बलरामपुर: बलरामपुर रामानुजगंज जिले के रजबंधा गांव के रामचौरा की पहाड़ी पर आजादी का जश्न अनोखे तरीके से मनाया गया. यहां पूजा-पाठ हवन-पूजन कर ध्वजारोहन किया गया. झंडा फहराने के बाद पहाड़ी के नीचे भव्य मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में आसपास के ग्रामीणों के साथ ही दूरदराज के इलाकों से हजारों लोग शामिल हुए.
रामचौरा पहाड़ी पर लहराया तिरंगा झंडा: दरअसल, जिले के रजबंधा गांव में प्रसिद्ध रामचौरा पहाड़ी पर गुरुवार को तिरंगा झंडा फहराया गया. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रामचौरा का मेला देखने और पूजा-पाठ करने हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. बड़ी संख्या में लोगों ने पहाड़ी की कठिन चढ़ाई चढ़ी और चोटी पर पहुंचकर वहां विराजित भगवान श्रीराम और माता सीता के दर्शन किए. पहाड़ी के नीचे हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है. मंदिर को लेकर लोगों के बीच बड़ी आस्था है.
आजादी के बाद से लगता रहा है यहां मेला: इस बारे में रामचौरा सेवा समिति के संयोजक सत्यनारायण रजक ने बताया, "यहां की मान्यता ये है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश आजाद हुआ. उससे पहले हमारे पूर्वजों ने यह मन्नत मांगी थी कि जब हमारा भारत देश आजाद हो जाएगा, तो हम इस रामचौरा धाम पर तिरंगा झंडा फहराएंगे. तब से यह परंपरा चली आ रही है. आज 78वें स्वतंत्रता दिवस पर भी रामचौरा पहाड़ी की चोटी पर तिरंगा झंडा फहराया गया है."
"यहां राम चौरा पहाड़ी पर पिछले कई सालों से मेला लग रहा है. हम लोग चाहते हैं कि हमारा रामचौरा का मेला छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश भर में मशहूर हो. जिस तरह से तातापानी में मकरसंक्रांति का मेला लगता है. हम चाहते हैं कि रामचौरा भी उससे जुड़े और यहां भी भव्य मेला का आयोजन हो." -रमाशंकर रजक, कोषाध्यक्ष, रामचौरा सेवा समिति
रामचौरा पहाड़ी चढ़ने का रास्ता दुर्गम: ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग की ओर से लाखों रुपए खर्च कर चढ़ाई के रास्ते में पड़ने वाले चट्टानों और पत्थरों को मशीन की मदद से काटकर मार्ग बनाया जा रहा था, लेकिन बारिश के मौसम में रास्ता अब बर्बाद हो चुका है. पहाड़ी पर चढ़ने और उतरने के दौरान हादसे का खतरा बना रहता है.