ETV Bharat / state

तिरुपति लड्डू विवाद पर सदानंद सरस्वती ने जताया दुख, बोले- सरकार न करें मंदिरों का संचालन - Tirupati Laddu Controversy

देश के सबसे प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे पर सिवनी पहुंचे शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने अपनी राय रखी है और सख्त जांच की मांग की है. साथ ही मंदिरों के संचालन पर भी सवाल उठाए हैं.

SHANKARACHARYA SADANAND SARASWATI
तिरुपति लड्डू विवाद पर सदानद सरस्वती ने जताया दुख (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 23, 2024, 7:55 AM IST

Updated : Sep 23, 2024, 8:02 AM IST

सिवनी: द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज सिवनी के दिघौरी पहुंचे. वे दो दिवसीय प्रवास पर दिघौरी पहुंचे थे. 23 सितंबर यानि आज सिवनी के दिघौरी से नागपुर रवाना होंगे. दिघौरी में उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर अपना बयान दिया. सदानंद सरस्वती ने कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी की मिलावट की खबर दुखद है. प्रसाद हमारी संस्कृति और परंपरा है. इसकी पवित्रता को बनाए रखना बहुत जरूरी है.

स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि 'इस मिलावट की जांच होनी चाहिए. नकली दूध, नकली घी, नकली हिंदुओं की भी जांच होनी चाहिए. तिरुपति मंदिर के संचालकों को तुरंत इस गलती का सुधार करना चाहिए और भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.

सदानंद सरस्वती का बयान (ETV Bharat)

'मंदिर का संचालन सरकार का काम नहीं'

शंकराचार्य ने कहा कि मंदिर के संचालन का काम सरकार का नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में वर्ण व्यवस्था है. आश्रम व्यवस्था है और अधिकार व्यवस्था है. मंदिरों का संचालन राजनीतिक नेताओं को नहीं करना चाहिए. अगर तिरुपति बालाजी मंदिर का संचालन कोई धर्माचार्य, कोई सम्प्रदाय, कोई पीठाधीश्वर या परंपरा के आचार्य के पास होता तो यह गलती नहीं होती. भगवान के नैवेद्य की व्यवस्था क्या होगी, ये धर्माचार्य तय करेंगे सरकार नहीं. शासन को इस बात विचार करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हम लोग यह मानते हैं कि असली दूध, नकली दूध, असली घी, नकली घी. ये भी जानना जरूरी है असली हिंदू नकली हिंदू. जो संचालक हैं वे भूल सुधार करें. जिन्होंने ऐसा किया उनको दंडित किया जाए. द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने यह बयान सिवनी जिले के गुरु रत्नेश्वर धाम दिघोरी में दिया है.

यहां पढ़ें...

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट पर बिफरे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

लोगों का धर्म भ्रष्ट करना दुर्भाग्यपूर्ण, कैलाश विजयवर्गीय ने दोषियों के लिए की फांसी की मांग

क्या तिरुपति लड्डू विवाद

गौरतलब है कि 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के आरोप से देशभर की सियासत गरमा गई. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में उपयोग होने वाला कथित देसी घी जानवरों की चर्बी वाली वसा से बना है. यह खुलासा करते ही देश की राजनीति में भूचाल आ गया. वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. जिसमें उन्होंने छवि धूमिल करने की बात कही है.

सिवनी: द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज सिवनी के दिघौरी पहुंचे. वे दो दिवसीय प्रवास पर दिघौरी पहुंचे थे. 23 सितंबर यानि आज सिवनी के दिघौरी से नागपुर रवाना होंगे. दिघौरी में उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर अपना बयान दिया. सदानंद सरस्वती ने कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी की मिलावट की खबर दुखद है. प्रसाद हमारी संस्कृति और परंपरा है. इसकी पवित्रता को बनाए रखना बहुत जरूरी है.

स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि 'इस मिलावट की जांच होनी चाहिए. नकली दूध, नकली घी, नकली हिंदुओं की भी जांच होनी चाहिए. तिरुपति मंदिर के संचालकों को तुरंत इस गलती का सुधार करना चाहिए और भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.

सदानंद सरस्वती का बयान (ETV Bharat)

'मंदिर का संचालन सरकार का काम नहीं'

शंकराचार्य ने कहा कि मंदिर के संचालन का काम सरकार का नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में वर्ण व्यवस्था है. आश्रम व्यवस्था है और अधिकार व्यवस्था है. मंदिरों का संचालन राजनीतिक नेताओं को नहीं करना चाहिए. अगर तिरुपति बालाजी मंदिर का संचालन कोई धर्माचार्य, कोई सम्प्रदाय, कोई पीठाधीश्वर या परंपरा के आचार्य के पास होता तो यह गलती नहीं होती. भगवान के नैवेद्य की व्यवस्था क्या होगी, ये धर्माचार्य तय करेंगे सरकार नहीं. शासन को इस बात विचार करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हम लोग यह मानते हैं कि असली दूध, नकली दूध, असली घी, नकली घी. ये भी जानना जरूरी है असली हिंदू नकली हिंदू. जो संचालक हैं वे भूल सुधार करें. जिन्होंने ऐसा किया उनको दंडित किया जाए. द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने यह बयान सिवनी जिले के गुरु रत्नेश्वर धाम दिघोरी में दिया है.

यहां पढ़ें...

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट पर बिफरे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

लोगों का धर्म भ्रष्ट करना दुर्भाग्यपूर्ण, कैलाश विजयवर्गीय ने दोषियों के लिए की फांसी की मांग

क्या तिरुपति लड्डू विवाद

गौरतलब है कि 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के आरोप से देशभर की सियासत गरमा गई. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में उपयोग होने वाला कथित देसी घी जानवरों की चर्बी वाली वसा से बना है. यह खुलासा करते ही देश की राजनीति में भूचाल आ गया. वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. जिसमें उन्होंने छवि धूमिल करने की बात कही है.

Last Updated : Sep 23, 2024, 8:02 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.