेम्फिगस वल्गेरिस बीमारी : जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य और वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक माथुर का कहना है कि पेम्फिगस वल्गेरिस त्वचा से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. यदि समय पर इसका इलाज नहीं लिया जाए तो मरीज की दर्दनाक मौत हो सकती है. इस बीमारी की चपेट में आने के बाद मरीज के शरीर पर छाले और घाव हो जाते हैं और समय पर इलाज नहीं मिलने पर शरीर सड़ने लगता है. डॉ. माथुर का कहना है कि अब अस्पताल में मरीज को इसका इलाज मिलना काफी आसान हो गया है. इसके लिए एक इंजेक्शन की खरीद की गई है, जो इस बीमारी में काफी कारगर साबित है.

पढे़ं. Melioidosis Disease : मिट्टी से फैलने वाली इस घातक बीमारी की जोधपुर में दस्तक, जानें लक्षण-बचाव और इलाज

लक्षण और उपचार : डॉ. दीपक माथुर का कहना है कि हमारे शरीर की त्वचा के दो भाग होते हैं और इन दोनों भागों को एक सीमेंट से शरीर जोड़कर रखता है. कुछ मामलों में शरीर एक एंटीबॉडी रिलीज करने लगता है, जो दोनों त्वचा के बीच स्थित सीमेंट को तोड़ने लगता है. इससे शरीर पर छाले बनने लगते हैं और यह छाले शरीर के अंदर तक घाव कर देते हैं. डॉ. माथुर का कहना है कि इलाज के लिए इससे पहले मरीज को स्टेरॉयड दिया जाता था, लेकिन स्टेरॉयड के काफी नुकसान होते थे जिसके बाद रिटुक्सींमैब इंजेक्शन से मरीज को अब आसानी से इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

जयपुर : पेम्फिगस वल्गेरिस शरीर पर होने वाली एक ऐसी बीमारी है जो मरीज की जान तक ले सकती है. पेम्फिगस वल्गेरिस बीमारी में मरीज के शरीर पर छाले और घाव हो जाते हैं, यहां तक की मुंह के अंदर भी छाले हो जाने के कारण स्थिति काफी विकट हो जाती है. इस बीमारी का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में काफी महंगे दामों पर होता है, लेकिन अब प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में इस बीमारी का इलाज मरीजों को नि:शुल्क मिलना शुरू हो गया है. पेम्फिगस वल्गेरिस बीमारी से पीड़ित मरीज को रिटुक्सींमैब इंजेक्शन लगाया जाता है. आमतौर पर प्राइवेट अस्पतालों में या फिर प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर इस इंजेक्शन की कीमत लाखों रुपए में है, लेकिन यदि मरीज राजस्थान का रहने वाला है तो अस्पताल में यह इंजेक्शन उसे नि:शुल्क लगाया जा रहा है. अन्य राज्यों से एसएमएस अस्पताल आने वाले मरीजों को काफी सस्ती दर पर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है.

क्या है पेम्फिगस वल्गेरिस बीमारी : जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य और वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक माथुर का कहना है कि पेम्फिगस वल्गेरिस त्वचा से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. यदि समय पर इसका इलाज नहीं लिया जाए तो मरीज की दर्दनाक मौत हो सकती है. इस बीमारी की चपेट में आने के बाद मरीज के शरीर पर छाले और घाव हो जाते हैं और समय पर इलाज नहीं मिलने पर शरीर सड़ने लगता है. डॉ. माथुर का कहना है कि अब अस्पताल में मरीज को इसका इलाज मिलना काफी आसान हो गया है. इसके लिए एक इंजेक्शन की खरीद की गई है, जो इस बीमारी में काफी कारगर साबित है.

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लक्षण और उपचार : डॉ. दीपक माथुर का कहना है कि हमारे शरीर की त्वचा के दो भाग होते हैं और इन दोनों भागों को एक सीमेंट से शरीर जोड़कर रखता है. कुछ मामलों में शरीर एक एंटीबॉडी रिलीज करने लगता है, जो दोनों त्वचा के बीच स्थित सीमेंट को तोड़ने लगता है. इससे शरीर पर छाले बनने लगते हैं और यह छाले शरीर के अंदर तक घाव कर देते हैं. डॉ. माथुर का कहना है कि इलाज के लिए इससे पहले मरीज को स्टेरॉयड दिया जाता था, लेकिन स्टेरॉयड के काफी नुकसान होते थे जिसके बाद रिटुक्सींमैब इंजेक्शन से मरीज को अब आसानी से इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

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