धमतरी : इन दिनों देशभर में प्रसाद और ज्योति कलश में शुद्धता की बहस छिड़ी हुई है. मंदिरों में सामान्य घी से लोग तौबा करने लगे हैं. तिरुपति बालाजी में प्रसाद मामले के बाद अब धमतरी के देवी मंदिर समितियां सजग हो गई. जिले की प्रसिद्ध विंध्यवासिनी मंदिर ट्रसट ने तिरूपति प्रसाद विवाद के बाद नियमों में बड़ा बदलाव किया है.
सरकार से रिकमेंडेड घी से ही जलेगी ज्योत : नवरात्र में आस्था ज्योत जलाने को लेकर ज्यादातर लोग शुद्ध घी का इस्तेमाल करने की बात कह रहे हैं. वहीं कुछ तेल से ही ज्योति कलश जलाने की बात कह रहे हैं. वहीं विंध्यवासिनी मंदिर ट्रस्ट ने फैसला किया है कि इस नवरात्र में उसी घी से ज्योत जाएगी, जिन्हें सरकार की तरफ से रिकमेंड किया गया है. मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि भक्तों की आस्था के साथ कोई खिलवाड़ न हो, इसलिए यह निर्णय लिया गया है.
इस वर्ष मनोकामना घी ज्योति कलश के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से संबद्ध देवभोग घी का उपयोग किया जाएगा. सरकार द्वारा प्रमाणित घी से ही ज्योति कलश जलाया जाएगा. देवभोग घी मंदिर में पहुंच चुका है. मंदिर ट्रस्ट माता के भक्तों और माता के मध्य श्रद्धा और विश्वास को निरंतर बढ़ाने के लिए सजग और संकल्पित है. : आनंद पवार, अध्यक्ष, विंध्यवासिनी मंदिर ट्रस्ट
माता के नए स्वरूप का भक्त करेंगे दर्शन : इस नवरात्र में धमतरी की विंध्यवासिनी माता स्वर्ण जड़ित छत्र के साथ नए स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगी. विंध्यवासिनी माता का इसी साल चोला बदला गया है. इसलिए माता के अलग रूप को देखने नवरात्र में लोगों की भीड़ उमड़ने वाली है.