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जिलों पर रार : जूली बोले- भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं, लेकिन बयान से लगता है जैसे वे ही लीड कर रहे हैं - Decision On New Districts

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2024, 8:28 PM IST

Rajasthan New Districts Controvery, गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों में से कुछ को खत्म करने के भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ के बयान से सियासत गरमा गई है. अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं हैं. कमेटी और सरकार तय करेगी कि कौन से जिले रहेंगे या खत्म होंगे.

Decision On New Districts
टीकाराम जूली का बयान (ETV Bharat Jaipur)
टीकाराम जूली का बयान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों में से कुछ को खत्म करने के भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ के बयान से सियासत गरमा गई है. अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं हैं. कमेटी और सरकार तय करेगी कि कौन से जिले रहेंगे या खत्म होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अध्यक्ष के बयान से लगता है कि वे राजस्थान के लोगों का भला नहीं सोच रहे हैं.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि ये लोग सत्ता के नशे में चूर हैं. भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं हैं. सरकार ने जिलों के लिए कमेटी बनाई है, जिसमें मंत्री और अधिकारी हैं. वे हर बार समय मांग रहे हैं कि कमेटी का समय बढ़ाया जाए. ये (भाजपा नेता) आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण किया. जिलों में भी तुष्टिकरण? यह समझ में नहीं आ रहा कि इन लोगों की सोच क्या हो चुकी है.

हमने सुविधा के लिए बनाए नए और छोटे जिले : टीकाराम जूली बोले कि हमने नए जिले बनाए थे कि लोगों को नजदीक ही राहत मिले, त्वरित न्याय मिले. लोगों की परेशानी खत्म हो. नजदीक मुख्यालय रहेगा तो लोगों को सुविधा होगी. स्टाफ लगेगा तो युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. यह कांग्रेस सरकार का ऐतिहासिक फैसला था. उन्होंने कहा कि वे खुद बहरोड के रहने वाले हैं, जहां से अलवर की दूरी 100 किलोमीटर है. अगर हम हरियाणा की बात करें तो वहां हर 30 किलोमीटर पर जिले बदल जाते हैं, जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है. नए जिले बनाने के बाद जिला मुख्यालय तक जाने का समय आधा ही लगने लगा, दूरी आधी हो गई. इसी तरह यह सुविधा प्रदेशभर के लोगों को मिली है.

इसे भी पढ़ें : मदन राठौड़ को पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई का जवाब, कहा- सांचौर जिले से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं - Sukhram Vishnoi reply Madan Rathore

क्या भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हर चीज को लीड कर रहे ? : उन्होंने कहा कि आज देश में क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन जिलों की संख्या कम थी. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे बढ़कर जिलों की संख्या 50 की, जिससे लोगों को ज्यादा संसाधन उपलब्ध हो. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष जिस तरह से बयान दे रहे हैं, उससे ऐसा लग रहा है जैसे वो सारी चीजों को लीड कर रहे हैं. वो छह-सात जिलों को खत्म करने की बात कर रहे हैं. उनका क्षेत्र बदलने की बात कर रहे हैं. यह गलत है.

जब सब तय हो जाए, तभी सक्षम स्तर से हो घोषणा : जूली ने कहा कि नए जिलों पर मुख्यमंत्री, कमेटी के अध्यक्ष या सदस्य इस स्थिति में आ जाएं कि हम यह फैसला लेने जा रहे हैं. तब इसके बारे में घोषणा होनी चाहिए. इस तरह की बयानबाजी करने से लगता है कि ये राजस्थान का भला नहीं सोच रहे हैं. अगर ये जिलों की संख्या 50 से आगे बढ़ाने की बात करते तो अच्छा होता. ताकि लोगों को सहूलियत मिलती. जहां से मांग आ रही है. वहां भी नए जिले बनाए जाने चाहिए.

टीकाराम जूली का बयान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: गहलोत सरकार में बनाए गए नए जिलों में से कुछ को खत्म करने के भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ के बयान से सियासत गरमा गई है. अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं हैं. कमेटी और सरकार तय करेगी कि कौन से जिले रहेंगे या खत्म होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अध्यक्ष के बयान से लगता है कि वे राजस्थान के लोगों का भला नहीं सोच रहे हैं.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि ये लोग सत्ता के नशे में चूर हैं. भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं हैं. सरकार ने जिलों के लिए कमेटी बनाई है, जिसमें मंत्री और अधिकारी हैं. वे हर बार समय मांग रहे हैं कि कमेटी का समय बढ़ाया जाए. ये (भाजपा नेता) आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण किया. जिलों में भी तुष्टिकरण? यह समझ में नहीं आ रहा कि इन लोगों की सोच क्या हो चुकी है.

हमने सुविधा के लिए बनाए नए और छोटे जिले : टीकाराम जूली बोले कि हमने नए जिले बनाए थे कि लोगों को नजदीक ही राहत मिले, त्वरित न्याय मिले. लोगों की परेशानी खत्म हो. नजदीक मुख्यालय रहेगा तो लोगों को सुविधा होगी. स्टाफ लगेगा तो युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. यह कांग्रेस सरकार का ऐतिहासिक फैसला था. उन्होंने कहा कि वे खुद बहरोड के रहने वाले हैं, जहां से अलवर की दूरी 100 किलोमीटर है. अगर हम हरियाणा की बात करें तो वहां हर 30 किलोमीटर पर जिले बदल जाते हैं, जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है. नए जिले बनाने के बाद जिला मुख्यालय तक जाने का समय आधा ही लगने लगा, दूरी आधी हो गई. इसी तरह यह सुविधा प्रदेशभर के लोगों को मिली है.

इसे भी पढ़ें : मदन राठौड़ को पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई का जवाब, कहा- सांचौर जिले से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं - Sukhram Vishnoi reply Madan Rathore

क्या भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हर चीज को लीड कर रहे ? : उन्होंने कहा कि आज देश में क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन जिलों की संख्या कम थी. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे बढ़कर जिलों की संख्या 50 की, जिससे लोगों को ज्यादा संसाधन उपलब्ध हो. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष जिस तरह से बयान दे रहे हैं, उससे ऐसा लग रहा है जैसे वो सारी चीजों को लीड कर रहे हैं. वो छह-सात जिलों को खत्म करने की बात कर रहे हैं. उनका क्षेत्र बदलने की बात कर रहे हैं. यह गलत है.

जब सब तय हो जाए, तभी सक्षम स्तर से हो घोषणा : जूली ने कहा कि नए जिलों पर मुख्यमंत्री, कमेटी के अध्यक्ष या सदस्य इस स्थिति में आ जाएं कि हम यह फैसला लेने जा रहे हैं. तब इसके बारे में घोषणा होनी चाहिए. इस तरह की बयानबाजी करने से लगता है कि ये राजस्थान का भला नहीं सोच रहे हैं. अगर ये जिलों की संख्या 50 से आगे बढ़ाने की बात करते तो अच्छा होता. ताकि लोगों को सहूलियत मिलती. जहां से मांग आ रही है. वहां भी नए जिले बनाए जाने चाहिए.

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