टोंक. मीणा, गुर्जर,अल्पसंख्यक ओर एससी मतदाताओं बाहुल्य वाली टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर हुए कम मतदान प्रतिशत ने इस सीट को लेकर आम जनता की दिलचस्पी और बढ़ा दी है. सभी को मतगणना का इंतजार था. आज होने वाली मतगणना का सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर क्या सचिन पायलट की प्रतिष्ठा का सवाल वाली इस सीट पर हरीश मीणा की नैया पार होगी या फिर सुखबीर सिंह जौनापुरिया मोदी मैजिक के सहारे इस सीट पर अपनी तीसरी जीत हासिल करने में कामयाब होंगे.
इस सीट पर इस बार कुल 56.58 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो कि 2014 ओर 2019 से कम है. कांग्रेस के हरीश मीणा और बीजेपी के सुखबीर सिंह जौनापुरिया अपनी-अपनी जीत के प्रति आश्वत हैं. इस सीट पर 11 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज हो जाएगा. इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के हरीश मीणा और बीजेपी के सुखबीर जौनापुरिया के बीच है. टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट के लिए 13 कमरों में 116 टेबल पर मतगणना होगी, जिसको लेकर सभी तैयारियां कर ली गई है. यहां पर कुल 21 लाख 48 हजार 114 मतदाताओं में से 12 लाख 15 हजार 288 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था.
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दो बार मिली बीजेपी को जीत : टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट 2009 में परिसीमन के बाद अस्तिस्त्व में आई. टोंक और सवाई माधोपुर दो जिलों की आठ विधानसभा सीटों को मिलाकर यह सीट बनी. 2009 में इस सीट से गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने चुनाव लड़ा, पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वहीं, 2014 में भारतीय किर्केट टीम के पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन ने इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. परिसीमन के बाद अब तक हुए तीन चुनावों में यहां पर कांग्रेस ने एक बार जीत हासिल की है. यह सीट दो बार बीजेपी के खाते में गई है. 2019 के चुनाव में सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कांग्रेस के नमोनारायण मीणा का हराया था.