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राजाराम की नगरी में क्या BJP को चौथी बार मिलेगा आशीर्वाद, या कांग्रेस के सिर सजेगा जीत का ताज

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 3:33 PM IST

Tikamgarh Lok Sabha Seat Profile: एमपी के टीकमगढ़ जिले में स्थित ओरछा को दूसरी अयोध्या के नाम से जाना जाता है. इस क्षेत्र की पहचान धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल दोनों में होती है. वहीं बात अगर राजनीति की करें तो टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी लगातार तीन बार से जीत हासिल कर रही है. इस बार यहां से बीजेपी ने पुराने प्रत्याशी वीरेंद्र खटीक तो कांग्रेस नए चेहरे पंकज अहिरवार को टिकट दिया है. देखना होगा इस बार किसे मिलेगा भगवान राम का आशीर्वाद...

tikamgarh lok sabha seat profile
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टीकमगढ़। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ की बात करें, तो टीकमगढ़ की पहचान एक धार्मिक और ऐतिहासिक नगर के तौर पर है. टीकमगढ़ संसदीय सीट में स्थित ओरछा को बुंदेलखंड की अयोध्या कहा जाता है. यहां रामराजा सरकार मंदिर स्थापित है. बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और पूरे देश में आस्था का केंद्र है. यहां स्थित गढ़कुंडार किला यहां के ऐतिहासिक वैभव की कहानी कहता है. इसके अलावा भी यहां पर कई भव्य महल, ऐतिहासिक किले और छतरियां हैं. राजनीतिक तौर पर भी टीकमगढ़ ने कई हस्तियां देश की राजनीति में दी है. जिनमें उमा भारती और वर्तमान केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार शामिल हैं.

टीकमगढ लोकसभा सीट

टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, जतारा और खरगापुर विधानसभा, निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर और निवाड़ी विधानसभा और छतरपुर जिले की महाराजपुर और बिजावर सीट को शामिल किया गया है. टीकमगढ़ सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 47 हजार और 399 है. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 71 हजार 900 मतदाता है. वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 75 हजार 470 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 29 है.

टीकमगढ़ सीट एक परिचय

देश के पहले लोकसभा चुनाव के साथ 1952 में टीकमगढ़ लोकसभा सीट अस्तित्व में आ गयी थी. जिसमें कई जिलों की सीटों को शामिल किया गया था. ये सीट अब तक चार बार परिसीमन के कारण प्रभावित हो चुकी है. टीकमगढ़ लोकसभा सीट का वर्तमान स्वरूप 2009 लोकसभा के चुनाव से अस्तित्व में आया. टीकमगढ़ 1977 से लेकर 2008 तक खजुराहो लोकसभा का हिस्सा रही और इसमें टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, खरगापुर, निवाड़ी, जतारा और छतरपुर जिले की छतरपुर, महाराजपुर, चंदला और बिजावर सीट शामिल रही, लेकिन 2008 के परिसीमन में टीकमगढ़ सीट खजुराहो से हटकर अस्तित्व में आयी और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गयी.

लोकसभा चुनाव 2009

2008 के परिसीमन के बाद खजुराहो लोकसभा से हटकर अलग अस्तित्व में आयी. टीकमगढ़ सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई. बुंदेलखंड की सागर सीट जो पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, वो अनारक्षित होने के कारण सागर के लगातार सांसद रहे वीरेन्द्र खटीक को टीकमगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा गया. भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र कुमार को 2 लाख 109 वोट हासिल हुए. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी वृंदावन अहिरवार के लिए एक लाख 58 हजार 247 मत हासिल हुए और इस तरह वीरेन्द्र कुमार 41 हजार 862 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए.

लोकसभा चुनाव 2014

लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के बीच वीरेन्द्र कुमार फिर भाजपा प्रत्याशी बने और उन्हें 4 लाख 22 हजार 979 वोट हासिल हुए. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कमलेश अहिरवार के लिए 2 लाख 14 हजार 248 वोट मिले. इस तरह वीरेन्द्र कुमार 2 लाख 8 हजार 731 वोटों से चुनाव जीत गए.

tikamgarh lok sabha seat profile
टीकमगढ़ लोकसभा सीट के 2019 के परिणाम

लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा 2019 में वीरेन्द्र कुमार भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर फिर मैदान में थे. इस बार उन्हें 6 लाख 72 हजार 248 वोट मिले. वहीं उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की किरण अहिरवार को 3 लाख 24 हजार 189 मत मिले. इस तरह वीरेन्द्र कुमार लगातार तीसरी बार 3 लाख 48 हजार 59 मतों से जीत गए.

