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सड़क हादसे रोकने को अनूठी पहल; ट्रक-टैक्सी, बस-कैब ड्राइवरों को सामने रखनी होगी फैमिली फोटो - driving with family photo

परिवहन विभाग अब ट्रक में ड्राइवर के सामने फैमिली फोटो लगवाने की तैयारी कर रहा है. आखिर इसकी वजह क्या है चलिए जानते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 11:46 AM IST

Updated : Apr 16, 2024, 12:36 PM IST

लखनऊः अक्सर छोटी-छोटी लापरवाही से फर्क पड़ता है. जी हां, ये बात हम यूपी के हादसों के लिए कह रहे हैं. यूपी में हर साल हादसों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. सड़क सुरक्षा फंड से परिवहन विभाग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पानी की तरह पैसे बहा रहा है. दुर्घटनाओं पर जागरूकता और प्रवर्तन कार्रवाई से भी रोक नहीं लग पा रही है. हादसों का ग्राफ घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में अब परिवहन विभाग ने दुर्घटनाओं को रोकने का एक नया फंडा निकाला है. प्रदेश भर के व्यवसायिक वाहनों में चालक की सीट के सामने उसके परिवार की तस्वीर लगाई जाएगी. मोटर कैब, मैक्सी, कैब, बस सहित सभी वाहनों में लिए यह अनिवार्य किया गया है. विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि ऐसा करने से वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करेंगे, क्योंकि वह अपने परिवार के बारे में भी सोचेंगे और इससे हादसे रुक सकेंगे.




उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह के मुताबिक बीती नौ अप्रैल को प्रमुख सचिव परिवहन की अध्यक्षता में प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर बैठक आयोजित की गई. इसमें अपर पुलिस महानिदेशक ( सड़क सुरक्षा एंव यातायात) ने बताया कि आंध्र प्रदेश में सार्वजनिक वाहनों में चालकों को सड़क सुरक्षा के प्रति भावनात्मक रूप से संवदेनशील बनाए जाने के उद्देश्य से चालक के परिवार की तस्वीर ( फैमिली फोटो) चालक की सीट के सामने लगाए जाने की अनूठी पहल प्रारंभ हुई. इससे आंध्र प्रदेश में वाहन चालकों ने सावधानी बरती और सड़क हादसों में कमी आई है. इससे प्रभावित होकर अब उत्तर प्रदेश के व्यवसायिक वाहनों में इसे लागू किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों के साथ ही सभी सार्वजनिक और व्यवसायिक वाहनों में चालक के परिवार की तस्वीर चालक सीट के सामने लगाया जाना अनिवार्य किया गया है. इससे वाहन चलाते समय चालक भावनात्मक लगाव महसूस करता है और सावधानीपूर्वक वाहन चलाता है. हालांकि उत्तर प्रदेश में इस पहल से वाहन चालकों पर कितना असर पड़ेगा यह तो हादसों के आंकड़े ही बताएंगे, लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है इसलिए परिवहन विभाग ने इस योजना को लागू करने का फैसला लिया है.




साल 2023 में 4.7 प्रतिशत लोग अधिक हुए दुर्घटना का शिकार
उत्तर प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि साल 2022 में उत्तर प्रदेश में हुई सड़क दुर्घटना में 22,595 लोगों की मौत हो गई. साल 2023 में यह आंकड़ा 23652 जा पहुंचा. साल 2023 में साल 2022 की तुलना में 4.7 प्रतिशत ज्यादा लोगों की सड़क हादसों में मृत्यु हुई.

लखनऊः अक्सर छोटी-छोटी लापरवाही से फर्क पड़ता है. जी हां, ये बात हम यूपी के हादसों के लिए कह रहे हैं. यूपी में हर साल हादसों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. सड़क सुरक्षा फंड से परिवहन विभाग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पानी की तरह पैसे बहा रहा है. दुर्घटनाओं पर जागरूकता और प्रवर्तन कार्रवाई से भी रोक नहीं लग पा रही है. हादसों का ग्राफ घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में अब परिवहन विभाग ने दुर्घटनाओं को रोकने का एक नया फंडा निकाला है. प्रदेश भर के व्यवसायिक वाहनों में चालक की सीट के सामने उसके परिवार की तस्वीर लगाई जाएगी. मोटर कैब, मैक्सी, कैब, बस सहित सभी वाहनों में लिए यह अनिवार्य किया गया है. विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि ऐसा करने से वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करेंगे, क्योंकि वह अपने परिवार के बारे में भी सोचेंगे और इससे हादसे रुक सकेंगे.




उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह के मुताबिक बीती नौ अप्रैल को प्रमुख सचिव परिवहन की अध्यक्षता में प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर बैठक आयोजित की गई. इसमें अपर पुलिस महानिदेशक ( सड़क सुरक्षा एंव यातायात) ने बताया कि आंध्र प्रदेश में सार्वजनिक वाहनों में चालकों को सड़क सुरक्षा के प्रति भावनात्मक रूप से संवदेनशील बनाए जाने के उद्देश्य से चालक के परिवार की तस्वीर ( फैमिली फोटो) चालक की सीट के सामने लगाए जाने की अनूठी पहल प्रारंभ हुई. इससे आंध्र प्रदेश में वाहन चालकों ने सावधानी बरती और सड़क हादसों में कमी आई है. इससे प्रभावित होकर अब उत्तर प्रदेश के व्यवसायिक वाहनों में इसे लागू किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों के साथ ही सभी सार्वजनिक और व्यवसायिक वाहनों में चालक के परिवार की तस्वीर चालक सीट के सामने लगाया जाना अनिवार्य किया गया है. इससे वाहन चलाते समय चालक भावनात्मक लगाव महसूस करता है और सावधानीपूर्वक वाहन चलाता है. हालांकि उत्तर प्रदेश में इस पहल से वाहन चालकों पर कितना असर पड़ेगा यह तो हादसों के आंकड़े ही बताएंगे, लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है इसलिए परिवहन विभाग ने इस योजना को लागू करने का फैसला लिया है.




साल 2023 में 4.7 प्रतिशत लोग अधिक हुए दुर्घटना का शिकार
उत्तर प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि साल 2022 में उत्तर प्रदेश में हुई सड़क दुर्घटना में 22,595 लोगों की मौत हो गई. साल 2023 में यह आंकड़ा 23652 जा पहुंचा. साल 2023 में साल 2022 की तुलना में 4.7 प्रतिशत ज्यादा लोगों की सड़क हादसों में मृत्यु हुई.

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Last Updated : Apr 16, 2024, 12:36 PM IST
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