नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर गुरुवार को हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अहम बैठक में कई निर्णय लिए गए. उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव करने पर भी विचार कर रही है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से तुरंत राहत के तौर पर कुछ ठोस उपाय करने पर चर्चा हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि सड़कों के किनारों से धूल हटाने के काम को मिशन मोड पर किया जाएगा. प्रदूषण रोधी उपाय में जुटी एजेंसियों को धूल और अन्य कारणों से होने वाले प्रदूषण पर सभी एजेंसियों को केंद्रित करना होगा.
सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुरू करने के समय में बदलाव करने के संबंध में गोपाल राय ने कहा कि एक ही समय में वाहनों की संख्या कम करने के लिए दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों के समय में बदलाव पर भी चर्चा हुई है. दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल से पायलट प्रोजेक्ट के तहत कृत्रिम बारिश करने की संभावना पर केंद्र सरकार से भी चर्चा करने का अनुरोध किया है.
उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वह इस संबंध में बात करेंगे. साथ ही बैठक में पड़ोसी राज्यों से आने वाली डीजल बसों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने पर भी सहमति बनी है. गुरुवार को हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में मुख्यमंत्री आतिशी, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमने चर्चा की है कि दिल्ली के दफ्तरों के समय में बदलाव किया जाए, जिससे एक साथ ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां सड़कों पर ना रहें. जो प्राइवेट डीजल बसें चारों ओर से आ रही हैं उसके लिए परिवहन विभाग से चर्चा हुई है कि इसके लिए एक स्पेशल ड्राइव चलाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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