मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में जनवरी माह के अंत तक भी बारिश और बर्फबारी न होने से पर्यटन व्यवसाय पूरी तरीके से प्रभावित हो गया है. किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. मसूरी में अक्सर देखा जाता है कि जनवरी माह तक बारिश और बर्फबारी हो जाती थी. इससे मसूरी में पर्यटन व्यवसाय काफी अच्छा रहता था. परंतु इस साल न तो बारिश और न ही बर्फबारी होने से मसूरी में व्यापारी काफी मायूस हैं.
जनवरी माह में मसूरी अक्सर बारिश और बर्फबारी के बीच घिरा रहता है. लेकिन इस साल इसका उलट ही है. दिन में चटख धूप के साथ सुबह शाम ठंड हो रही है. बारिश और बर्फबारी न होने से लोग काफी मायूस हैं. किसानों को भी भारी नुकसान हो रहा है. कई फैसलें बर्बाद हो चुकी है और अगर समय तक बारिश और बर्फबारी नहीं होती तो किसानों को काफी भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
ये भी पढ़ेंः उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कम बर्फबारी से पर्यावरणविद् चिंतित, समय से चेतने की बताई जरूरत
उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि इस बार मौसम की बेरुखी से उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग काफी प्रभावित हुआ है. यह चिंता का विषय है. उत्तराखंड के पर्यटन स्थल औली, चोपता, मुक्तेश्वर, धनौल्टी, मसूरी, नैनीताल में पर्यटकों के न आने से सन्नाटा छा रखा है. बारिश और बर्फबारी न होने से पर्यटन उद्योग के साथ ही प्राकृतिक स्रोतों को भी नुकसान पहुंचा है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में मसूरी में पर्यटक न के बराबर है. निचले इलाकों में कोहरा और ठंड पड़ने के कारण भी लोग मसूरी नहीं पहुंच पा रहे हैं. इन दिनों मसूरी में बर्फबारी और बारिश हो जाती थी, जिससे मौसम काफी खुशनुमा रहता था. लोग बर्फबारी का आनंद लेने मसूरी पहुंचते थे. लेकिन इस बार बर्फबारी न होने के कारण लोग काफी मायूस हैं.