पलामू: पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है. पलामू टाइगर रिजर्व के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित हाई रेजोल्यूशन रूम में बाघों की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है. शुक्रवार को भी पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में एक वयस्क बाघ की तस्वीर कैद हुई थी. पिछले दो महीने के अंदर यह तीसरी बार है जब बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है.
दरअसल, पिछले एक साल के अंदर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में चार बाघों की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है. एक मौके पर दिल्ली और दूसरे मौके पर पश्चिम बंगाल के एक पर्यटक ने बाघ की तस्वीर खींची थी. बाघ की मौजूदगी वाले इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है. हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. बाघ लगातार जंगल में शिकार कर रहा है, पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी बाघ के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघों की तस्वीरें अध्ययन के लिए देहरादून स्थित वन्य जीव संस्थान को भेज दी है.
"पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की आवाजाही लगातार दर्ज की जा रही है. पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों के लिए बेहतर माहौल बनाया गया है. इलाके में हाई अलर्ट भी जारी किया गया है." - कुमार आशुतोष, निदेशक, पलामू टाइगर रिजर्व
पहली बार छह महीने से ज्यादा पीटीआर में रहे बाघ
पलामू टाइगर में पिछले छह माह से लगातार बाघ का मूवमेंट रिकॉर्ड किया जा रहा है. बाघ स्थिर हैं और पर्यटकों को भी दिखाई दे रहे हैं. पिछले कुछ सालों में यह पहली बार है कि बाघ इतनी संख्या में मौजूद हैं और लगातार देखे जा रहे हैं. पहले पलामू टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में बाघ देखे जाते थे. लेकिन कुछ ही समय में वे अपना क्षेत्र बदल लेते थे.
पलामू टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व कॉरिडोर से जुड़ा है. बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र से पलामू टाइगर रिजर्व में प्रवेश करते हैं और लगभग 450 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करते हैं.
पलामू टाइगर रिजर्व को बनया जा रहा बेहतर
पलामू टाइगर रिजर्व बनाकर बाघों का प्रवास क्षेत्र 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों के अस्तित्व के लिए कई पहल की गयी हैं. बाघों के भोजन के लिए सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए जा रहे हैं और हिरण व चीतल को शिफ्ट किया जा रहा है.
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