हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में सरकारी धन की बर्बादी का सबसे बड़ा नमूना देखने को मिला. हल्द्वानी के चौराहों पर पुलिस विभाग द्वारा बिना प्लानिंग के लगाई गई एक करोड़ से अधिक की ट्रैफिक लाइटें अब पुलिस विभाग और आम आदमी के लिए मुसीबत बन गई हैं. पुलिस विभाग द्वारा लगाई गई ट्रैफिक लाइट बिना प्रयोग के जगह-जगह टूट कर गिरने की स्थिति में बनी हुई है. चौराहों पर लगाई गई यह ट्रैफिक लाइटें लोगों के ऊपर कभी भी गिर सकती हैं. जिससे बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन ट्रैफिक विभाग सुध नहीं ले रहा है.
वहीं पुलिस विभाग द्वारा सड़क चौड़ीकरण का हवाला देकर ट्रैफिक लाइटों को हटाने का हवाला देकर बचने की कोशिश की जा रही है. शहर के जगह-जगह चौराहा और तिराहों पर ट्रैफिक लाइट एक साल पहले लगाई गई थी, लेकिन ट्रैफिक लाइटों की वजह से शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही थी. जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने इन लाइटों को बंद कर दिया. वहीं ट्रैफिक लाइट अब चौराहों पर शोपीस बने हैं. आलम यह है कि अब ट्रैफिक लाइट जगह-जगह से खराब होकर टूटकर गिरने की स्थिति में हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
इन लाइटों के पोल टेढ़े हो चुके हैं, लाइटें पोलों पर झूल रहीं हैं और कभी भी तेज हवाओं के झोंकों के चलते किसी भी वाहन या राहगीरों को अपनी चपेट में ले सकता है. लोग इन टूटे हुए ट्रैफिक लाइट को हटाने के लिए कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार भी लगा चुके हैं. लेकिन इन टूटे हुए ट्रैफिक लाइट को हटाने के लिए कोई सुध नहीं ले रहा है.शायद पुलिस विभाग किसी हादसे का इंतजार कर रहा है. पूरे मामले में एसपी ट्रैफिक हरबंस सिंह का कहना है कि ट्रैफिक लाइटों के मेंटेनेंस का काम एक निजी संस्था के पास है. सड़क चौड़ीकरण होनी है, ऐसे में लाइटों को कहीं अन्य जगहों पर शिफ्ट करने के लिए कहा गया है.