नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 80 साल की एक बुजुर्ग महिला के साथ रेप करने के एक आरोपी को 12 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशंस जज आंचल ने कहा कि आरोपी का कृत्य सामाजिक और नैतिक दोनों मूल्यों पर करारा तमाचा है.
कोर्ट ने पीड़िता के बयान पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि उसने आरोपी से हाथ जोड़कर छोड़ने की गुहार लगाती रही, लेकिन आरोपी नहीं माना और अपनी हवस मिटाई. कोर्ट ने आरोपी को रेप, अनाधिकृत रूप से घर में प्रवेश करने, चोरी और मारपीट करने के आरोप में दोषी मानते हुए सजा दी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी अंकित बेड पर पड़े बुजुर्ग महिला के घर में घुसा और उसे पीटा. आरोपी ने महिला के साथ बार-बार रेप किया. आरोपी महिला का मोबाइल लेकर उसके घर से भाग गया.
कोर्ट ने कहा कि रेप निश्चित रुप से एक जघन्य अपराध है और वो पीड़िता की आत्मा को कमजोर कर देता है। रेप की पीड़िता का आत्मविश्वास खत्म हो जाता है। ऐसा अपराध समाज के लिए एक धब्बा है। कोर्ट ने बचाव पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि ये अपराध किसी घटना का प्रतिफल था। कोर्ट ने कहा कि रेप की घटना आरोपी ने हवस को मिटाने के लिए अंजाम दिया था.
कोर्ट ने आरपी को रेप के मामले में 12 साल की सजा, घर में अनाधिकृत प्रवेश करने के मामले में 5 साल की सजा और मारपीट के आरोपी में छह महीने की सजा सुनाई. कोर्ट ने कहा कि आरोपी सभी सजाओं को एक साथ काटेगा.
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