विकासनगर: चकराता कैंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी के खिलाफ व्यापार मंडल चकराता की अगुवाई में दुकानदार और व्यापारियों ने कैंट बोर्ड कार्यालय में जमकर धरना-प्रदर्शन किया. इसी बीच क्षेत्र के सभी बाजार बंद रहे. दरअसल कैंट बोर्ड की टीम आज सुबह बस स्टैंड पर कैंट की ही एक दुकान के हिस्से को तोड़ने पहुंची थी, जहां आक्रोशित दुकानदारों ने मुख्य अधिशासी अधिकारी पर व्यापारियों के उत्पीड़न और विकास कार्य के नाम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया.
व्यापारियों ने भ्रष्टाचार का लगाया आरोप: प्रदर्शनकारी व्यापारियों ने कैंट के मुख्य अधिशासी अधिकारी को लेकर कहा कि वह बेवजह व्यापारियों के मकान और दुकानों पर सील लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा कराए जा रहे निर्माणकार्य समेत अन्य विकास कार्य में मुख्य अधिशासी अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है, इसलिए इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.
व्यापारी बोले रिश्वत नहीं देने पर हो रही कार्रवाई: व्यापारी राजकुमार मेहता ने बताया कि मैं कैंट का किराएदार हूं. यह कैंट बोर्ड की प्रॉपर्टी है. कैंट बोर्ड ने यह दुकान 1985 से बनाककर किराए पर दी थी. कुछ समय पहले कैंट बोर्ड के सीईओ से दुकान का आकार बढ़ाने की मांग की गई थी. जिस पर उन्होंने दुकान के आकार को बढ़ा दिया था, लेकिन अब वर्तमान कैंट के डीओ ने कहा कि इन दुकानों का निर्माण डीओ लैंड पर किया गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दुकानों को सील करने का मुख्य कारण यह है कि हमसे रिश्वत की मांग की गई थी, लेकिन वह मांग हमनें नहीं मानी, जिससे से यह कार्रवाई की जा रही है.
व्यापारियों ने बाजार बंद कर किया प्रदर्शन: पूर्व कैंट बोर्ड सदस्य आनंद राणा ने कहा कि छावनी परिषद द्वारा व्यापारियों का उत्पीड़न और अन्य दंडात्मक कार्रवाई को लेकर चकराता के दुकानदार और व्यापारियों ने इसका विरोध किया है और आगे भी करेंगे, क्योंकि हमारी कहीं भी सुनवाई नहीं होती. उन्होंने कहा कि हमारी आवाज केंद्र सरकार तक नहीं पहुंच रही है. ऐसे में हमें आज भी ऐसा लगता है कि हम इस देश के निवासी नहीं है. उन्होंने कहा कि कैंट द्वारा हमें बार-बार नियमों और कानूनों का हवाला देकर उत्पीड़न किया जाता है, जिसके विरोध में आज बाजार बंद और प्रदर्शन किया गया.
चकराता व्यापार मंडल अध्यक्ष बोले हमारा हो रहा उत्पीड़न: चकराता व्यापार मंडल के अध्यक्ष केसर सिंह चौहान ने कहा कि व्यापार मंडल चकराता द्वारा चकराता बाजार बंद किया गया है. छावनी परिषद चकराता द्वारा दुकानदारों का उत्पीड़न किया जाता है, जबकि समय-समय पर उनके नियमों कानून का पालन भी किया जाता है और उनका किराया भी समय पर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जो दुकानदार सुविधा शुल्क देता है, उसे कुछ नहीं कहा जाता, जो सुविधा शुल्क नहीं दे पता उसके साथ यह कार्रवाई करते हैं. ऐसे में जब तक इसका समाधान नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. कैंट बोर्ड द्वारा खुद निर्माण करवाया जाता है और खुद ही अनऑथराइज्ड कहकर दुकानदारों को प्रताड़ित किया जा रहा है.
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