उमा भारती और वीरेन्द्र कुमार बने टीकमगढ़ सीट की पहचान

टीकमगढ़ सीट जब अनारक्षित तौर पर खजुराहो सीट का हिस्सा थी. तब पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती यहां से 1989, 1991, 1996 और 1998 में चार बार चुनाव जीती, लेकिन 2004 में खजुराहो सीट से कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने चुनाव जीता और उसके बाद 2008 के परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई और अब तक हुए तीन चुनाव में केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार लगातार चुनाव जीते.

टीकमगढ़ का जातीय समीकरण

अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित लोकसभा सीट में साफ है कि सबसे ज्यादा अनूसूचित जाति के मतदाता हैं. जिनकी संख्या करीब 24 फीसदी है. करीब 3 लाख अनुसूचित जाति मतदाताओं वाली सीट में ओबीसी मतदाताओं में यादव मतदाता काफी अच्छी संख्या में है. इसके अलावा लोधी और ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी संख्या में है. यूपी की सीमा से लगे टीकमगढ़ में इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी कांग्रेस के लिए मददगार साबित होगी.

tikamgarh lok sabha seat profile
टीकमगढ़ लोकसभा सीट की जानकारी और मुद्दे

टीकमगढ़ लोकसभा के मुद्दे

टीकमगढ़ के हाल भी बुंदेलखंड के दूसरे जिलों की तरह है. ये इलाका भी आर्थिक बदहाली के लिए जाना जाता है. लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण यहां पर सिंचाई के साधनों की कमी के कारण खेती किसानी में कुछ खास फायदा नहीं है. बेरोजगारी के चलते लोग पलायन के लिए मजबूर हैं.

यहां पढ़ें...

अखिलेश-राहुल के चक्रव्यूह को तोड़ पाएगी BJP, खजुराहो सीट के लिए इंडिया गठबंधन की नई रणनीति

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कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशी घोषित

टीकमगढ़ लोकसभा सीट से दोनों प्रमुख दलों से प्रत्याशियों का एलान कर दिया है. भाजपा ने जहां अपने केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार पर लगातार चौथी बार भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस ने नए चेहरे के तौर पर पंकज अहिरवार को मैदान में उतारा है.

टीकमगढ़। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ की बात करें, तो टीकमगढ़ की पहचान एक धार्मिक और ऐतिहासिक नगर के तौर पर है. टीकमगढ़ संसदीय सीट में स्थित ओरछा को बुंदेलखंड की अयोध्या कहा जाता है. यहां रामराजा सरकार मंदिर स्थापित है. बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और पूरे देश में आस्था का केंद्र है. यहां स्थित गढ़कुंडार किला यहां के ऐतिहासिक वैभव की कहानी कहता है. इसके अलावा भी यहां पर कई भव्य महल, ऐतिहासिक किले और छतरियां हैं. राजनीतिक तौर पर भी टीकमगढ़ ने कई हस्तियां देश की राजनीति में दी है. जिनमें उमा भारती और वर्तमान केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार शामिल हैं.

टीकमगढ लोकसभा सीट

टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, जतारा और खरगापुर विधानसभा, निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर और निवाड़ी विधानसभा और छतरपुर जिले की महाराजपुर और बिजावर सीट को शामिल किया गया है. टीकमगढ़ सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 47 हजार और 399 है. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 71 हजार 900 मतदाता है. वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 75 हजार 470 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 29 है.

टीकमगढ़ सीट एक परिचय

देश के पहले लोकसभा चुनाव के साथ 1952 में टीकमगढ़ लोकसभा सीट अस्तित्व में आ गयी थी. जिसमें कई जिलों की सीटों को शामिल किया गया था. ये सीट अब तक चार बार परिसीमन के कारण प्रभावित हो चुकी है. टीकमगढ़ लोकसभा सीट का वर्तमान स्वरूप 2009 लोकसभा के चुनाव से अस्तित्व में आया. टीकमगढ़ 1977 से लेकर 2008 तक खजुराहो लोकसभा का हिस्सा रही और इसमें टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, खरगापुर, निवाड़ी, जतारा और छतरपुर जिले की छतरपुर, महाराजपुर, चंदला और बिजावर सीट शामिल रही, लेकिन 2008 के परिसीमन में टीकमगढ़ सीट खजुराहो से हटकर अस्तित्व में आयी और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गयी.

