उत्तरकाशी: Gartang Gali गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने के बाद पर्यटकों का गरतांग गली पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. दो दिन में पार्क क्षेत्र के सबसे ज्यादा पसंदीदा गरतांग गली ट्रैक सहित नेलांग घाटी की सैर करने 148 पर्यटक पहुंचे. गरतांग गली पहुंचने वाले पर्यटकों में तीन विदेशी भी शामिल रहे. गोमुख-तपोवन ट्रैक क्षतिग्रस्त होने और प्रतिकूल मौसम के चलते इस ट्रैक पर पर्यटकों व पर्वतारोहियों की आवाजाही प्रतिबंधित की गई है.
बीते सोमवार को गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्यटकों व पर्वतारोहियों के लिए विधिवत पूजा अर्चना के साथ खोले गए. जिसके बाद पार्क क्षेत्र के नेलांग घाटी और गरतांग गली ट्रैक पर पर्यटक पहुंचना शुरू हो गए हैं. गरतांग गली पार्क क्षेत्र के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ट्रैकों में से एक है. भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक संबंधों के गवाह इस ट्रैक को जीर्णोद्धार के बाद वर्ष 2021 में खोला गया था. जिसमें भैरव घाटी के समीप खड़ी चट्टान को काटकर रास्ता तैयार किया गया है. देवदार की लकड़ी से तैयार इस सीढ़ीनुमा ट्रैक पर चहलकदमी पर्यटकों को रोमांच का अहसास कराती है. यह सीढियां खड़ी जाड़ गंगा के ऊपर खड़ी चट्टानों पर बनाई गई हैं. ये 17 वीं सदी की इंजीनियरिंग का एक नायाब नमूना हैं. यहां पर पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य के साथ रोमांच का भरपूर लुफ्त उठा रहे हैं.
पार्क के रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट ने बताया पहले दिन सोमवार को गरतांग ट्रैक पर 101 पर्यटक पहुंचे. दूसरे दिन मंगलवार को 38 पर्यटक पहुंचे. जिसमें 3 विदेशी भी शामिल रहे. नेलांग घाटी की सैर के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता के चलते पहले दिन कोई पर्यटक नहीं पहुंचा, लेकिन दूसरे दिन मंगलवार को 9 पर्यटकों ने नेलांग घाटी की सैर की. रेंज अधिकारी बिष्ट ने बताया इस वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है. पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया गोमुख तपोवन ट्रैक क्षतिग्रस्त होन के साथ बड़े-बड़े हिम खंड आए हैं. मौसम भी अनुकूल नहीं है. इस कारण फिलहाल इस ट्रैक पर पर्यटकों व पर्वतारोहियों को आवाजाही प्रतिबंधित की गई है.
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