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सिलीसेढ़ झील पर पर्यटकों को मिलेगा एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार - Tourism at Siliserh Lake

अलवर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगामी 6 माह में पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों की सौगात मिलने की उम्मीद है. इसके लिए, जल्द ही नगर विकास न्यास की ओर से ईओआई जारी की जाएगी. सिलीसेढ़ झील पर एडवेंचर गतिविधि शुरू होने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा.

TOURISM AT SILISERH LAKE
सिलीसेढ़ झील पर पर्यटन (PHOTO : ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 25, 2024, 4:17 PM IST

अलवर. जिले में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए वैसे तो कई टूरिस्ट पैलेस हैं, लेकिन जल्द ही पर्यटक अब अलवर में एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ उठा सकेंगे. अलवर जिले में बाघ, बघेरे और अन्य वन्यजीवों का लुत्फ उठाने के लिए टाइगर रिजर्व है, नौकायन व झील का अदभुत नजारा देखने के लिए सिलीसेढ़ झील हैं. धार्मिक स्थलों में महाभारत काल का ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर, भर्तृहरि की तपो स्थली भर्तृहरिधाम, प्राचनी नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अनेक पर्यटक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं, लेकिन पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों की कमी खल रही थी. जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगामी 6 माह में पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों की सौगात मिलने की उम्मीद है. इसके लिए जल्द ही नगर विकास न्यास की ओर से ईओआई जारी की जाएगी. यूआईटी की इस योजना से पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों का आनंद मिलेगा. साथ ही न्यास का भी खजाना भर सकेगा. इतना ही नहीं, सिलीसेढ़ झील पर एडवेंचर गतिविधि शुरू होने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा.

अलवर नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर गतिविधियों के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने के लिए जिला कलेक्टर व नगर विकास न्याय के सचिव ने सिलीसेढ़ झील पर मौका देखकर नए सिरे से जगह चिह्नित की है. इसके अंतर्गत यहां 100 मीटर लंबी जिपलाइन तैयार की जाएगी, 25 मीटर लंबाई में स्काई साइकलिंग व साइकलिंग मल्टीप्ले एडवेंचर गतिविधि, लॉन्ग टू लॉन्ग, हैंगिंग टनल, स्विमिंग टायर्स, क्लाइंब हाल टू हाल, स्विमिंग एक्स, जिग जग प्लैक्स, नेट क्रॉस, वायर ब्रिज, हैंगिंग बोर्ड, क्लाइंब हैंगिंग टायर्स आदि एडवेंचर गतिविधि शुरू करने के लिए इओआई जारी की जाएगी.

एक्सईएन कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि इसके लिए इओआई ऑनलाइन जारी की जाएगी. एडवेंचर गतिविधि शुरू होने से अलवर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे. एडवेंचर गतिविधि शुरू करने का प्रोजेक्ट यूआईटी की ओर से किसी भी पर्यटन स्थल पर शुरू किया जाने वाला पहला प्रोजेक्ट है.

इसे भी पढ़ें : झील पर युवकों का स्टंट, वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने 10 को किया गिरफ्तार - stunt by youths at Siliserh lake

6 माह में पूरा करने की योजना : अधिशासी अभियंता कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि यूआईटी के इस प्रोजेक्ट को 6 माह में पूरा करने के प्रयास हैं. इसके लिए जो भी एजेंसी तैयार होगी, उसे ऑनलाइन अप्लाई करना होगा. इस फर्म को इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाना होगा. उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास का प्रयास यह रहेगा कि जब इओआई जारी करें तो ज्यादा से ज्यादा फर्म इसमे आवेदन करे. पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 75 लाख रुपए तक लागत आएगी. यह सारी लागत फर्म द्वारा वहन की जाएगी. फर्म द्वारा नगर विकास न्यास को महीने व साल जो भी निर्धारित किया जाएगा, उसके अनुरूप राजस्व भी प्राप्त होगा. यह ठेका बीओटी बेस पर 10 साल के लिए किया जाएगा.

विभागों से मिली एनओसी : कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि सिलीसेढ़ झील पर एडवेंचर गतिविधियों की गाइडलाइन के तहत पीडब्ल्यूडी विभाग, सिंचाई विभाग व अन्य विभागों के अभियंताओं की ओर से इस कार्य योजना के लिए एनओसी मिल चुकी है.

झील पर आते है सैंकड़ों पर्यटक : जिले के पर्यटन की दृष्टि के हिसाब से देखा जाए तो सिलीसेढ़ झील पर आने वाले पर्यटकों की संख्या अच्छी रहती है. सुहावना मौसम होने पर झील पर आने वाले पर्यटकों की संख्या 2 से 3 गुना तक रहती है. कारण है कि दिल्ली व जयपुर के मध्य सम्भवतः यह एक मात्र स्थान है जहां पर्यटकों को बोटिंग का आनंद मिलता है. एडवेंचर गतिविधियां शुरू होने से निश्चित ही झील पर आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.

