टीकमगढ़। परंपरागत खेती से हटकर यदि लंबे समय की प्लानिंग के साथ खेती में कुछ नया किया जाए तो खेती से भी करोड़पति बना जा सकता है. इसके लिए आपको कुछ साल इंतजार करना होता है. चंदन और सागौन के साथ कई प्रकार के ऐसे पौधे हैं जिन्हें लगाने के बाद इनकी देखभाल करनी होती है और ये पौधे आपको कुछ साल बाद पेड़ बनते ही करोड़पति बना देते हैं. देश और प्रदेश में ऐसे कई किसान हैं जो ऐसी खेती कर रहे हैं.
चंदन और सागौन के लगाए पौधे
ऐसा ही प्रयोग किया है बुंदेलखंड इलाके में आने वाले टीकमगढ़ जिले के किसान अनिल बड़कुल ने. उन्होंने अपने डेढ़ एकड़ खेत में 750 चंदन के पौधे रोपे हैं. यह पौधे 12 साल बाद कटने के लिए तैयार हो जाएंगे, उस वक्त इनकी कीमत औसतन 18 करोड़ रुपये होगी. उन्होंने 2003 से 10 सालों तक 20 एकड़ जमीन पर 13 हजार सागौन के पौधे लगाए हैं. इनकी कीमत सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. कुछ सालों बाद इन सागौन के पेड़ों की कीमत 100 करोड़ के आसपास होगी. इनमें से कई पौधे अब पेड़ बन चुके हैं.
टीकमगढ़ के किसान का कमाल
टीकमगढ़ के रहने वाले अनिल बड़कुल की गिनती क्षेत्र के उन्नत किसानों में होती है. खेत में सागौन के पेड़ों का जंगल खड़ा कर चुके अनिल बड़कुल ने टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से करीबन 7 किलोमीटर दूर स्थित पपौराजी स्थित अपने खेत में अब डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में चंदन के 750 पौधे लगाए हैं. अनिल बताते हैं कि "पीले चंदन के पौधे कहीं भी आसानी से ग्रोथ कर जाते हैं. चंदन के एक पेड़ को लगाने और उसे कटाई योग्य होने में करीबन 12 साल का वक्त लगता है, लेकिन 12 साल का इंतजार किसान को अच्छा लाभ दे जाता है. चंदन के पौधारोपण को लेकर कई कृषि विशेषज्ञों से चर्चा के बाद मैंने डेढ़ एकड़ क्षेत्र में 750 पौधे लगाए हैं. चंदन के यह पौधे करनाल से बुलाए थे."
तने के आधार पर तय होती है कीमत
किसान अनिल बड़कुल का कहना है कि कोई भी पेड़ हो उसके तने के आधार पर यह तय होता है कि इसकी कीमत कितनी है. चंदन के पेड़ 13 साल बाद कटाई योग्य हो जाते हैं. वे कहते हैं कि चंदन का एक पेड़ 1 लाख से 5 लाख रुपये तक बिकता है. इस तरह यदि एक पेड़ औसतन ढाई लाख रुपये का भी बिका तो इससे 18 करोड़ रुपये की आय होगी.
बिना खुशबू चंदन का पेड़ सामान्य लड़की
कृषि विशेषज्ञ जेएस जरियाल बताते हैं कि "आमतौर पर चंदन के पेड़ को डेवलप होने में कम से कम 20 साल लगते हैं यह तब पूर्ण विकसित माना जाता है जब इसके हार्ड बुड में खुशबू आने लगती है. चंदन के पेड़ में जब तक खुशबू नहीं, तब तक यह सामान्य लकड़ी ही होती है."
सर्टिफाइड पौधे ही खरीदें
कृषि विशेषज्ञ जेएस जरियाल बताते हैं कि आजकल चंदन के पौधे हर जगह मिलने लगे हैं लेकिन यदि बड़े पैमाने पर और कमर्शियल इसकी खेती करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि इसका पौधा इंस्टीट्यूट ऑफ बुड साइंस बेंगलुरू से ही खरीदें. यहां गारंटी के साथ चंदन के पौधे दिए जाते हैं. यहां दावा किया जाता है कि 15 साल में चंदन में हार्ड बुड तैयार हो जाएगा. चंदन के पौधों के नाम पर कई स्थानों पर जालसाजी भी होती है. पौधे बेचते समय दावा किया जाता है कि 3 से 4 साल बाद इसकी वे टहनियां खरीद लेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता.
चंदन पैरासाइट प्लांट, ये गलती न करें
कृषि विशेषज्ञों के माने तो चंदन एक परजीवी पौधा होता है, यह अकेले सर्वाइव नहीं कर सकता. यह विकसित तभी होता है, जब इसके आसपास दूसरे पौधे हों. इसके लिए इसके साथ होस्ट भी लगाना होता है. होस्ट होगा, तभी चंदन का पौधा विकसित होगा. होस्ट की जड़ें और चंदन की जड़ें मिलती हैं, तो चंदन तेजी से ग्रोथ करता है.
चंदन की खेती के पहले खसरे में चढ़ाना न भूलें
चंदन के पेड़ों की गिनती दुर्लभ पेड़ों में की जाती है, इसलिए यदि आप चंदन की खेती करने जा रहे हैं तो पौधा लगाने के साथ ही वन विभाग को इसकी सूचना दें. साथ ही खसरे में पटवारी की मदद से यह दर्ज कराएं कि उक्त खसरे में किसने चंदन के पेड़ लगाए गए हैं. इसके बाद आपको एक सर्टिफिकेट मिलेगा. चंदन के पेड़ बड़े होने पर यह सर्टिफिकेट दिखाने के बाद ही किसी प्रोसेसिंग यूनिट को सीधे बेचा जा सकता है. इसकी बिक्री वन विभाग के माध्यम से होती है.
पहले सुरक्षा के इंतजाम सोच लें
कृषि विशेषज्ञ जेएस जरियाल के मुताबिक चंदन की खेती करना मुश्किल तो है, लेकिन उससे भी मुश्किल है उसकी सुरक्षा करना. खासतौर से जब यह कटने योग्य होने लगते हैं. ऐसे में इसकी खेती के पहले पुख्ता कर लें कि आप इसकी सुरक्षा के बेहतर इंतजाम कर पाएंगे. इसके बाद ही इसको बड़ी संख्या में लगाने पर विचार करें.