लोकसभा चुनाव 2009

2008 के परिसीमन के बाद खजुराहो लोकसभा से हटकर अलग अस्तित्व में आयी. टीकमगढ़ सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई. बुंदेलखंड की सागर सीट जो पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, वो अनारक्षित होने के कारण सागर के लगातार सांसद रहे वीरेन्द्र खटीक को टीकमगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा गया. भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र कुमार को 2 लाख 109 वोट हासिल हुए. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी वृंदावन अहिरवार के लिए एक लाख 58 हजार 247 मत हासिल हुए और इस तरह वीरेन्द्र कुमार 41 हजार 862 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए.

लोकसभा चुनाव 2014

लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के बीच वीरेन्द्र कुमार फिर भाजपा प्रत्याशी बने और उन्हें 4 लाख 22 हजार 979 वोट हासिल हुए. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कमलेश अहिरवार के लिए 2 लाख 14 हजार 248 वोट मिले. इस तरह वीरेन्द्र कुमार 2 लाख 8 हजार 731 वोटों से चुनाव जीत गए.

tikamgarh lok sabha seat profile
टीकमगढ़ लोकसभा सीट के 2019 के परिणाम

लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा 2019 में वीरेन्द्र कुमार भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर फिर मैदान में थे. इस बार उन्हें 6 लाख 72 हजार 248 वोट मिले. वहीं उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की किरण अहिरवार को 3 लाख 24 हजार 189 मत मिले. इस तरह वीरेन्द्र कुमार लगातार तीसरी बार 3 लाख 48 हजार 59 मतों से जीत गए.

उमा भारती और वीरेन्द्र कुमार बने टीकमगढ़ सीट की पहचान

टीकमगढ़ सीट जब अनारक्षित तौर पर खजुराहो सीट का हिस्सा थी. तब पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती यहां से 1989, 1991, 1996 और 1998 में चार बार चुनाव जीती, लेकिन 2004 में खजुराहो सीट से कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने चुनाव जीता और उसके बाद 2008 के परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई और अब तक हुए तीन चुनाव में केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार लगातार चुनाव जीते.

टीकमगढ़ का जातीय समीकरण

अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित लोकसभा सीट में साफ है कि सबसे ज्यादा अनूसूचित जाति के मतदाता हैं. जिनकी संख्या करीब 24 फीसदी है. करीब 3 लाख अनुसूचित जाति मतदाताओं वाली सीट में ओबीसी मतदाताओं में यादव मतदाता काफी अच्छी संख्या में है. इसके अलावा लोधी और ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी संख्या में है. यूपी की सीमा से लगे टीकमगढ़ में इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी कांग्रेस के लिए मददगार साबित होगी.

tikamgarh lok sabha seat profile
टीकमगढ़ लोकसभा सीट की जानकारी और मुद्दे

टीकमगढ़ लोकसभा के मुद्दे

टीकमगढ़ के हाल भी बुंदेलखंड के दूसरे जिलों की तरह है. ये इलाका भी आर्थिक बदहाली के लिए जाना जाता है. लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण यहां पर सिंचाई के साधनों की कमी के कारण खेती किसानी में कुछ खास फायदा नहीं है. बेरोजगारी के चलते लोग पलायन के लिए मजबूर हैं.

यहां पढ़ें...

अखिलेश-राहुल के चक्रव्यूह को तोड़ पाएगी BJP, खजुराहो सीट के लिए इंडिया गठबंधन की नई रणनीति

भाजपा का गढ़ मानी जाती है बुंदलेखंड की सागर सीट, 1991 से कांग्रेस नहीं तोड़ पा रही तिलिस्म

कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशी घोषित

टीकमगढ़ लोकसभा सीट से दोनों प्रमुख दलों से प्रत्याशियों का एलान कर दिया है. भाजपा ने जहां अपने केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार पर लगातार चौथी बार भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस ने नए चेहरे के तौर पर पंकज अहिरवार को मैदान में उतारा है.

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