उदयपुर. राजस्थान में इन दिनों चिलचिलाती धूप और लू थपेड़ों ने जनजीवन बेहाल कर रखा है.राजस्थान में तापमान अर्धशतक पार कर चुका है.गर्मी से बचने के लिए लोग तरह-तरह के जतन कर रहे हैं, लेकिन इस भीषण गर्मी में ईटीवी भारत आपके लिए गर्मी और नौतपा से बचाव के आयुर्वेदिक तरीके से लेकर आया है. ये उपाय बता रहे हैं वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी वैद्य शोभालाल औदीच्य.
वैद्य शोभालाल औदीच्य ने बताया कि नौतपा वह समय होता है, जब गर्मी अपने चरम पर होती है. इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और नौ दिन तक रहता है. यह अवधि आमतौर पर 25 मई से 2 जून तक होती है. इस समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिससे सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं और तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है.इसके अतिरिक्त, वायुमंडल में हवा की गति कम हो जाती है, जिससे गर्मी का प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है.
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नौतपा में सावधानियां....
1.अतिआवश्यकता होने पर ही घर से निकलें, दिन में 11 बजे से 4 बजे तक घर से निकलने से बचें.
2.घर से बाहर निकलते समय सिर को ढंककर रखें और सनस्क्रीन का प्रयोग करें
3.अधिक मात्रा में पानी पिएं दिन में लगभग 7-8 लीटर पानी और जलयुक्त फलों का सेवन करें.
4. हल्के और सूती कपड़े पहनें ताकि शरीर को ठंडक मिले. गहरे रंग के कपड़ों का चयन नहीं करें.
5. हल्का व्यायाम करें और अधिक श्रम वाले कार्यों से बचें
6. पलाश पुष्प से स्नान करें; एक बाल्टी में लगभग 50 ग्राम पलाश पुष्प डालकर दोपहर में धूप में छोड़ दें. लू लगने पर शाम को उस पानी से स्नान करें.
7.मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थों से बचे. ये शरीर की गर्मी को बढ़ाते हैं और पेट की समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं.
8.गर्म पेय से बचें. चाय, कॉफी और गर्म सूप जैसी चीजें शरीर के तापमान को और बढ़ा देती हैं.
9. शराब और कैफीन से दूर रहें. शराब और कैफीन युक्त पेय पदार्थ, जैसे कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स, शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं और गर्मी बढ़ाते हैं.
10.भारी भोजन से भी बचें. भारी और मुश्किल से पचने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि मीट, उड़द की दाल, बेसन व मैदा से बने खाद्य पदार्थ खाने से बचें.
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नौतपा के समय क्या करना चाहिए...
1. ठंडे पेय पदार्थ पिएं. गर्मी के दौरान शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है. छाछ पाचन को सुधारता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसमें थोड़ा सा काला नमक और भुना जीरा मिलाकर सेवन करने से यह और भी फायदेमंद हो जाता है.
नारियल पानी: नारियल पानी प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है. यह डिहाइड्रेशन से बचाता है और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है.
कच्चे बेल का शरबत: बेल फल से बना शरबत शरीर की गर्मी को कम करता है और पाचन को सुधारता है. यह पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है.
खस का शरबत: खस की जड़ से बना शरबत शरीर को ठंडक प्रदान करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है. यह गर्मी के प्रभाव को कम करता है और ताजगी प्रदान करता है.
2.हल्का सुपाच्य आहार. गर्मी के समय में हल्का और सुपाच्य भोजन करना आवश्यक होता है. हल्का आहार न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है,बल्कि शरीर को आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है. कुछ प्रमुख लघु आहार निम्नलिखित हैं:
सलाद: ताजे सब्जियों का सलाद, जैसे कि तर ककड़ी, टमाटर, गाजर, और प्याज का सेवन करें. सलाद शरीर को ठंडक पहुंचाता है और विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है.
ताजे फल: मौसमी फलों का सेवन करें, जैसे कि खरबूजा, मतीरा और आम. आम के रस में गाय का घी व सोंठ का पाउडर चिरोंजी सेंगारी नमक मिला कर सेवन करें. ये फल शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं.
गुलकंद: गुलकंद गुलाब की पत्तियों और चीनी का मिश्रण होता है, जो शरीर को ठंडक पहुंचाता है और पाचन को सुधारता है.यह शरीर की गर्मी को कम करता है और मस्तिष्क को शांत रखता है.
गुलकंद का शरबत: गुलकंद को पानी में मिलाकर शरबत बनाएं और ठंडा करके पिएं. यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और ताजगी प्रदान करता है.
घर पर इस तरह बनाएं ठंडाई
--सामग्री--
धनिया 1 चम्मच, तरबूज के बीज – 1 चम्मच, बादाम— 4, खसखस: 1 चम्मच, सौंफ: 1 चम्मच, काली मिर्च: 4—5, इलायची: 2-3, गुलाब की पत्तियां, दूध: 1 लीटर, मिश्री (धागे वाली) स्वादानुसार.
——विधि——
ठंडाई बनाने के लिए, सबसे पहले सभी सामग्री को पानी में भिगोकर रातभर रखें. अगली सुबह, सभी सामग्री को पीसकर पेस्ट बना लें. फिर इस पेस्ट को दूध में मिलाकर अच्छी तरह से छान लें. अंत में, मिश्री मिलाकर सेवन करें.
—— घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय ——
1. आम का पानक: कच्चे आम को गर्म करके ठंडा गिने पर रस निकालें और इसमें थोड़ा सा काला नमक, भुना जीरा पाउडर और पुदीना मिलाएं. ठंडा करके पिएं.
2. इमली का पानक: इमली को पानी में भिगोकर उसका रस निकालें. इसमें मिश्री, काला नमक और भुना जीरा पाउडर मिलाएं. ठंडा करके पिएं.
——योग और प्राणायाम——
गर्मी के मौसम में सुबह सूक्ष्म व्यायाम जैसे कि वॉकिंग, स्ट्रेचिंग, सामान्य योगासन करें और शीतली और शीतकारी प्राणायाम करें.
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