रांची: झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर जीत के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेता खूब पसीना बहा रहे हैं. कभी झुलसाती गर्मी तो कभी तेज हवा और बारिश के बावजूद जनता के बीच पहुंचने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. झारखंड के आसमान में उड़नखटोलों की भरमार हो गई है. एनडीए के नेता इस भरोसे के साथ प्रचार में जुटे हैं कि इस बार यहां की जनता उनकी झोली में सभी 14 सीटें देगी. यही दावा इंडिया गठबंधन का भी है.
फिलहाल, यहां 13 मई और 20 मई को कुल सात सीटों (सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा, पलामू, चतरा, हजारीबाग और कोडरमा) पर प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है. तीसरे फेज में 25 मई को गिरिडीह, धनबाद, रांची और जमशेदपुर के लिए वोटिंग होगी. जबकि अंतिम फेज में 1 जून को संथाल परगना की दुमका, राजमहल और गोड्डा सीट के लिए चुनाव होना है. लिहाजा, शेष सीटों के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुनाव प्रचार को और तेज कर दिया है.
एनडीए नेताओं का झारखंड में चुनावी दौरा
भाजपा की तरफ से पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम, राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया झारखंड का दौरा कर चुके हैं. तमाम बड़े नेताओं ने चुनावी सभाएं की हैं तो अन्य नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार के दस साल की उपलब्धियां गिनाई है.
पीएम की चुनावी सभा चाईबासा से शुरू हुई थी. इसके बाद उसी दिन रांची में उनका रोड शो हुआ. दूसरे दिन पलामू के चियांकी और फिर लोहरदगा सीट के लिए चुनावी सभा की. बाद में सिमरिया, गिरिडीह, घाटशिला में भी चुनावी सभाएं की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रांची के चुटिया में रोड शो किया. बाद में खूंटी और बोकारो में चुनावी सभा की. हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और स्टार प्रचारक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का अबतक झारखंड दौरा नहीं होने पर चर्चाएं गर्म है.
एनडीए नेताओं ने किन बातों पर किया फोकस
अब तक हुई चुनावी सभाओं में भाजपा के सभी नेताओं ने झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठजोड़ से चल रही सरकार को भ्रष्टाचार की पैरोकार बताकर चौतरफा घेरा है. जमीन घोटाला मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, कैशकांड में मंत्री आलमगीर आलम, मनरेगा और जमीन घोटाला मामले में दो आईएएस की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाते हुए भाजपा नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि झारखंड में लूट की सरकार चल रही है.
भाजपा का आरोप है कि यहां कमीशन लेकर ठेका बांटा जाता है. इसके अलावा बांग्लादेशी घुसपैठ को भी भाजपा ने मुद्दा बनाया है. उपलब्धि के तौर पर पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्व स्तर पर बनी भारत की छवि का जिक्र किया जा रहा है. यह बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज, स्वास्थ्य बीमा, गैस सिलेंडर, किसानों को सम्मान राशि, छोटे कारोबारियों को ऋण देकर उनके जीवन में बदलाव लाया है. यहां कई सभाओं में पीओके पर भी बात हुई है. भाजपा नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इंडिया गठबंधन वाले कर्नाटक की तरह ओबीसी आरक्षण का एक हिस्सा मुस्लिम को देना चाहते हैं.
इंडिया गठबंधन के नेताओं की चुनावी सभाएं
एनडीए के जवाब में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भी इस बार के चुनाव में जबरदस्त रूप से एकता दिखाई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव, झामुमो से मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने धुआंधार चुनावी सभाएं की हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ जमशेदपुर में झामुमो प्रत्याशी के लिए वोट मांग चुके हैं. पीएम मोदी को आदिवासी विरोध बताते हुए हेमंत सोरेन को आदिवासियों के बीच सबसे लोकप्रिय नेता कह चुके हैं. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की तुलना झांसी की रानी से की.
दो चरण के बाद कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी भी झारखंड के चुनावी मैदान में कूद चुकी हैं. उन्होंने गोड्डा में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव और रांची में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय के लिए प्रचार किया. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, डॉ. अजय कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए.
इंडिया गठबंधन के चुनावी मुद्दे
इस बार के चुनाव में एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के बीच झारखंड में सीधी लड़ाई देखने को मिल रही है. इंडिया ब्लॉक के तमाम नेता आम लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ जुमलेबाजी करना जानती है. देश में महंगाई चरम पर है. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. चंद कारोबारी घराने तरक्की किए जा रहे हैं.
इलेक्टोरल बॉन्ड को सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है. इंडिया गठबंधन के नेताओं का कहना है कि भाजपा एक वाशिंग मशीन बन गई है. जो भ्रष्टाचारी वहां जाता है, वह उस वॉशिंग मशीन में धुलकर साफ छवि का हो जाता है. सेना में अग्निवीर सिस्टम को भी बंद करने का भरोसा दिलाया जा रहा है. 30 लाख सरकारी रिक्तियों को भरने, स्नातक और डिप्लोमाधारी को हर साल एक लाख रुपए और प्रशिक्षुता की गारंटी, पेपर लीक को रोकने के लिए कड़ा कानून और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जा रही है.
खास बात है कि इस बार के चुनाव में वोटर साइलेंट हैं. आदिवासी, मुस्लिम और यादव वोट के समीकरण निकाले जा रहे हैं. भीतरघात और तुष्टिकरण की भी चर्चाएं हो रही हैं. कुल मिलाकर देखें तो दावेदारी में कोई पीछे नहीं है. वैसे ग्राउंड लेवल से मिल रही सूचनाएं बता रही हैं कि अबतक हर सीट पर कांटे की टक्कर हुई है.
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