बालाघाट/मंडला: मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की गेट पर शनिवार सुबह एक जज को पर्यटकों ने घेर लिया. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और तीन घंटे बाद जज को वहां से निकाला.
कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की गेट पर सुबह उस समय हंगामा मच गया, जब जिप्सी में सवार देशी, विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए गेट से आगे बढ़ने वाले थे. इसी दौरान एक जज ने मोबाइल कोर्ट का हवाला देकर, कागजात चेक करने के लिए पर्यटक वाहनों को रोकने लगे. जज जिस वक्त यह कार्रवाई कर रहे थे, वह पर्यटकों को लेकर जंगल के अंदर ले जाने का समय था.
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पर्यटक कागजात चेक कर रहे जज से ही मांगने लगे परिचय पत्र
पर्यटकों के कान्हा में प्रवेश के समय को देखते हुए जिप्सी चालकों ने कान्हा फील्ड ऑफिस में कागजात देख लेने और वाहनो का नंबर नोट कर लेने की बात कही, लेकिन जज अड़े रहे. जिसके बाद जिप्सी पर बैठे पर्यटकों ने हंगामा कर दिया. वे कागजात चेक करने की बात कह रहे जज से ही परिचय मांगने लगे.
प्रातः 6.30 बजे से लगभग तीन घंटे तक जज को पर्यटकों ने घेरे रखा. हालांकि बाद में बैहर, मलाजखंड और गढ़ी पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर किसी तरह जज को सुरक्षित बाहर निकाला. जिसके बाद जज अपने वाहन से रवाना हुए. तब तक कई पर्यटक फ्लाइट का समय होने से बिना नेशनल पार्क भ्रमण किए, वापस लौट गए. इस मामले में एएसपी कन्हैयालाल बंजारे ने घटना की जानकारी के बाद थाना प्रभारियों के वहां पहुंचने की बात कही.
फील्ड डायरेक्टर ने किसी पर्यटक के वापस जाने से किया इंकार
कान्हा फील्ड डायरेक्टर पुनीत गोयल ने बताया " मामले को शार्ट आउट कर लिया गया है. जिसके बाद पर्यटकों कान्हा भ्रमण के लिए रवाना किया गया." उन्होंने किसी पर्यटक के वापस जाने से इंकार किया है. इस दौरान इटली से आई एक महिला पर्यटक ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा "एक बाघ को देखने के लिये क्या पीएम मोदी से बात करनी पड़ेगी, हम केवल यहां बाघ के दीदार के लिये आए हैं." इस महिला के चेहरे पर नाराजगी के भाव साफ झलक रहे थे.