अलवर. जिले में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए वैसे तो कई टूरिस्ट पैलेस हैं, लेकिन जल्द ही पर्यटक अब अलवर में एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ उठा सकेंगे. अलवर जिले में बाघ, बघेरे और अन्य वन्यजीवों का लुत्फ उठाने के लिए टाइगर रिजर्व है, नौकायन व झील का अदभुत नजारा देखने के लिए सिलीसेढ़ झील हैं. धार्मिक स्थलों में महाभारत काल का ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर, भर्तृहरि की तपो स्थली भर्तृहरिधाम, प्राचनी नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अनेक पर्यटक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं, लेकिन पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों की कमी खल रही थी. जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगामी 6 माह में पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों की सौगात मिलने की उम्मीद है. इसके लिए जल्द ही नगर विकास न्यास की ओर से ईओआई जारी की जाएगी. यूआईटी की इस योजना से पर्यटकों को एडवेंचर गतिविधियों का आनंद मिलेगा. साथ ही न्यास का भी खजाना भर सकेगा. इतना ही नहीं, सिलीसेढ़ झील पर एडवेंचर गतिविधि शुरू होने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त होगा.

अलवर नगर विकास न्यास के अधिशासी अभियंता कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर गतिविधियों के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट को क्रियान्वित करने के लिए जिला कलेक्टर व नगर विकास न्याय के सचिव ने सिलीसेढ़ झील पर मौका देखकर नए सिरे से जगह चिह्नित की है. इसके अंतर्गत यहां 100 मीटर लंबी जिपलाइन तैयार की जाएगी, 25 मीटर लंबाई में स्काई साइकलिंग व साइकलिंग मल्टीप्ले एडवेंचर गतिविधि, लॉन्ग टू लॉन्ग, हैंगिंग टनल, स्विमिंग टायर्स, क्लाइंब हाल टू हाल, स्विमिंग एक्स, जिग जग प्लैक्स, नेट क्रॉस, वायर ब्रिज, हैंगिंग बोर्ड, क्लाइंब हैंगिंग टायर्स आदि एडवेंचर गतिविधि शुरू करने के लिए इओआई जारी की जाएगी.

एक्सईएन कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि इसके लिए इओआई ऑनलाइन जारी की जाएगी. एडवेंचर गतिविधि शुरू होने से अलवर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे. एडवेंचर गतिविधि शुरू करने का प्रोजेक्ट यूआईटी की ओर से किसी भी पर्यटन स्थल पर शुरू किया जाने वाला पहला प्रोजेक्ट है.

इसे भी पढ़ें : झील पर युवकों का स्टंट, वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने 10 को किया गिरफ्तार - stunt by youths at Siliserh lake

6 माह में पूरा करने की योजना : अधिशासी अभियंता कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि यूआईटी के इस प्रोजेक्ट को 6 माह में पूरा करने के प्रयास हैं. इसके लिए जो भी एजेंसी तैयार होगी, उसे ऑनलाइन अप्लाई करना होगा. इस फर्म को इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाना होगा. उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास का प्रयास यह रहेगा कि जब इओआई जारी करें तो ज्यादा से ज्यादा फर्म इसमे आवेदन करे. पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 75 लाख रुपए तक लागत आएगी. यह सारी लागत फर्म द्वारा वहन की जाएगी. फर्म द्वारा नगर विकास न्यास को महीने व साल जो भी निर्धारित किया जाएगा, उसके अनुरूप राजस्व भी प्राप्त होगा. यह ठेका बीओटी बेस पर 10 साल के लिए किया जाएगा.

विभागों से मिली एनओसी : कुमार संभव अवस्थी ने बताया कि सिलीसेढ़ झील पर एडवेंचर गतिविधियों की गाइडलाइन के तहत पीडब्ल्यूडी विभाग, सिंचाई विभाग व अन्य विभागों के अभियंताओं की ओर से इस कार्य योजना के लिए एनओसी मिल चुकी है.

झील पर आते है सैंकड़ों पर्यटक : जिले के पर्यटन की दृष्टि के हिसाब से देखा जाए तो सिलीसेढ़ झील पर आने वाले पर्यटकों की संख्या अच्छी रहती है. सुहावना मौसम होने पर झील पर आने वाले पर्यटकों की संख्या 2 से 3 गुना तक रहती है. कारण है कि दिल्ली व जयपुर के मध्य सम्भवतः यह एक मात्र स्थान है जहां पर्यटकों को बोटिंग का आनंद मिलता है. एडवेंचर गतिविधियां शुरू होने से निश्चित ही झील पर आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.

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